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कथित संत रामपाल की दो जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, एक रद्द, दूसरी पर सरकार को नोटिस

कथित संत रामपाल ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. इन याचिकाओं पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई.

Hearing on two bail pleas of alleged saint Rampal
कथित संत रामपाल की दो जमानत याचिका पर हुई सुनवाई
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Published : Jul 1, 2020, 7:36 PM IST

चंडीगढ़: बुधवार को कथित संत रामपाल की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई गई दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. ये सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई. जहां पर एक जमानत याचिका खारिज हुई और दूसरी जमानत याचिका पर हरियाणा सरकार को 3 जुलाई के लिए नोटिस जारी किया गया है.

आपको बता दें कथित संत रामपाल की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दो अलग-अलग एफआईआर पर जमानत के लिए अपील दाखिल की गई थी. जिसमें से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका को खारिज कर दिया.

कथित संत रामपाल की दो जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, देखिए वीडियो

'शादी में शामिल होने के लिए नहीं मिल सकती जमानत'

दरअसल रामपाल ने अपनी पोती की शादी में हिस्सा लेने के लिए जमानत मांगी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि रामपाल ने जिस तरह के अपराध को अंजाम दिया है. उसको देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती, हालांकि दूसरी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है.

'रामपाल के बेटे को मिली जमानत'

बता दें कि रामपाल समेत उसके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. संत रामपाल के बेटे वीरेंद्र को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 3 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है. वहीं रामपाल की याचिका को खारिज कर दिया गया है.

क्या है रामपाल प्रकरण?

रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है. इसके खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं. इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस और उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे. इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था.

रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है. वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था. रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी. इन मामलों में रामपाल समेत कुल 15 लोगों को दोषी करार दिए गए हैं.

ये भी पढ़िए: गोहाना पुलिस मर्डर केसः दिसंबर में होनी थी सिपाही रविंद्र की शादी, शहनाई की जगह उठी अर्थी

चंडीगढ़: बुधवार को कथित संत रामपाल की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई गई दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. ये सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई. जहां पर एक जमानत याचिका खारिज हुई और दूसरी जमानत याचिका पर हरियाणा सरकार को 3 जुलाई के लिए नोटिस जारी किया गया है.

आपको बता दें कथित संत रामपाल की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दो अलग-अलग एफआईआर पर जमानत के लिए अपील दाखिल की गई थी. जिसमें से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका को खारिज कर दिया.

कथित संत रामपाल की दो जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, देखिए वीडियो

'शादी में शामिल होने के लिए नहीं मिल सकती जमानत'

दरअसल रामपाल ने अपनी पोती की शादी में हिस्सा लेने के लिए जमानत मांगी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि रामपाल ने जिस तरह के अपराध को अंजाम दिया है. उसको देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती, हालांकि दूसरी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है.

'रामपाल के बेटे को मिली जमानत'

बता दें कि रामपाल समेत उसके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. संत रामपाल के बेटे वीरेंद्र को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 3 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है. वहीं रामपाल की याचिका को खारिज कर दिया गया है.

क्या है रामपाल प्रकरण?

रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है. इसके खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं. इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस और उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे. इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था.

रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है. वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था. रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी. इन मामलों में रामपाल समेत कुल 15 लोगों को दोषी करार दिए गए हैं.

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