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स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी हरियाणा सरकार?

शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर बतौर सूबे के वित्त विभाग के मुखिया होने के नाते बजट पेश करेंगे. ऐसे में हरियाणा की जनता स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी उम्मीदें रखती है. जनता दिल्ली के तर्ज पर सुविधाओं की मांग कर रही है, विस्तार से पढे़ं.

health policy and public expectation of haryana budget
स्वास्थ्य विभाग
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Published : Feb 29, 2020, 4:11 PM IST

चंडीगढ़/गुरुग्राम: हरियाणा के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री बतौर वित्त मंत्री प्रदेश का बजट पेश करने जा रहे हैं. बजट सत्र से हरियाणा की जनता को काफी उम्मीदें है. हरियाणा बजट 2020 पर ईटीवी भारत ने गुरुग्राम की जनता से जानने की कोशिश की कि सरकार किस स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौन-सी योजनाएं चलाई चाहिए और कौन से प्रावधान करने चाहिए जिससे प्रदेश की जरूरत मंद जनता को सुविधा मुहैया हो सके.

प्रदेश की जनता की है बड़ी उम्मीदें

लोगों का कहना है कि वो चाहते हैं कि हरियाणा में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए. साथ ही सरकारी अस्पतालों की हालत काफी खराब है, जिसे ठीक किया जाना चाहिए. हरियाणा सरकार केंद्र की आयुष्मान और इंद्रधनुष योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना भी चला रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की जनता को सरकारी अस्पतालों से काफी शिकायते हैं.

स्वास्थ्य विभाग से जनता की क्या हैं उम्मीदें, देखिए रिपोर्ट

स्वास्थ्य कर्मियों की है बड़ी मांग

मेडिकल विभाग को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस की सबसे बड़ी मांग है. इसके साथ ही 18-20 साल से काम करने वाले जो कर्मचारी कच्चे हैं, उन्हें जल्द से जल्द पक्का किया जाए ताकि उनकी नौकरी भी सुरक्षित हो सके. पंजाब के समान वेतन के साथ कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है.

लगातार स्वास्थ्य के लिए बजट बढ़ा रही है सरकार

हालांकि हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार ईजाफा किया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए वर्ष 2019-20 में 5,040.65 करोड़ रुपए बजट रखा गया था. जोकि वर्ष 2018-19 के 4,486.91 करोड़ रुपए से 12.3 प्रतिशत ज्यादा है. इस बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,126.54 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 1,358.75 करोड़ रुपए, आयुष के लिए 337.2 करोड़ रुपए, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 172.49 करोड़ रुपए और खाद्य एवं औषध प्रशासन के लिए 45.67 करोड़ रुपए बजट रखा गया है. वहीं पिछले साल के बजट और हरियाणा की लगातार बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल स्वास्थ्य के क्षेत्र का बजट दस हजार करोड़ को पार कर सकता है.

ये भी पढ़ेंः बजट मास्टर से आसान भाषा में समझिए कि राज्य का बजट कैसे तैयार होता है

लोगों ने दिल्ली के जैसे मोहल्ला क्लीनिक खोलने की मांग की, जिसे सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है, फिलहाल अब शुक्रवार का दिन ही ये तय करेगा कि लोगों की उम्मीदों पर जेजेपी-बीजेपी सरकार किताना खरा उतर पाती है.

चंडीगढ़/गुरुग्राम: हरियाणा के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री बतौर वित्त मंत्री प्रदेश का बजट पेश करने जा रहे हैं. बजट सत्र से हरियाणा की जनता को काफी उम्मीदें है. हरियाणा बजट 2020 पर ईटीवी भारत ने गुरुग्राम की जनता से जानने की कोशिश की कि सरकार किस स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौन-सी योजनाएं चलाई चाहिए और कौन से प्रावधान करने चाहिए जिससे प्रदेश की जरूरत मंद जनता को सुविधा मुहैया हो सके.

प्रदेश की जनता की है बड़ी उम्मीदें

लोगों का कहना है कि वो चाहते हैं कि हरियाणा में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए. साथ ही सरकारी अस्पतालों की हालत काफी खराब है, जिसे ठीक किया जाना चाहिए. हरियाणा सरकार केंद्र की आयुष्मान और इंद्रधनुष योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना भी चला रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की जनता को सरकारी अस्पतालों से काफी शिकायते हैं.

स्वास्थ्य विभाग से जनता की क्या हैं उम्मीदें, देखिए रिपोर्ट

स्वास्थ्य कर्मियों की है बड़ी मांग

मेडिकल विभाग को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस की सबसे बड़ी मांग है. इसके साथ ही 18-20 साल से काम करने वाले जो कर्मचारी कच्चे हैं, उन्हें जल्द से जल्द पक्का किया जाए ताकि उनकी नौकरी भी सुरक्षित हो सके. पंजाब के समान वेतन के साथ कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है.

लगातार स्वास्थ्य के लिए बजट बढ़ा रही है सरकार

हालांकि हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार ईजाफा किया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए वर्ष 2019-20 में 5,040.65 करोड़ रुपए बजट रखा गया था. जोकि वर्ष 2018-19 के 4,486.91 करोड़ रुपए से 12.3 प्रतिशत ज्यादा है. इस बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,126.54 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 1,358.75 करोड़ रुपए, आयुष के लिए 337.2 करोड़ रुपए, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 172.49 करोड़ रुपए और खाद्य एवं औषध प्रशासन के लिए 45.67 करोड़ रुपए बजट रखा गया है. वहीं पिछले साल के बजट और हरियाणा की लगातार बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल स्वास्थ्य के क्षेत्र का बजट दस हजार करोड़ को पार कर सकता है.

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लोगों ने दिल्ली के जैसे मोहल्ला क्लीनिक खोलने की मांग की, जिसे सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है, फिलहाल अब शुक्रवार का दिन ही ये तय करेगा कि लोगों की उम्मीदों पर जेजेपी-बीजेपी सरकार किताना खरा उतर पाती है.

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