ETV Bharat / state

खेमका की याचिका पर HC में सुनवाई, 30 दिसंबर तक वित्त मंत्रालय को देना होगा जवाब

अशोक खेमका ने 2016 के बजट प्रस्ताव से जुड़े दस्तावेज की आरटीआई से जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने उन्हें ये जानकारी नहीं दी. जिसके बाद खेमका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस को नोटिस तलब किया है.

खेमका की याचिका पर HC में सुनवाई
author img

By

Published : May 3, 2019, 11:40 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ये जवाब 30 सितंबर तक दिया जाना है. खेमका ने 2016 के बजट प्रस्ताव जिसके तहत ईपीएफ पर आयकर लगाए जाने से जुड़े दस्तावेज की आरटीआई से जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने उन्हें ये जानकारी नहीं दी. जिसके बाद खेमका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

image
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (फाइल फोटो)

खेमका ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय 2016 के बजट से पहले एक प्रस्ताव लाया था. प्रावधान के तहत अगर कोई कर्मी ईपीएफ राशि निकलता है, तो उसके 60 प्रतिशत पर आयकर देना होगा. लेकिन अगर राशि दूसरे निजी फंड में निवेश करता है तो उसे इस आयकर से पूरी तरह से छूट मिलेगी. कर्मचारियों ने इसका खासा विरोध किया था. विरोध के बाद सरकार ने ये प्रस्ताव वापस ले लिया था और साल 2016 -17 के बजट में इसे शामिल नहीं किया गया.

खेमका ने मार्च 2017 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स में आरटीआई से सूचना मांगी थी कि इस प्रस्ताव के पीछे सरकार की मंशा क्या थी और इस प्रस्ताव पर क्या नोटिंग दी गई. साथ ही किस आधार पर यह प्रस्ताव लाया गया. खेमका ने आरोप लगाया गया है कि सरकार कारपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए ये प्रस्ताव लाई है.

चंडीगढ़: हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ये जवाब 30 सितंबर तक दिया जाना है. खेमका ने 2016 के बजट प्रस्ताव जिसके तहत ईपीएफ पर आयकर लगाए जाने से जुड़े दस्तावेज की आरटीआई से जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने उन्हें ये जानकारी नहीं दी. जिसके बाद खेमका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

image
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (फाइल फोटो)

खेमका ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय 2016 के बजट से पहले एक प्रस्ताव लाया था. प्रावधान के तहत अगर कोई कर्मी ईपीएफ राशि निकलता है, तो उसके 60 प्रतिशत पर आयकर देना होगा. लेकिन अगर राशि दूसरे निजी फंड में निवेश करता है तो उसे इस आयकर से पूरी तरह से छूट मिलेगी. कर्मचारियों ने इसका खासा विरोध किया था. विरोध के बाद सरकार ने ये प्रस्ताव वापस ले लिया था और साल 2016 -17 के बजट में इसे शामिल नहीं किया गया.

खेमका ने मार्च 2017 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स में आरटीआई से सूचना मांगी थी कि इस प्रस्ताव के पीछे सरकार की मंशा क्या थी और इस प्रस्ताव पर क्या नोटिंग दी गई. साथ ही किस आधार पर यह प्रस्ताव लाया गया. खेमका ने आरोप लगाया गया है कि सरकार कारपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए ये प्रस्ताव लाई है.

Intro:nullBody:
हरियाणा के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी अशोक खेमका की याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डाइरेक्ट टैक्सेज को 30 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है खेमका ने 2016 के बजट के एक प्रस्ताव जिसके तहत ई.पी.एफ. पर आयकर लगाए जाने की आर.टी.आई. के जरिये मांगी जानकारी नहीं दिए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी है
अशोक खेमका ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय वर्ष 2016 के बजट से पहले एक प्रस्ताव लाई थी कि अगर कोई कर्मी अपने ई.पी.एफ. की राशि निकलता है तो निकली गई राशि के 60 प्रतिशत पर आयकर देना होगा लेकिन अगर कर्मी ई.पी.एफ. की राशि को आगे किसी अन्य निजी फंड्स में इन्वेस्ट करता है तो उसे इस आयकर से पूरी तरह से छूट मिलेगी इस प्रस्ताव का तब काफी विरोध हुआ था कई इम्पलॉईस और यूनियन सहित मीडिया में इसका ख़ासा विरोध हुआ था कि सरकार कॉरपोरेट को लाभ पहुँचाने के लिए ही यह प्रस्ताव लेकर आई है
Conclusion:विरोध के बाद सरकार ने यह प्रस्ताव वापिस ले लिया था और वर्ष 2016 -17 के बजट में इसे शामिल नहीं किया था याचिकाकर्ता ने बताया कि इसके बाद उसने मार्च 2017 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डाइरेक्ट टैक्सेज में आर.टी.आई. डाल यह सुचना मांगी थी कि इस तरह का प्रस्ताव लाये जाने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी और इस प्रस्ताव पर क्या नोटिंग दी गई और किस आधार पर यह प्रस्ताव लाया गया सुचना दिए जाने से इंकार कर दिया गया कि यह विधायिका का निर्णय है और गोपनीय है जिसकी सुचना नहीं दी जा सकती इसके बाद खेमका ने अपीलेट अथॉरिटी में अपील की जिसे फिर ख़ारिज कर दिया गया
आर.टी.आई. के जरिये मांगी गई सुचना नहीं दिए जाने को अब खेमका ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जब आई.टी.आई. एक्ट के तहत प्रत्येक नागरिक को फाइल की नोटिंग जानने के अधिकार है जिसे इंकार नहीं किया जा सकता है जस्टिस ए.जी. मसीह ने खेमका की याचिका पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय सहित सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डाइरेक्ट टैक्सेज को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.