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हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी ने किया साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन

हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से चंडीगढ़ में साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने साहित्यकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी ने किया साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन
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Published : Aug 22, 2019, 8:41 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी ने साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया. जिसमें 2017-18 और 2018-19 के 25 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया.

सभी साहित्यकारों को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में वर्ष 2017-18 का हरियाणा का सबसे बड़ा उर्दू पुरस्कार 'फखरे हरियाणा' महेंद्र प्रताप चांद को दिया गया. वहीं वर्ष 2018 19 का 'फखरे हरियाणा' बीड़ी कालिया अहमद को दिया गया.

साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यदेव नारायाण आर्य ने कहा कि उर्दू प्राचीन काल से ही सूफी-संतों और कव्वालियों की भाषा रही है. जिन्होंने जरुरत पड़ने पर समाज को एक नई दिशा देने का काम किया. राज्यपाल ने कहा कि हिंदी भाषा में उर्दू-फारसी जैसी कई भाषाओं का समावेश है. इसी कारण भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है.

पानीपत के उर्दू लेखक और शायर अल्ताफ हुसैन हाली का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे भारत के ऐसे पहले उर्दू साहित्यकार थे. जिन्होंने महिला उत्थान के लिए अपनी कलम चलाई थी.

चंडीगढ़: हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी ने साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया. जिसमें 2017-18 और 2018-19 के 25 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया.

सभी साहित्यकारों को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में वर्ष 2017-18 का हरियाणा का सबसे बड़ा उर्दू पुरस्कार 'फखरे हरियाणा' महेंद्र प्रताप चांद को दिया गया. वहीं वर्ष 2018 19 का 'फखरे हरियाणा' बीड़ी कालिया अहमद को दिया गया.

साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यदेव नारायाण आर्य ने कहा कि उर्दू प्राचीन काल से ही सूफी-संतों और कव्वालियों की भाषा रही है. जिन्होंने जरुरत पड़ने पर समाज को एक नई दिशा देने का काम किया. राज्यपाल ने कहा कि हिंदी भाषा में उर्दू-फारसी जैसी कई भाषाओं का समावेश है. इसी कारण भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है.

पानीपत के उर्दू लेखक और शायर अल्ताफ हुसैन हाली का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे भारत के ऐसे पहले उर्दू साहित्यकार थे. जिन्होंने महिला उत्थान के लिए अपनी कलम चलाई थी.

Intro:चंडीगढ, हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से बुधवार को चंडीगढ़ में साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018 19 के 25 साहित्यकारों को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया कार्यक्रम में वर्ष 2017-18 का हरियाणा का सबसे बड़ा उर्दू पुरस्कार फखरे हरियाणा महेंद्र प्रताप चांद को दिया गया वहीं वर्ष 2018 19 का फखरे हरियाणा बीड़ी कालिया अहमद को दिया गया बस 2017 18 का हाली और डॉक्टर कुमार पानीपति और 2018 19 का हाली पुरस्कार डॉ केके ऋषि को दिया गया


Body:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि उर्दू प्राचीन काल से ही सूफियों संतों और कव्वालियों की भाषा रही है जिन्होंने जरूरत पड़ने पर समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है राज्यपाल ने कहा कि आज हिंदी भाषा में उर्दू फारसी जैसे कई भाषाओं के समावेश है इसी कारण भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है हरियाणा के पानीपत शहर के रहने वाले उर्दू लेखक और शायर अल्ताफ हुसैन हाली का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हाल ही संभवत देश के ऐसे पहले उर्दू साहित्यकार थे जिन्होंने महिला उत्थान के लिए अपनी कल चलाई थी इसके अलावा उन्होंने मानव कल्याण को लेकर भी अपनी शायरी के माध्यम से चिंताएं समाज के सामने रखी थी


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