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किसानों की फसल खरीद को लेकर HC का सरकार को नोटिस, 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई

भारतीय किसान संघ की तरफ से पंजाब में किसानों की फसल खरीद के मामले को लेकर लगाए गए अवमानना के तहत एक एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने अवमानना के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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Published : Aug 27, 2019, 11:55 PM IST

punjab and haryana high court

चंडीगढ़ः सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि प्रदेश में मक्की की फसल नहीं होती है और ना ही फसल बिक्री के लिए मंडी में पहुंची है. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन की तरफ से एक एप्लीकेशन दायर की गई थी जिसमें सरकार की तरफ से मंडियों में मक्की की खरीदना करने और सूरजमुखी की केवल 25% खरीद करने की बात कही गई थी. सरकार की तरफ से मक्की की खरीदना करनी के आरोप पर सरकार की तरफ से जो जवाब दिया गया. उस पर याचिकाकर्ता पक्ष ने कुछ आंकड़े हाईकोर्ट में देते हुए हरियाणा सरकार पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

फसल खरीद को लेकर HC का पंजाब सरकार को नोटिस जारी

इस मामले में किसान यूनियन के वकील जेएस तूर ने बताया कि हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा सरकार को मक्की की खरीद करने को कहा था मगर सरकार ने खरीद नहीं की है. जब हरियाणा सरकार से पूछा गया कि क्यों खरीद नहीं की जा रही तो सरकार ने कहा कि हरियाणा में मक्की नहीं होती है और मंडी में मक्की नहीं आई. याचिकाकर्ता पक्ष ने इस पर कोर्ट को बताया है कि कितने हजार क्विंटल मक्की पैदा हुई और कितनी मंडी में खरीद के लिए आई है. इसमें याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर कहा है कि हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को मिस लीड किया है.

याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से हाई कोर्ट में जानकारी दी है की पंजाब सरकार की तरफ से फरवरी 2017 में एफिडेविट दायर किया गया था. इसके तहत सरकार ने कहा था कि 4 जगह मक्की और पंजाब भर से सूरजमुखी की खरीद की जाएगी, इस ऐफिडेविट के नाते सरकार को प्रोग्राम बनाना था और केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन देना होता है कि कितनी फसल हुई है और कितनी फसल मंडी में आएगी ताकि खरीद एजेंसी इसकी खरीद कर ले. नैफेड ने कहा था की हमारे बिहाफ पर राज्य सरकार इसपर कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है और 30 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.

चंडीगढ़ः सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि प्रदेश में मक्की की फसल नहीं होती है और ना ही फसल बिक्री के लिए मंडी में पहुंची है. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन की तरफ से एक एप्लीकेशन दायर की गई थी जिसमें सरकार की तरफ से मंडियों में मक्की की खरीदना करने और सूरजमुखी की केवल 25% खरीद करने की बात कही गई थी. सरकार की तरफ से मक्की की खरीदना करनी के आरोप पर सरकार की तरफ से जो जवाब दिया गया. उस पर याचिकाकर्ता पक्ष ने कुछ आंकड़े हाईकोर्ट में देते हुए हरियाणा सरकार पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

फसल खरीद को लेकर HC का पंजाब सरकार को नोटिस जारी

इस मामले में किसान यूनियन के वकील जेएस तूर ने बताया कि हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा सरकार को मक्की की खरीद करने को कहा था मगर सरकार ने खरीद नहीं की है. जब हरियाणा सरकार से पूछा गया कि क्यों खरीद नहीं की जा रही तो सरकार ने कहा कि हरियाणा में मक्की नहीं होती है और मंडी में मक्की नहीं आई. याचिकाकर्ता पक्ष ने इस पर कोर्ट को बताया है कि कितने हजार क्विंटल मक्की पैदा हुई और कितनी मंडी में खरीद के लिए आई है. इसमें याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर कहा है कि हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को मिस लीड किया है.

याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से हाई कोर्ट में जानकारी दी है की पंजाब सरकार की तरफ से फरवरी 2017 में एफिडेविट दायर किया गया था. इसके तहत सरकार ने कहा था कि 4 जगह मक्की और पंजाब भर से सूरजमुखी की खरीद की जाएगी, इस ऐफिडेविट के नाते सरकार को प्रोग्राम बनाना था और केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन देना होता है कि कितनी फसल हुई है और कितनी फसल मंडी में आएगी ताकि खरीद एजेंसी इसकी खरीद कर ले. नैफेड ने कहा था की हमारे बिहाफ पर राज्य सरकार इसपर कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है और 30 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.

Intro:एंकर -
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि हरियाणा में मक्की की फसल नहीं होती है और ना ही फसल बिक्री के लिए मंडी में पहुंची है । इससे पहले भारतीय किसान यूनियन हरियाणा की तरफ से एक एप्लीकेशन दायर की गई थी जिसमें हरियाणा सरकार की तरफ से मंडियों में मक्की की खरीदना करने और सूरजमुखी की केवल 25% खरीद करने की बात कही गई थी । हरियाणा सरकार की तरफ से मक्की की खरीदना करनी के आरोप पर सरकार की तरफ से जो जवाब दिया गया उस पर याचिकाकर्ता पक्ष ने कुछ आंकड़े हाईकोर्ट में देते हुए हरियाणा सरकार पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है । दूसरी तरफ भारतीय किसान संघ हरियाणा की तरफ से पंजाब में किसानों की खरीद खरीद के मामले को लेकर लगाए गए अवमानना के तहत एक एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने अवमानना के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ।


Body:इस मामले में किसान यूनियन के वकील जेएस तूर ने बताया कि हाई कोर्ट की तरफ से हरियाणा सरकार को मक्की की खरीद करने को कहा था मगर सरकार ने खरीद नही की है । जब हरियाणा से पूछा गया कि क्यों खरीद नही की जा रही तो सरकार ने कहा कि हरियाणा में मक्की नही होती है और मंडी में मक्की नही आई । याचिकाकर्ता पक्ष ने इसपर हमने कोर्ट को बताया है कि कितने हजार क्विंटल पैदा हुई और कितनी मंडी में खरीद के लिए आई है । इसमें याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर कहा है कि हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को मिस लीड किया है ।
बाइट - जेएस तूर , याचिकाकर्ता पक्ष के वकील
वीओ -
याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से हाई कोर्ट में जानकारी दी है की पंजाब सरकार की तरफ से फरवरी 2017 में एफिडेविट दायर किया गया था । इसके तहत सरकार ने कहा था कि 4 जगह मक्की और पंजाब भर से सूरजमुखी की खरीद की जाएगी , इस ऐफिडेविट के नाते सरकार को प्रोग्राम बनाना था और केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन देना होता है कि कितनी फसल हुई है और कितनी फसल मंडी में आएगी ताकि खरीद एजेंसी इसकी खरीद कर ले । नैफेड ने कहा था की हमारे बिहाफ पर राज्य सरकार खरीद कर ले और तीन दिनों के लिए किसानों को पैसा सरकार दे जिसके बाद 10 दिनों में सरकार को पैसा लौटा दिया जाएगा । आज तक कोई प्रोग्राम ऐसा नही बनाया गया जिसके बाद एक एप्लीकेशन दायर की गई है कि कोर्ट में ऐफिडेविट देकर भी कोई प्रोग्राम नही बनाया जिसके तहत अवमानना के तहत कार्यवाही होनी चाहिए । इसपर कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है और 30 ओकटुबर को मामले की अगली सुनवाई होगी ।
बाइट - जे एस तूर , याचिकाकर्ता पक्ष के वकील


Conclusion:फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से मक्की की खरीदना करने को लेकर एप्लीकेशन लगाई गई है जिसमें हरियाणा सरकार पर हाईकोर्ट में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है इस पर अभी कोर्ट को सुनवाई करना है बाकी है ।
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