चंडीगढ़: साल 2021 को बीत जाने में चंद दिन बाकी है, लोग साल 2022 का पलकें बिछाए स्वागत करने के लिए बेताब हैं. वहीं जब साल गुजरता है तो सरकार के काम काज की भी समीक्षा होती है. साल 2021 में हरियाणा सरकार ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए (Big Dicisons by Haryana Government) जो सुर्खियों में बने रहे. इनमें निजी क्षेत्र में आरक्षण और शराब पीने की उम्र घटाने के फैसले की वजह से वाह-वाही के साथ आलोचना का भी सामना करना पड़ा है.
निजी क्षेत्र की कंपनियों में मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण: हरियाणा सरकार का इस साल का सबसे बड़ा फैसला स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण (75 Percent Reservation In private Sector in Haryana) देने का रहा. यह कानून अगले साल 15 जनवरी से प्रदेश में लागू हो जाएगा. इसको लेकर राज्य सरकार ने 15 सिंतबर 2021 को आदेश जारी किया था. इस कानून से हरियाणा के युवाओं को 30 हजार रुपये तक की नौकरियों में आरक्षण मिलेगा. इस कानून के बनने के बाद कंपनियां 15 जनवरी तक अपने कर्मचारियों का पंजीकरण कर सरकार को श्रम विभाग के पोर्टल पर बताएंगी कि उनके यहां कितने पद खाली हैं. इसके साथ ही वे अपने यहां कितने युवाओं को नौकरी दे सकती है इसकी भी जानकारी देंगी. प्रदेश में सरकारी जूनियर इंजीनियर को शुरुआत में 34 हजार रुपये की सैलरी मिलती है, जिसको देखते हुए निजी नौकरियों में 30 हजार रुपये का स्लैब तय किया गया है.
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डायल 112 की हुई शुरुआत: हरियाणा के नागरिकों को 24 घंटे पुलिस सहायता मिले इसको देखते हुए सरकार ने 'डायल 112' योजना की (Helpline Dial 112 In Haryana) शुरुआत की. इसके लहत पुलिस, फायर और एंबुलेंस सेवा से जुड़ी आपात सेवाओं के लिए यह एक नया एकीकृत आपातकालीन नंबर डायल 112 शुरू किया गया. इस योजना के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मोबाइल डेटा टर्मिनलों और अन्य आपातकालीन संबंधित उपकरणों से लैस 601 इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स (ईआरवी) को भी हरी झंडी दिखाई. यह परियोजना न सिर्फ प्रदेश के लोगों के लिए बल्कि प्रदेश की पुलिस के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है. इसके शुरू होने से पुलिस को इमरजेंसी के समय लोगों की अधिक त्वरित और प्रभावी ढंग से मदद करने में सहायता मिलेगी. नागरिक किसी भी संकट की स्थिति में नंबर 112 डायल करके इमरजेंसी सहायता प्राप्त कर सकते हैं. नई प्रणाली से लोगों को कई नंबर याद रखने की भी जरुरत खत्म हो गई.
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परिवार पहचान पत्र की शुरुआत: प्रदेश सरकार ने सभी नागरिकों के लिए परिवार पहचान पत्र (Family Identity Card In Haryana) बनाना अनिवार्य कर दिया है. इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं को उन सभी लोगों तक पहुंचाने का है जो इससे वंचित रह जाते हैं. उन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके जो सही मायनो में इसके हकदार हैं. इसके साथ ही इससे हर तरह के भ्रष्टाचार पर भी रोक लग सकेगी. वहीं जो लोग फर्जी दस्तावेजों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं उनपर भी लगाम लग सकेगी. इसके तहत 611 सरकारी सेवाओं में से 456 को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा गया है. अब हर तरह की सरकारी सेवाओं का लाभ लोगों को इससे ही मिलेगा.
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भाव भावंतर भरपाई योजना 2021: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से राज्य के किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत प्रदान करने के लिए हरियाणा भावांतर भरपाई योजना 2021 (Haryana Bhavantar Bharpayee Yojana 2021) को शुरू किया. इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचने पर कम कीमत मिलती है. किसानों को जो नुकसान होता है उसकी भरपाई राज्य सरकार करती है. भावांतर भरपाई योजना सिर्फ भरपाई के उद्देश्य से ही काम नहीं कर रही है बल्कि इसके जरिए किसानों को कृषि में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करने का भी सरकार प्रयास कर रही है. किसान अपनी फसल जैसे सब्जियां, फलों आदि को बाजार में बेचते हैं और उन्हें अपनी फसल बेचने पर उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, उनको सरकार फसल का या तो मुआवजा या फिर फसल की कम कीमत की उचित भरपाई के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान कर रही है. जिससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके. इसके तहत उन्नीस फल, सब्जियों को सम्मिलित किया गया है .वहीं बाजरे की फसल पर भावांतरण प्रदान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है.
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गन्ने के दाम में की 12 रुपये की वृद्धि: हरियाणा सरकार ने गन्ने के किसानों को राहत देते हुए इसके दामों में ₹12 की वृद्धि (Sugarcane price hike in haryana) की. इससे पहले प्रदेश में गन्ने का भाव 350 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब बढ़कर 362 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. बता दें कि हरियाणा में 11 फसलों की एमएसपी पर खरीद होती है. जो इस वक्त देश में सबसे ज्यादा है. इनमें मक्का, बाजरा, मूंग, धान, मूंगफली, अरहर, उड़द, तिल, गेहूं, सरसों, चना, सूरजमुखी, कपास शामिल है.
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एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को मिली रजिस्ट्री करने की पावर: रजिस्टर के मामले में हरियाणा सरकार ने अहम फैसला लिया. इस फैसले के तहत जमीनों की रजिस्ट्री के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा एसडीएम कार्यालय और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय को भी रजिस्ट्री करने की ताकत (Registry of properties power to SDM in haryana) दी, यानी एसडीएम ऑफिस में भी रजिस्ट्री कराने की सुविधा लोगों को प्रदान की गई. इसके तहत जिस जिले में संपत्ति होगी उसकी रजिस्ट्री उसी जिले के किसी भी तहसील, एसडीएम ऑफिस या सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में कराई जा सकेगी. इसका सबसे बड़ा उद्देश्य भ्रष्टाचार और निचले स्तर से ही खत्म करना है साथ ही लोगों को होने वाली दिक्कतों को भी समाप्त करना है.
हरियाणा कौशल रोजगार निगम का हुआ शुभारंभ: इस साल ही हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम का शुभारंभ (Haryana Skill Employment Corporation Started In Haryana) किया. इस योजना के तहत हरियाणा सरकार वह सभी नियुक्तियां जो पहले आउटसोर्सिंग के तहत की जाती थी उन सभी को ऑनलाइन करेगी. इस योजना के तहत युवा आप ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इस नई योजना के जरिए काम पर रखे जाने वाले सभी लोगों को इपीएफ ईएसआई जैसी सुविधाएं सभी प्राप्त होगी. इसके तहत ना सिर्फ अनुबंध के आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों का शोषण रुकेगा बल्कि उम्मीदवारों को पारदर्शिता और पर्याप्त रोजगार के मौके भी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी.
सरकार ने घटाई शराब पीने की उम्र: एक तरफ केंद्र सरकार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का प्रस्ताव लाई है. वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल (liquor drinking age in haryana) कर दी है. सरकार ने हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 'हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2021' पारित किया है. इस विधेयक के मुताबिक अब प्रदेश में शराब खरीदने और पीने की वैध न्यूनतम उम्र 21 साल हो गई है. इससे पहले प्रदेश में 25 साल से कम उम्र का कोई व्यक्ति ना तो शराब खरीद सकता था और ना ही बेच सकता था.
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ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे खिलाड़ी को भी 50 लाख: हारियाणा का नाम खेल के मैदान में हमेशा नंबर वन रहा है तो वहीं सरकार भी इसको आगे बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों को इनामी राशि में लगातार वृद्धि कर रही है. एक तरफ जहां देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले को हरियाणा सरकार छह करोड़ का इनाम देकर सम्मानित करती है तो वहीं चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को भी प्रोत्साहन राशि में 50 लाख देती है. इतना ही नहीं ओलंपिक में शामिल होने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को सरकार ने 15 लाख रुपये के इनाम देने की भी घोषणा की. बता दें कि हरियाणा में ओलंपिक स्वर्ण पदक पर छह करोड़, रजत पदक पर चार करोड़ और कांस्य पदक पर ढाई करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जाती है. वहीं चौथे नंबर के खिलाड़ी का मनोबल बढ़ाने के लिए 50 लाख रुपये देने का सरकार ने फैसला लिया.
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