चंडीगढ़: नए हिट एंड रन कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में बस और ट्रक ड्राइवरों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. हरियाणा में भी इस हड़ताल का भारी असर देखने को मिल रहा है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर हरियाणा में भी बस और ट्रक ड्राइवर नए कानून के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. बता दें कि नए हिट एंड रन कानून के मुताबिक दोषी ड्राइवर के खिलाफ 10 साल कैद और 7 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान रखा गया है. देश भर के ड्राइवर इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं.
हरियाणा के पेट्रोल पंपों पर पहुंच रहा कम तेल: जानकारी के अनुसार ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण हरियाणा के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की कमी होने लगी है. प्रदेश में करीब 3000 पेट्रोल पंप हैं. ट्रक चालक पानीपत रिफाइनरी और बहादुरगढ़ प्लांट से तेल नहीं भरवा रहे हैं. इसके चलते पेट्रोल पंपों पर तेल की कमी होने लगी है. जानकारी के मुताबिक जिन पेट्रोल पंपों के पास खुद के वाहन हैं, वहीं पंप तक तेल पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अगर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की किल्लत हो सकती है. हड़ताल के कारण देश के कई राज्यों में पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें लग गई है.
हड़ताल से आम आदमी पर असर: हरियाणा के चरखी दादरी, जींद, पंचकूला, करनाल समेत कई जिलों में हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. अगर हड़ताल यूं ही जारी रही तो अब आम आदमी भी इसका भारी असर पड़ सकता है. ट्रकों ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से फल, सब्जी, दूध की सप्लाई प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा हड़ताल की वजह से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बाधित होने से पेट्रोल पंप ड्राई हो सकते हैं.
क्यों विरोध कर रहे हैं ट्रक ड्राइवर?: नए हिट एंड रन कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में बस और ट्रक ड्राइवर सड़क पर उतर आए हैं. नए कानून के मुताबिक हिट एंड रन मामले में अगर बस या ट्रक ड्राइवर की लापरवाही से गाड़ी चलाने से किसी की मौत होती है और चालक पुलिस या मजिस्ट्रेट को बिना बताए भागता है तो 10 साल तक कैद और 7 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है. नया प्रावधान सभी दोपहिया वाहन, कार, बस, ट्रक, टैंकर चालकों पर लागू है.
हिट एंड रन पर अभी तक क्या है कानून?: बता दें कि अगर आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने), 304 A (लापरवाही से मौत), 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज होता है तो इसमें अभी तक 2 साल की सजा का प्रावधान है. वहीं, विशेष मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है. अब इसे बढ़ाकर 10 साल सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना भी कर दिया गया है, जिससे बस ड्राइवरों में भारी नाराजगी है.
ड्राइवर की दलील: वहीं, इस कानून का विरोध कर रहे बस और ट्रक चालकों की दलील है कि हादसे के बाद अगर वे मौके पर रहे तो उन्हें भीड़ का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि जो चालक दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना देंगे और घायलों को अस्पताल पहुंचाएंगे उनके प्रति नरमी बरती जाएगी. बावजूद इसके ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट इस नए कानून के विरोध में हैं. ड्राइवरों की मांग है कि जब तक सरकार नए हिट एंड रन कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक वे बस और ट्रक नहीं चलाएंगे.
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