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पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हर्ष का टीला और शेख चिल्ली के मकबरे के दायरे में निर्माण करने वालों पर कार्रवाई के दिए आदेश - चंडीगढ़ हाई कोर्ट हर्ष का टीला

कुरुक्षेत्र निवासी पंकज शर्मा ने याचिका दायर कर कहा है कि हर्ष का टीला और शेख चिल्ली का मकबरा से 100 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है.

high court asks to take action against those who are doing construction in harsh ka tila and sheikh chilli monument
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हर्ष का टीला और शेख चिल्ली के मकबरे के दायरे में निर्माण करने वालों पर कार्रवाई के दिए आदेश
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Published : Feb 19, 2021, 2:31 PM IST

चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र के गांव भारी स्थित ऐतिहासिक स्मारक हर्ष का टीला और शेख चिल्ली का मकबरा के 100 मीटर प्रतिबंधित दायरे में हो रहे निर्माण पर रोक लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर चीफ जस्टिस रवी शंकर झा की खंडपीठ ने संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिए कि वो कानून का उल्लंघन ना होने दें और तत्काल कार्रवाई करें.

बता दें कि कुरुक्षेत्र निवासी पंकज शर्मा ने याचिका दायर कर कहा है कि हर्ष का टीला और शेख चिल्ली का मकबरा से 100 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है.

ये भी पढ़ें: दंपती ने हाई कोर्ट से लगाई सुरक्षा की गुहार, जज साहब ने किया इनकार, जानें क्यों?

ये मोनुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रीमेंस एक्ट 1958 के अवहेला है. उन्होंने इस संबंध में सेंट्रल अथॉरिटीज को शिकायत भी दी है और इन शिकायतों पर संज्ञान लेकर निर्माण कार्य करने वालों को नोटिस भी जारी किए गए हैं, बावजूद इसके प्रतिबंधित इलाकों में निर्माण कार्य जारी है.

चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र के गांव भारी स्थित ऐतिहासिक स्मारक हर्ष का टीला और शेख चिल्ली का मकबरा के 100 मीटर प्रतिबंधित दायरे में हो रहे निर्माण पर रोक लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर चीफ जस्टिस रवी शंकर झा की खंडपीठ ने संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिए कि वो कानून का उल्लंघन ना होने दें और तत्काल कार्रवाई करें.

बता दें कि कुरुक्षेत्र निवासी पंकज शर्मा ने याचिका दायर कर कहा है कि हर्ष का टीला और शेख चिल्ली का मकबरा से 100 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है.

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ये मोनुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रीमेंस एक्ट 1958 के अवहेला है. उन्होंने इस संबंध में सेंट्रल अथॉरिटीज को शिकायत भी दी है और इन शिकायतों पर संज्ञान लेकर निर्माण कार्य करने वालों को नोटिस भी जारी किए गए हैं, बावजूद इसके प्रतिबंधित इलाकों में निर्माण कार्य जारी है.

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