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कॉमनवेल्थ गेम्स में छाए हरियाणा के खिलाड़ी: पहलवानों ने दिखाया अपना दमखम, बजरंग, साक्षी, दीपक लाए गोल्ड

कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के पहलवानों से पूरे देश को उम्मीद (Commonwealth Games 2022) थी. इस उम्मीद को बरकरार रखते हुए उन्होंने देश को निराश भी नहीं किया. धुरंधर पहलवान बजरंग पूनिया दीपक पूनिया और साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल हासिल किया.

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Published : Aug 6, 2022, 10:49 AM IST

चंडीगढ़: कुश्ती में एक ही दिन में भारत के लिए तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा के धाकड़ पहलवानों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि म्हारे पहलवानों का डंका पूरी दुनिया में बजता है. भारत ने कुश्ती में इन पहलवानों के दम पर ही अब तक 6 मेडल हासिल किए हैं. इनमें तीन गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. दीपक पूनिया, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल हासिल किया . शुक्रवार को इन पहलवानों ने कमाल का खेल दिखाते हुए विरोधी पहलवानों को धूल चटा दी.

बजरंग की कामयाबी पर भाई ने बांटी मिठाइयां- हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले रेसलर बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65 किग्रा वेट कैटेगरी में गोल्ड (Bajrang Punia Win Gold Medal) जीता. यह उनका गेम्स का लगातार दूसरा गोल्ड है. फाइनल में उन्होंने कनाडा के लछलन मैकनील को 9-2 से मात दी. इससे पहले बजरंग ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के जॉर्ज रैम पर 10-0 से बड़ी जीत हासिल की थी. शुक्रवार रात 10 बजे जैसे ही उनका मैच शुरु हुआ तो कुछ मिनटों में पूनिया ने गोल्ड वाली पटकनी दे दी. सोनीपत के मॉडल टाउन में बजरंग पूनिया के पिता बलवंत सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों की भी मैच पर निगाहें टिकी हुई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि इस बार भी उनका बेटा गोल्ड ही लाएगा. वे पूरी तैयारी के साथ गया था. वहीं बजरंग के भाई हरेंद्र ने उनकी इस कामायबी पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया.

साक्षी मलिक ने रचा इतिहास- साक्षी मलिक ने शुक्रवार को राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रच दिया. उन्होंने पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है. साक्षी ने फ्री स्टाइल 62 किग्रा वर्ग में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को (WRESTLER Sakshi Malik Won Gold Medal) हराया. साक्षी ने पहले विपक्षी खिलाड़ी को चित्त कर चार अंक हासिल किए. उसके बाद पिनबॉल से जीत हासिल की. साक्षी इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत (2014) और कांस्य पदक (2018) जीत चुकी थीं. साक्षी मलिक तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गई है. साक्षी मलिक के मायके में उनके माता पिता और और आस पड़ोस के लोगों ने टीवी पर उनका लाइव मैच देखा. साक्षी के दांव-पेच और जीत के साथ पूरा घर तालियों से गूंजता रहा.

दीपक पूनिया ने भी हासिल किया गोल्ड- हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव के रहने वाले रेसलर दीपक पूनिया ने भी देश की झोली में गोल्ड मेडल डाला. दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक में मेडल नहीं जीत सके थे लेकिन इस बार उन्होंने यहां निराश नहीं किया. उन्होंने 86 किग्रा वेट कैटेगरी में पाकिस्तान के पहलवान मोहम्मद इनाम को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम (Deepak Punia vs Muhammad Inam) किया. दीपक हाल ही में एशियन चैम्पियनशिप में भी पूनिया गोल्ड से चूक गए थे. मगर इस बार उन्होंने गोल्ड हासिल सारी कर पूरी ली. बता दें कि दीपक पूनिया हरियाणा के दीपक के पिता सुभाष पूनिया एक डेयरी किसान हैं. अब कॉमनवेल्थ में बेटे के गोल्ड लाने पर फूले नहीं समा रहे.

21 साल की पहलवान अंशु मलिक ने जीता सिल्वर मेडल- भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत लिया (WRESTLER ANSHU MALIK WON SILVER MEDAL CWG) है. यह अंशु का पहला राष्ट्रमंडल खेल है और उन्होंने रजत पदक से शुरुआत की है. अंशु ने राष्ट्रमंडल खेलों में जबरदस्त प्रदर्शन किया और महिलाओं के 57 किलोग्राम भारवर्ग में तीन में से दो मुकाबले सिर्फ 64 सेकेंड में जीत लिए. बता दें, फाइनल में अंशु का सामना नाइजीरिया की ओदुनायो फोलासादे अदेकुओरोए से था.

इसमें उन्हें 7-4 से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, अंशु ने कुश्ती में भारत के पदकों का खाता खोल दिया. फाइनल में हार के बाद अंशु मैट पर ही रो पड़ीं. ओदुनायो साल 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं. अब साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ओदुनायो ने स्वर्ण पदक जीता. अपने पहले मैच में क्वॉर्टर फाइनल में अंशु का सामना ऑस्ट्रेलिया की आइरीन सीमेओंडिस से था. यह मैच उन्होंने 10-0 से अपने नाम किया.

