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हरियाणा पुलिस की एडवाइजरी, 'साइबर धोखेबाजों से रहें सावधान' - साइबर फ्रॉड एडवाइजरी हरियाणा

हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर साइबर धोखेबाजों से सावधान रहने की अपील की है. रेंट पेमैंट ऐप का इस्तेमाल करते वक्त विशेष सतर्कता बरतने की भी बात कही गई है.

haryana police advisory
हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर की साइबर धोखेबाजों से सावधान रहने की अपील
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Published : Jun 29, 2020, 3:56 PM IST

चंडीगढ़: साइबर ठगों से बचने के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाजरी में हरियाणा पुलिस ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि किराया भुगतान से जुड़ी किसी भी ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को शुरू करने से पहले रेंट पेमैंट एप की साख को सही तरह से जांच-परख लें, क्योंकि साइबर जालसाज ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए से बैंक खातों में सेंध लगाने की कोशिश कर सकते हैं.

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने ऐसे साइबर जालसाजों से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन एप की ओर से क्रेडिट / डेबिट कार्ड के जरिए रेंट ट्रांसफर की सुविधा शुरू होने के बाद साइबर क्राइम का एक नया तरीका सामने आया है. रेंट पेमेंट, सीआरइडी जैसे रेंट पेमैंट ऐप के जरिए यूजर मकान मालिक के बैंक अकाउंट में किराया ट्रांसफर कर सकते हैं और डिजिटल रसीद भी हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि किराया मासिक आधार पर व्यक्ति द्वारा वहन किया जाने वाला सबसे बड़ा खर्च होता है, इसलिए ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर बारीकी से परख की जानी चाहिए.

जालसाज ऐसे करते हैं धोखाधड़ी

क्राइम के तरीकों के बारे में बताते हुए डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि सबसे पहले ऐसे जालसाज एक किराया भुगतान ऐप के साथ एक खाता खोलकर अपने खाता नंबर के साथ खुद को मकान मालिक के रूप में पंजीकृत करते हैं. फिर वो व्यक्ति को फोन कर उसे कार्ड की जानकारी देने के लिए हथकंडे अपनाते हैं. जैसे ही साइबर धोखेबाज को जानकारी प्राप्त होती है, वो ऐप के जरिए किराए के भुगतान की प्रक्रिया शुरू करता है, जिसके परिणामस्वरूप क्रेडिट/डेबिट कार्ड से रुपयों की ठगी हो जाती है.

ये भी पढ़िए: लोगों को भा रहा मिट्टी से बना रसोई का सामान, बना कुम्हारों की आय का नया साधन

डीजीपी ने एहतियाती उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि नागरिक कोई भी ऑनलाइन भुगतान करने से पहले रेंट पेमैंट ऐप की साख और मकान मालिक की सही ढंग से जांच-परख कर ले. अगर कोई धोखाधड़ी सामने आती है तो तुरंत रेंट पेमैंट ऐप के ग्राहक सहायता केंद्र से संपर्क करें, क्योंकि अनाधिकृत निकासी की ओर से इस तरह के लेनदेन को एक समयसीमा के अंदर रोका जा सकता है.

साइबर थानों का नेटवर्क हो रहा मजबूत

डीजीपी ने बताया कि हरियाणा पुलिस की ओर से साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे का संज्ञान लेते हुए इस पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं. राज्य सरकार की ओर से भी साइबर अपराध पुलिस थानों के नेटवर्क को अपग्रेड करने की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 6 नए साइबर अपराध थानों को स्थापित करने की मंजूरी प्रदान की है, जो रोहतक रेंज, हिसार रेंज, करनाल रेंज, अंबाला रेंज, साउथ रेंज रेवाड़ी और पुलिस कमिश्नरेट फरीदाबाद में स्थापित होंगे.

चंडीगढ़: साइबर ठगों से बचने के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाजरी में हरियाणा पुलिस ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि किराया भुगतान से जुड़ी किसी भी ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को शुरू करने से पहले रेंट पेमैंट एप की साख को सही तरह से जांच-परख लें, क्योंकि साइबर जालसाज ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए से बैंक खातों में सेंध लगाने की कोशिश कर सकते हैं.

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने ऐसे साइबर जालसाजों से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन एप की ओर से क्रेडिट / डेबिट कार्ड के जरिए रेंट ट्रांसफर की सुविधा शुरू होने के बाद साइबर क्राइम का एक नया तरीका सामने आया है. रेंट पेमेंट, सीआरइडी जैसे रेंट पेमैंट ऐप के जरिए यूजर मकान मालिक के बैंक अकाउंट में किराया ट्रांसफर कर सकते हैं और डिजिटल रसीद भी हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि किराया मासिक आधार पर व्यक्ति द्वारा वहन किया जाने वाला सबसे बड़ा खर्च होता है, इसलिए ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर बारीकी से परख की जानी चाहिए.

जालसाज ऐसे करते हैं धोखाधड़ी

क्राइम के तरीकों के बारे में बताते हुए डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि सबसे पहले ऐसे जालसाज एक किराया भुगतान ऐप के साथ एक खाता खोलकर अपने खाता नंबर के साथ खुद को मकान मालिक के रूप में पंजीकृत करते हैं. फिर वो व्यक्ति को फोन कर उसे कार्ड की जानकारी देने के लिए हथकंडे अपनाते हैं. जैसे ही साइबर धोखेबाज को जानकारी प्राप्त होती है, वो ऐप के जरिए किराए के भुगतान की प्रक्रिया शुरू करता है, जिसके परिणामस्वरूप क्रेडिट/डेबिट कार्ड से रुपयों की ठगी हो जाती है.

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डीजीपी ने एहतियाती उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि नागरिक कोई भी ऑनलाइन भुगतान करने से पहले रेंट पेमैंट ऐप की साख और मकान मालिक की सही ढंग से जांच-परख कर ले. अगर कोई धोखाधड़ी सामने आती है तो तुरंत रेंट पेमैंट ऐप के ग्राहक सहायता केंद्र से संपर्क करें, क्योंकि अनाधिकृत निकासी की ओर से इस तरह के लेनदेन को एक समयसीमा के अंदर रोका जा सकता है.

साइबर थानों का नेटवर्क हो रहा मजबूत

डीजीपी ने बताया कि हरियाणा पुलिस की ओर से साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे का संज्ञान लेते हुए इस पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं. राज्य सरकार की ओर से भी साइबर अपराध पुलिस थानों के नेटवर्क को अपग्रेड करने की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 6 नए साइबर अपराध थानों को स्थापित करने की मंजूरी प्रदान की है, जो रोहतक रेंज, हिसार रेंज, करनाल रेंज, अंबाला रेंज, साउथ रेंज रेवाड़ी और पुलिस कमिश्नरेट फरीदाबाद में स्थापित होंगे.

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