चंडीगढ़ः गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कैट-3 और पैरलल टैक्सी ट्रेक के मामले में हाई कोर्ट ने छह महीने में कैट-3 सुविधा देने के आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार ने इस पर कहा कि एयरपोर्ट पर कैट-3 फैसिलिटी पर एएआई और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सहमति बन गई है और टाटा सीड भी इसके लिए तैयार है. आगे की कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति बाकी है. अब ये मामला रक्षा मंत्रालय के पास विचाराधीन है.
कोर्ट ने लगाई फटकार
सुनवाई में हाई कोर्ट को बताया गया कि ओएलएस सर्वे की रिपोर्ट अभी 20 सितंबर को आई है. जिसमें 135 ऑब्जरवेशन आई है. इसलिए कैट 3 को लगाने से पहले उसको रिजॉल्व करना होगा जिस पर हाई कोर्ट ने कहा है कि जितने भी स्टेक होल्डर हैं एक दूसरे को लेटर लिखने की जगह एक बार एक जगह बैठकर एक हफ्ते में बैठक करें. कैट-3, पैरलल टैक्सी ट्रैक और ओएलएस को लेकर कोर्ट ने अब तीनों मुद्दों पर सभी पक्षों को बैठक कर तीन हफ्ते में हल निकालने के आदेश दिए हैं.
18 सितंबर को नोटिस जारी
वहीं अवैध निर्माण पर पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि 98 स्ट्रक्चर्स को नोटिस भी दिए गए हैं, अगली सुनवाई तक पंजाब सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दे दी जाएगी. पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने 9 मार्च 2011 को जारी नोटिफिकेशन के बाद बने सभी निर्माण तय प्रक्रिया के तहत तत्काल गिराए जाने के आदेश पर सरकार ने बताया कि सभी 98 निर्माणों के मालिकों को 18 सितंबर को नोटिस दिया जा चुका है. वर्क ऑफ डिफेंस एक्ट के तहत जारी नोटिस में उन्हें 15 दिनों में निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया है. जवाब आने बाद इन पर तय कानून के तहत कार्रवाई कर दी जाएगी.
मामले की अगली सुनवाई
फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 1 नवंबर के लिए रखी गई है. वहीं कोर्ट की तरफ से सभी स्टेकहोल्डर को कहा गया है कि वो आपस में बैठकर चर्चा के बाद आए हुए 135 ऑब्जर्वेशनस को रिजॉल्व करें. गौरतलब है कि कैट 3 को लगाने से पहले आई हुई 135 ऑब्जर्वेशन को डिजॉल करना होगा जिसके लिए कोर्ट की तरफ से बैठक कर आपसी बातचीत से इसे निपटाने के आदेश दे दिए गए हैं.
ये भी पढ़ेंः मानेसर लैंड स्कैम: CBI कोर्ट में हुई सुनवाई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं हुए पेश