विपक्षी पहलवान द्वारा कोई भी अंक हासिल नहीं कर पाने पर तकनीकी दक्षता के आधार पर इस मैच में अंशु ने जीत हासिल की.अंशु ने श्रीलंकाई पहलवान को एक बार पटकने के बाद उन्हें उठने का मौका नहीं दिया. इस जीत के साथ ही अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में अंशु ने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया.

मोहित ग्रेवाल ने हासिल किया ब्रॉन्ज मेडल- भारतीय पहलवान मोहित ग्रेवाल ने भी ब्रॉन्ज मेडल (Mohit Grewal Win Bronze medal) जीता. उन्होंने 125 किग्रा वेट कैटेगरी के मेडल मुकाबले में जमैका के आरोन जॉनसन को मात दी. इससे पहले उन्हें सेमीफाइनल में अमरवीर धेसी से 2-12 से हार मिली थी.

ब्रॉन्ज मेडल के बाद मोहित ने कहा कि उनकी तैयारी गोल्ड की थी, लेकिन कांस्य मिला है. अगली बार मेरा टारगेट गोल्ड ही रहेगा. मैं एशियन गेम्स के लिए तैयारी करूंगा. बता दें कि मोहित ग्रेवाल भिवानी के बामला गांव के रहने वाले है. वे पहली बार साल 2016 में तब चर्चा में आए जबकि वे तुर्की में वर्ल्ड स्कूल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर लौटे.

कॉमनवेल्थ में अबकी बार टूटेगा रिकॉर्ड- कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 43 प्लेयर्स अलग अलग खेलों में भाग ले रहे हैं. जिस तरह से हरियाणा के खिलाड़ी अपना जलवा बिखेर रहे हैं उसे देशवासियों को अब इन खिलाड़ियों से और मेडल लाने की उम्मीद बढ़ गई है. भारत ने अब तक 8 गोल्ड समेत 22 मेडल अपने नाम किए (commonwealth games 2022 medal tally) हैं. इससे पहले साल 2018 के कॉमनवेल्थ में खिलाड़ियों ने 22 मेडल जीते थे. माना जा रहा है कि इस बार यह रिकॉर्ड टूटने वाला है.

भारत के पदक विजेता

  • 8 स्वर्णः मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल टीम, टेबल टेनिस पुरुष टीम, सुधीर (पावर लिफ्टिंग), बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक
  • 8 रजतः संकेत सरगरी, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर और अंशु मलिक
  • 7 कांस्यः गुरुराजा पुजारी, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह और तेजस्विन शंकर

चंडीगढ़: कुश्ती में एक ही दिन में भारत के लिए तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा के धाकड़ पहलवानों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि म्हारे पहलवानों का डंका पूरी दुनिया में बजता है. भारत ने कुश्ती में इन पहलवानों के दम पर ही अब तक 6 मेडल हासिल किए हैं. इनमें तीन गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. दीपक पूनिया, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल हासिल किया . शुक्रवार को इन पहलवानों ने कमाल का खेल दिखाते हुए विरोधी पहलवानों को धूल चटा दी.

बजरंग की कामयाबी पर भाई ने बांटी मिठाइयां- हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले रेसलर बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65 किग्रा वेट कैटेगरी में गोल्ड (Bajrang Punia Win Gold Medal) जीता. यह उनका गेम्स का लगातार दूसरा गोल्ड है. फाइनल में उन्होंने कनाडा के लछलन मैकनील को 9-2 से मात दी. इससे पहले बजरंग ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के जॉर्ज रैम पर 10-0 से बड़ी जीत हासिल की थी. शुक्रवार रात 10 बजे जैसे ही उनका मैच शुरु हुआ तो कुछ मिनटों में पूनिया ने गोल्ड वाली पटकनी दे दी. सोनीपत के मॉडल टाउन में बजरंग पूनिया के पिता बलवंत सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों की भी मैच पर निगाहें टिकी हुई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि इस बार भी उनका बेटा गोल्ड ही लाएगा. वे पूरी तैयारी के साथ गया था. वहीं बजरंग के भाई हरेंद्र ने उनकी इस कामायबी पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया.

साक्षी मलिक ने रचा इतिहास- साक्षी मलिक ने शुक्रवार को राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रच दिया. उन्होंने पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है. साक्षी ने फ्री स्टाइल 62 किग्रा वर्ग में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को (WRESTLER Sakshi Malik Won Gold Medal) हराया. साक्षी ने पहले विपक्षी खिलाड़ी को चित्त कर चार अंक हासिल किए. उसके बाद पिनबॉल से जीत हासिल की. साक्षी इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत (2014) और कांस्य पदक (2018) जीत चुकी थीं. साक्षी मलिक तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गई है. साक्षी मलिक के मायके में उनके माता पिता और और आस पड़ोस के लोगों ने टीवी पर उनका लाइव मैच देखा. साक्षी के दांव-पेच और जीत के साथ पूरा घर तालियों से गूंजता रहा.

