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क्या हरियाणा में पैदा हो गया है बिजली संकट? जानिए क्या कहा बिजली मंत्री ने - बिजली मंत्री रणजीत चौटाला

हरियाणा में बिजली संकट की खबरों (power crisis in Haryana) के बीच बिजली मंत्री ने सफाई दी है. बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के तीनों थर्मल प्लांट पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रहे हैं, प्रदेश में अगले 1 महीने तक के लिए पर्याप्त कोयला मौजूद है.

Ranjit Chautala
Ranjit Chautala
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Published : Apr 12, 2022, 10:00 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में बिजली संकट को लेकर कहा जा रहा है कि हरियाणा में बिजली संकट जल्द ही गहरा सकता है क्योंकि प्रदेश में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जबकि पावर प्लांट भी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे. जिससे प्रदेश के लोगों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता. इस पर सफाई देते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (ranjit chautala) ने कहा इस समय प्रदेश में करीब 6000 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. जिससे प्रदेश की बिजली की जरूरत सही तरीके से पूरी हो रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3 थर्मल प्लांट पानीपत, यमुनानगर और खेदड़ पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. हालांकि पानीपत और खेदड़ के प्लांट में तकनीकी समस्या आई थी, लेकिन उससे जल्द ही दूर कर लिया गया. खेदड पावर प्लांट की मशीनें लगातार चलने की वजह से गर्म हो गई थी और उन्हें ठंडा होने के लिए 72 घंटे का समय चाहिए होता है. जिस वजह से एक प्लांट 3 दिन तक बंद रहा था, लेकिन 72 घंटे के बाद उसे भी चला दिया गया. थर्मल प्लांट में ऐसी समस्याएं आना सामान्य बात है ऐसा हर राज्य में होता है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि खेदड़ थर्मल प्लांट 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. यमुनानगर प्लांट 600 मेगावाट और पानीपत थर्मल प्लांट 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. प्रदेश में कोयले की भी कोई कमी नहीं है और अगले 1 महीने के लिए प्रदेश में पर्याप्त कोयला है. अडानी से विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि अडानी कंपनी द्वारा हरियाणा को 1400 मेगावाट बिजली दी जानी थी, लेकिन बिजली के रेट को लेकर कुछ विवाद जारी है जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और अडानी की ओर से भी बिजली की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- बिजली किल्लत से परेशान गांव वालों ने काटा बवाल, पावर हाउस पर जड़ा ताला

बिजली मंत्री ने कहा कि हालांकि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में दिन के वक्त बिजली के कट लगाए जाते हैं. जिसका मुख्य कारण है कि इस समय खेतों में फसलें पकी हुई हैं, ऐसे में अगर बिजली की तारों से कोई चिंगारी खेत में गिर जाती है तो वह सैकड़ों एकड़ में खड़ी पकी फसल को जला सकती है. इसी के चलते एहतियात के तौर पर दिन के वक्त बिजली बंद रखी जाती है, लेकिन शाम के वक्त से पूरी रात निर्बाध बिजली दी जाती है.

उन्होंने कहा कि सर्दियों के वक्त हरियाणा में बिजली सरप्लस होती है जिसे केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों को सप्लाई कर दिया जाता है, लेकिन गर्मियों के वक्त अगर बिजली की कमी होती है तो इन राज्यों से बिजली नहीं जाती है. हरियाणा सरकार लोगों को जरूरत के हिसाब से पूरी बिजली देने के लिए प्रतिबंध है चाहे हमें कितनी महंगी बिजली खरीदनी पड़े, लेकिन लोगों को बिजली कमी नहीं आने दी जाएगी.

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चंडीगढ़: हरियाणा में बिजली संकट को लेकर कहा जा रहा है कि हरियाणा में बिजली संकट जल्द ही गहरा सकता है क्योंकि प्रदेश में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जबकि पावर प्लांट भी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे. जिससे प्रदेश के लोगों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता. इस पर सफाई देते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (ranjit chautala) ने कहा इस समय प्रदेश में करीब 6000 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. जिससे प्रदेश की बिजली की जरूरत सही तरीके से पूरी हो रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3 थर्मल प्लांट पानीपत, यमुनानगर और खेदड़ पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. हालांकि पानीपत और खेदड़ के प्लांट में तकनीकी समस्या आई थी, लेकिन उससे जल्द ही दूर कर लिया गया. खेदड पावर प्लांट की मशीनें लगातार चलने की वजह से गर्म हो गई थी और उन्हें ठंडा होने के लिए 72 घंटे का समय चाहिए होता है. जिस वजह से एक प्लांट 3 दिन तक बंद रहा था, लेकिन 72 घंटे के बाद उसे भी चला दिया गया. थर्मल प्लांट में ऐसी समस्याएं आना सामान्य बात है ऐसा हर राज्य में होता है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि खेदड़ थर्मल प्लांट 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. यमुनानगर प्लांट 600 मेगावाट और पानीपत थर्मल प्लांट 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. प्रदेश में कोयले की भी कोई कमी नहीं है और अगले 1 महीने के लिए प्रदेश में पर्याप्त कोयला है. अडानी से विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि अडानी कंपनी द्वारा हरियाणा को 1400 मेगावाट बिजली दी जानी थी, लेकिन बिजली के रेट को लेकर कुछ विवाद जारी है जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और अडानी की ओर से भी बिजली की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी.

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बिजली मंत्री ने कहा कि हालांकि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में दिन के वक्त बिजली के कट लगाए जाते हैं. जिसका मुख्य कारण है कि इस समय खेतों में फसलें पकी हुई हैं, ऐसे में अगर बिजली की तारों से कोई चिंगारी खेत में गिर जाती है तो वह सैकड़ों एकड़ में खड़ी पकी फसल को जला सकती है. इसी के चलते एहतियात के तौर पर दिन के वक्त बिजली बंद रखी जाती है, लेकिन शाम के वक्त से पूरी रात निर्बाध बिजली दी जाती है.

उन्होंने कहा कि सर्दियों के वक्त हरियाणा में बिजली सरप्लस होती है जिसे केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों को सप्लाई कर दिया जाता है, लेकिन गर्मियों के वक्त अगर बिजली की कमी होती है तो इन राज्यों से बिजली नहीं जाती है. हरियाणा सरकार लोगों को जरूरत के हिसाब से पूरी बिजली देने के लिए प्रतिबंध है चाहे हमें कितनी महंगी बिजली खरीदनी पड़े, लेकिन लोगों को बिजली कमी नहीं आने दी जाएगी.

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