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पराली को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पंजाब-हरियाणा के किसानों को दें 100 रुपये प्रति क्विंटल - पराली पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, यूपी और पंजाब सरकार को आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों को संभालने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के छोटे और सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाए.

पराली को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पंजाब-हरियाणा किसानों को दें 100 रुपये प्रति क्विंटल
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Published : Nov 6, 2019, 8:12 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 9:18 PM IST

दिल्ली/चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव पेश हुए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया है.

पराली पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि उड़ानों को डायवर्ट किया जा रहा है और लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं. इसके बाद भी दोनों राज्यों की सरकारों को शर्म नहीं आ रही है. कोर्ट ने कहा कि ये करोड़ों लोगों के जीवन और मृत्यु का सवाल है. हमें इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बनाना है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसान अपनी आजीविका के लिए किसी कि जिंदगी दांव पर नहीं लगा सकते हैं.

  • Air Pollution matter in Supreme Court: Court today ordered incentive of Rs 100 per quintal for small and marginal farmers from states of Punjab, Haryana and Uttar Pradesh to handle residue of non-Basmati rice crops. pic.twitter.com/v9AkX83Z3m

    — ANI (@ANI) November 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

गौरतलब है कि बुधवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई की. इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के मुख्य सचिव न्यायालय में मौजूद रहे. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इस साल भी पराली जली. सरकार पहले से तैयार क्यों नहीं थी और मशीनें क्यों नहीं दी गईं. ऐसा लगता है कि सालभर से इसे लेकर कोई कदम उठाए ही नहीं गए. उन्होंने हरियाणा के चीफ सेक्रटरी से पूछा कि उन्होंने अपने राज्य के 4 जिलों में पराली जलाने के मामले में लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?

ये भी पढ़िए: पराली जलाने पर 14 गांव के सरपंचों को नोटिस, जमीदारों के गन लाइसेंस होंगे रद्द

राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, यूपी और पंजाब सरकार को आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों को संभालने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के छोटे और सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि राज्य सरकारें फंड की कमी का बहाना बनाकर इससे बच नहीं सकतीं है.

hearing in supreme court on stubble burning
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आंकड़े

हरियाणा सरकार ने पेश किए पराली से जुड़े आंकड़ें
वहीं सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कोर्ट में पराली से जुड़े आंकड़े पेश किए. सरकार की ओर से कहा गया कि इस साल पहले की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है. सरकार ने कहा कि ये आंकड़े सैटेलाइट की मदद से लिए गए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा में पराली जलाने के आंकड़ों में आई कमी को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई.

hearing in supreme court on stubble burning
पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में आई कमी-हरियाणा सरकार

दिल्ली/चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव पेश हुए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया है.

पराली पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि उड़ानों को डायवर्ट किया जा रहा है और लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं. इसके बाद भी दोनों राज्यों की सरकारों को शर्म नहीं आ रही है. कोर्ट ने कहा कि ये करोड़ों लोगों के जीवन और मृत्यु का सवाल है. हमें इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बनाना है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसान अपनी आजीविका के लिए किसी कि जिंदगी दांव पर नहीं लगा सकते हैं.

  • Air Pollution matter in Supreme Court: Court today ordered incentive of Rs 100 per quintal for small and marginal farmers from states of Punjab, Haryana and Uttar Pradesh to handle residue of non-Basmati rice crops. pic.twitter.com/v9AkX83Z3m

    — ANI (@ANI) November 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

गौरतलब है कि बुधवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई की. इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के मुख्य सचिव न्यायालय में मौजूद रहे. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इस साल भी पराली जली. सरकार पहले से तैयार क्यों नहीं थी और मशीनें क्यों नहीं दी गईं. ऐसा लगता है कि सालभर से इसे लेकर कोई कदम उठाए ही नहीं गए. उन्होंने हरियाणा के चीफ सेक्रटरी से पूछा कि उन्होंने अपने राज्य के 4 जिलों में पराली जलाने के मामले में लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?

ये भी पढ़िए: पराली जलाने पर 14 गांव के सरपंचों को नोटिस, जमीदारों के गन लाइसेंस होंगे रद्द

राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, यूपी और पंजाब सरकार को आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों को संभालने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के छोटे और सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि राज्य सरकारें फंड की कमी का बहाना बनाकर इससे बच नहीं सकतीं है.

hearing in supreme court on stubble burning
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आंकड़े

हरियाणा सरकार ने पेश किए पराली से जुड़े आंकड़ें
वहीं सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कोर्ट में पराली से जुड़े आंकड़े पेश किए. सरकार की ओर से कहा गया कि इस साल पहले की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है. सरकार ने कहा कि ये आंकड़े सैटेलाइट की मदद से लिए गए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा में पराली जलाने के आंकड़ों में आई कमी को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई.

hearing in supreme court on stubble burning
पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में आई कमी-हरियाणा सरकार
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Last Updated : Nov 6, 2019, 9:18 PM IST
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