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एक विंग के कर्मी को दूसरे विंग में तैनात करना कानूनन खिलाफ-HC

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि एक विंग में काम करने वाले कर्मचारियों को दूसरे विंग में तैनात करना कानून की अनदेखी है.

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Published : Feb 12, 2021, 8:01 AM IST

chandigarh High court cancel order deputation case
एक विंग के कर्मी को दूसरे विंग में तैनात करना कानूनन खिलाफ-HC

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सहायक सचिवों, ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर को हरियाणा राज्य परिवहन में और रोडवेज स्टाफ आरटीए स्टाफ में 1 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजने के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा?

हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार पर आधारित बेंच ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग में जब रेगुलेटरी और कमर्शियल विंग है तो बगैर कर्मचारी की रजामंदी और दूसरी विंग में समान पद की नेचर का कोई काम नहीं है तो प्रतिनियुक्ति पर भेजना उचित नहीं है.

एक विंग में काम करने वाले कर्मचारियों को दूसरे विंग में तैनात करना कानूनन खिलाफ है. इसी तर्क के साथ हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से जारी सभी प्रतिनियुक्ति आदेशों को रद्द करने के आदेश दिए हैं- HC

ये भी पढ़िए: रैपर बादशाह के ऑनलाइन प्रमोटर को राहत, HC ने मुंबई पुलिस का नोटिस खारिज किया

इस मामले में प्रदीप कुमार और अन्य ने हाई कोर्ट से मांग की थी कि वो सरकार की ओर से अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगाएं, जिसमें सहायक सचिवों, ट्रांसपोर्ट इस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर को निदेशक हरियाणा राज्य परिवहन में 1 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्णय लिया गया है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सहायक सचिवों, ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर को हरियाणा राज्य परिवहन में और रोडवेज स्टाफ आरटीए स्टाफ में 1 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजने के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा?

हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार पर आधारित बेंच ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग में जब रेगुलेटरी और कमर्शियल विंग है तो बगैर कर्मचारी की रजामंदी और दूसरी विंग में समान पद की नेचर का कोई काम नहीं है तो प्रतिनियुक्ति पर भेजना उचित नहीं है.

एक विंग में काम करने वाले कर्मचारियों को दूसरे विंग में तैनात करना कानूनन खिलाफ है. इसी तर्क के साथ हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से जारी सभी प्रतिनियुक्ति आदेशों को रद्द करने के आदेश दिए हैं- HC

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इस मामले में प्रदीप कुमार और अन्य ने हाई कोर्ट से मांग की थी कि वो सरकार की ओर से अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगाएं, जिसमें सहायक सचिवों, ट्रांसपोर्ट इस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर को निदेशक हरियाणा राज्य परिवहन में 1 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्णय लिया गया है.

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