चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुवार से मंडियों में गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में संबंधित जिला उपायुक्त ये सुनिश्चित करें कि जे-फॉर्म जारी होने के 24 घंटे के अंदर फसल का उठान हो जाए और 72 घंटे के अंदर पैसा किसान के खाते में पहुंच जाए. बता दें कि मुख्यमंत्री गुरुवार को हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट, स्वामित्व योजना और जल जीवन मिशन को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
गौरतलब है कि हर हफ्ते गुरुवार के दिन सभी जिला उपायुक्तों के साथ संवाद के मकसद से इस तरह की बैठक शुरू की गई है और इस कड़ी में गुरुवार को दूसरी बैठक थी. बैठक में बताया गया कि जल-जीवन मिशन के क्रियांवयन में हरियाणा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है और इस मामले में हम देश में तीसरे स्थान पर हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से बीआईएस मानकों के अनुरूप प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर पेयजल मुहैया करवाने के मकसद से इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम को वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन हरियाणा में इसका 87 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है और वर्ष 2022 में ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को पेयजल मुहैया करवाना जितना जरूरी है, इसका निपटान करना भी उतना ही जरूरी है. इसलिए ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर पूरा फोकस किया जाना चाहिए क्योंकि इसका सही प्रबंधन न होने से कई तरह की बीमारियां पनपती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पानी के उचित प्रबंधन के लिए द्विवार्षिक योजना बनाई है जिसका मकसद हर बूंद पानी का उपयोग और पुन:उपयोग सुनिश्चित करना है.
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मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को ये भी निर्देश दिए कि स्कूलों में पानी की सही व्यवस्था हो. चारदीवारी, शौचालय, सफाई, रंग-रोगन और पौधारोपण जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि वहां का वातावरण अच्छा रहे. उन्होंने विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी बारिश के मौसम से पहले रूफटॉप के पानी की रिचार्जिंग के भी सभी प्रबंध किए जाएं.
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इस दौरान ये भी बताया गया कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत पेयजल कनेक्शन दिए गए हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में पानी का कनेक्शन देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि ये भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्कूल समय के दौरान वहां पानी उपलब्ध हो. इसके लिए बाकायदा सर्वे करवाया जाए और जिन स्कूलों में स्टोरेज की सुविधा नहीं है वहां इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए.