चंडीगढ़ः कच्चे कर्मचारियों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि वो दो दशक से हरियाणा के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं. उनके साथ के कर्मियों को पक्का कर दिया गया है लेकिन याचिकाकर्ताओं को पक्का नहीं किया गया.
मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के आदेश जारी कर दिए थे. इसके बाद हरियाणा सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष याचिका दाखिल की थी. हरियाणा सरकार ने कहा था कि याकिचाकर्ताओं को राहत देने के स्थान पर सिंगल बेंच ने आदेश जारी कर दिए जिससे बहुत बड़ी संख्या में कर्मियों को पक्का करना पड़ेगा.
हाईकोर्ट ने नई नीति बनाने के दिए आदेश
याचिका पर हाईकोर्ट ने कच्चे कर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस दौरान जब कच्चे कर्मियों का पक्ष हाईकोर्ट ने सुना तो उसके बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक नीति बनाने के आदेश दिया. इस नीति के तहत ये तय किया जाएगा कि किन मानकों को पूरा करने वाले कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा.
हर कच्चा कर्मचारी नहीं होगा नीति के तहत पक्का
सिंगल बेंच के फैसले से हरियाणा सरकार को सबसे बड़ी आपत्ति ये थी कि इसके तहत सभी बोर्ड, कॉर्पोरेशन व अन्य सरकारी विभाग के कच्चे कर्मियों को पक्का करना था. सरकार ने कहा कि इस प्रकार तो हजारों की संख्या में कर्मियों को पक्का करना पड़ेगा. जिसके लिए राज्य का खजाना तैयार नहीं है. हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि जो लोग उमा देवी मामले में कवर होते हैं. उन्हें रेगुलर करने के लिए नीति तैयार की जाए और इसी के अनुरूप ही कच्चे कर्मियों को पक्का किया जाए.