दीपक पूनिया ने भी हासिल किया गोल्ड- हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव के रहने वाले रेसलर दीपक पूनिया ने भी देश की झोली में गोल्ड मेडल डाला. दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक में मेडल नहीं जीत सके थे लेकिन इस बार उन्होंने यहां निराश नहीं किया. उन्होंने 86 किग्रा वेट कैटेगरी में पाकिस्तान के पहलवान मोहम्मद इनाम को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम (Deepak Punia vs Muhammad Inam) किया. दीपक हाल ही में एशियन चैम्पियनशिप में भी पूनिया गोल्ड से चूक गए थे. मगर इस बार उन्होंने गोल्ड हासिल सारी कर पूरी ली. बता दें कि दीपक पूनिया हरियाणा के दीपक के पिता सुभाष पूनिया एक डेयरी किसान हैं. अब कॉमनवेल्थ में बेटे के गोल्ड लाने पर फूले नहीं समा रहे.

21 साल की पहलवान अंशु मलिक ने जीता सिल्वर मेडल- भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत लिया (WRESTLER ANSHU MALIK WON SILVER MEDAL CWG) है. यह अंशु का पहला राष्ट्रमंडल खेल है और उन्होंने रजत पदक से शुरुआत की है. अंशु ने राष्ट्रमंडल खेलों में जबरदस्त प्रदर्शन किया और महिलाओं के 57 किलोग्राम भारवर्ग में तीन में से दो मुकाबले सिर्फ 64 सेकेंड में जीत लिए. बता दें, फाइनल में अंशु का सामना नाइजीरिया की ओदुनायो फोलासादे अदेकुओरोए से था.

इसमें उन्हें 7-4 से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, अंशु ने कुश्ती में भारत के पदकों का खाता खोल दिया. फाइनल में हार के बाद अंशु मैट पर ही रो पड़ीं. ओदुनायो साल 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं. अब साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ओदुनायो ने स्वर्ण पदक जीता. अपने पहले मैच में क्वॉर्टर फाइनल में अंशु का सामना ऑस्ट्रेलिया की आइरीन सीमेओंडिस से था. यह मैच उन्होंने 10-0 से अपने नाम किया.

विपक्षी पहलवान द्वारा कोई भी अंक हासिल नहीं कर पाने पर तकनीकी दक्षता के आधार पर इस मैच में अंशु ने जीत हासिल की.अंशु ने श्रीलंकाई पहलवान को एक बार पटकने के बाद उन्हें उठने का मौका नहीं दिया. इस जीत के साथ ही अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में अंशु ने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया.

मोहित ग्रेवाल ने हासिल किया ब्रॉन्ज मेडल- भारतीय पहलवान मोहित ग्रेवाल ने भी ब्रॉन्ज मेडल (Mohit Grewal Win Bronze medal) जीता. उन्होंने 125 किग्रा वेट कैटेगरी के मेडल मुकाबले में जमैका के आरोन जॉनसन को मात दी. इससे पहले उन्हें सेमीफाइनल में अमरवीर धेसी से 2-12 से हार मिली थी.

ब्रॉन्ज मेडल के बाद मोहित ने कहा कि उनकी तैयारी गोल्ड की थी, लेकिन कांस्य मिला है. अगली बार मेरा टारगेट गोल्ड ही रहेगा. मैं एशियन गेम्स के लिए तैयारी करूंगा. बता दें कि मोहित ग्रेवाल भिवानी के बामला गांव के रहने वाले है. वे पहली बार साल 2016 में तब चर्चा में आए जबकि वे तुर्की में वर्ल्ड स्कूल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर लौटे.

कॉमनवेल्थ में अबकी बार टूटेगा रिकॉर्ड- कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 43 प्लेयर्स अलग अलग खेलों में भाग ले रहे हैं. जिस तरह से हरियाणा के खिलाड़ी अपना जलवा बिखेर रहे हैं उसे देशवासियों को अब इन खिलाड़ियों से और मेडल लाने की उम्मीद बढ़ गई है. भारत ने अब तक 8 गोल्ड समेत 22 मेडल अपने नाम किए (commonwealth games 2022 medal tally) हैं. इससे पहले साल 2018 के कॉमनवेल्थ में खिलाड़ियों ने 22 मेडल जीते थे. माना जा रहा है कि इस बार यह रिकॉर्ड टूटने वाला है.

भारत के पदक विजेता

  • 8 स्वर्णः मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल टीम, टेबल टेनिस पुरुष टीम, सुधीर (पावर लिफ्टिंग), बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक
  • 8 रजतः संकेत सरगरी, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर और अंशु मलिक
  • 7 कांस्यः गुरुराजा पुजारी, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह और तेजस्विन शंकर
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