चंडीगढ़: एक फरवरी को आम बजट आने वाला है. हरियाणा सरकार को उम्मीद है कि इस बार बजट में हरियाणा को खास पैकेज दिए जाएंगे. केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने की वजह से यह उम्मीद और ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन अभी तक आए बजटों हरियाणा सरकार से क्या खास ले पाया है, क्या हरियाणा को केंद्र में भाजपा की सरकार होने से कोई फायदा मिला है या नहीं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने पक्ष और विपक्ष के राजनीतिक पार्टियों से बात की.
केंद्रीय बजट में हरियाणा की उम्मीदों पर हरियाणा कांग्रेस के प्रवक्ता केवल ढींगरा ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार हो तो राज्य को इससे बहुत फायदा मिल सकता है. राज्य सरकार केंद्र से कई बड़े पैकेज ले सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार केंद्र से राज्य के लिए कई योजनाएं भी चलवा सकती है, जिससे राज्य के लोगों को काफी फायदा हो, लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा कुछ नहीं कर पाई. केवल ढींगरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोगों को धर्म के नाम पर बांटने में लगी रहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता केवल ढींगरा का कहना है कि हरियाणा में भाजपा सरकार का विकास से कोई लेना देना नहीं है. हरियाणा सरकार केंद्र सरकार से हरियाणा के लिए एक भी बड़ी योजना हरियाणा में नहीं ला पाई. हरियाणा में भी लोगों को सरकार जाति और धर्म के नाम पर बांटने पर लगी हुई है. आज हरियाणा में व्यापारी वर्ग किसान छात्र नौकरी पेशा लोगों को मिलाकर हर वर्ग के लोग दुखी हैं, हरियाणा शिक्षा खेती व्यापार आदि में बुरी तरह से पिछड़ चुका है और सिर्फ अपराध में नंबर वन बन रहा है. सरकार चाहती तो हरियाणा के विकास को और आगे बढ़ा सकती थी, लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा नहीं कर पाई.
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रवक्ता रजत पंजेटा ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार हो तो इससे राज्य को बहुत फायदा हो सकता है, लेकिन हरियाणा सरकार एक बार भी केंद्र सरकार से फायदा नहीं ले पाई. एसवाईएल के मुद्दे पर अभय चौटाला ने मुख्यमंत्री से कई बार कहा कि वे प्रधानमंत्री से समय लेकर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाए और इस मुद्दे को सुलझाया जा सके. मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से समय ही ना ले पाए तो उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्यों को 8 करोड़ से ज्यादा की धनराशि वितरित की गई, हरियाणा सरकार उसमें से एक रुपया भी केंद्र से नहीं ले पाई.
हरियाणा कृषि आधारित राज्य है इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देना तो दूर बल्कि उन पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है. सरकार ने कृषि उपकरण महंगे कर दिए है जिन्हें किसानों को खरीदना मुश्किल हो गया है. पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से किसानों की कमर ही टूट गई है, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. सरकार ने कोरोना काल में 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया था. उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक भी आदमी ऐसा नहीं होगा. उस पैकेज से कोई लाभ मिला हो, इन सभी बातों से साफ है कि हरियाणा प्रदेश केंद्र से कोई भी लाभ लेने में पूरी तरह से असफल रही है.
वहीं प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता संजय आहूजा का कहना है कि यह बात सही है कि अगर केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होती है. राज्य को इस से विशेष लाभ मिलता है, लेकिन 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश का विकास चाहते हैं. उन्होंने राज्यों में कभी भेदभाव नहीं किया. राज्य में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो उन्होंने सभी राज्यों को समान रूप से देखा है और उन्हें एक समान सुविधाएं दी है. उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि जिस राज्य में भाजपा की सरकार है उसके बारे में ज्यादा सोचा जाए और जिस राज्य में कांग्रेस सरकार है उसे आर्थिक लाभ ना दिया जाए.
जहां तक हरियाणा की बात है तो हरियाणा सरकार ने भी केंद्र सरकार से मिलकर हरियाणा के लिए काफी काम किया है. आज बात चाहे खेती की हो या इंडस्ट्री की हो हरियाणा तेजी से बढ़ता राज्य है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार के पास बहुत ही योजनाओं को भेजा और वे सभी योजनाएं मंजूर हुई. केंद्र में भाजपा की सरकार होने का फायदा हरियाणा को निश्चित तौर पर मिला है, लेकिन यह फायदा दूसरे राज्यों को भी मिला है. हरियाणा सरकार हरियाणा के लिए कई बड़ी इंडस्ट्रीज हरियाणा में लेकर आई हरियाणा ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश के मुख्य राज्यों में स्थान रखता है. इसके अलावा आज हरियाणा आईटी क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहा है यह सब हरियाणा सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के सहयोग का परिणाम है.
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