चंडीगढ़: हरियाणा में मानसून (Haryana Monsoon) पहुंच चुका है. ऐसे में अगले कुछ दिनों में हरियाणा के मौसम (Haryana Weather) में तेजी से बदलाव देखने को मिलेंगे. प्रदेश के कई जिलों में मुसलाधार बारिश की संभावना बनी हुई है. ऐसे में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदन लाल खीचड़ ने किसानों को विशेष सलाह दी है.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदन लाल खीचड़ (Meteorologist Dr. Madan Lal Khichad) ने बताया कि जिन किसानों ने धान की रोपाई नहीं की है, वो अगले दो दिनों तक रुक सकते हैं. अगले 48 घंटे तक प्रदेश में हल्की बारिश होगी, लेकिन 17 जुलाई को तेज बारिश होगी. जिससे नई रोपाई की गई फसल को नुकसान पहुंच सकता है.
17 जुलाई से बंगाल की खाड़ी में एक और लो-प्रेशर एरिया बनने से मानसून की सक्रियता फिर से बढ़ सकती है. जिसके कारण राज्य के सभी जिलों में गरज-चमक और हवायों के साथ 18 जुलाई से 21 जुलाई के बीच बारिश होने की संभावना है. दरअसल बंगाल की तरफ से नमी वाली पुरवाई हवाएं चलने के कारण अरब सागर पर बने एक कम दबाब का क्षेत्र बना.
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जिससे दक्षिण पाश्चिमी मॉनसूनी हवाएं (Southwest Monsoon Winds) हरियाणा में 12 जुलाई से सक्रिय होना शुरू हुई. इसी के चलते हरियाणा के ज्यादातर क्षेत्रों में 13 और 14 जुलाई को हल्की से मध्यम और कुछ एक स्थानों पर तेज और भारी बारिश दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकडों के अनुसार हरियाणा राज्य में मानसून की सक्रियता के बावजूद 1 जून से 14 जुलाई तक 83.5 मिलीमीटर बारीश दर्ज हुई है जो सामान्य बारिश (112.9 मिलीमीटर) से 26 प्रतिशत कम है.