चंडीगढ़: हरियाणा में पंचायत चुनाव को लेकर पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. बुधवार को हाईकोर्ट ने प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने को मंजूरी दे दी है. अब हरियाणा सरकार तय करेगी कि प्रदेश में पंचायत चुनाव कब कराए जाएंगे. इस बार पंचायत चुनाव नए नियमों के तहत ही होंगे. बता दें कि हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर 13 याचिकाएं विचाराधीन थी जिसे बुधवार को हाइकोर्ट ने निरस्त कर दिया. हरियाणा में फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव का कार्यकाल खत्म हो चुका था.
क्या है नए नियम और कहां अटका था पेंच- हरियाणा सरकार ने पंचायती राज एक्ट में महिला आरक्षण (50 प्रतिशत) सहित कुछ अन्य संशोधन किए थे. जिसको लेकर हाईकोर्ट में 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि पंचायती राज एक्ट में संशोधन के जरिए पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है. चुनाव के लिए पंचायत, ब्लॉक और जिला परिषद के वार्ड को ऑड और ईवन में बांटा जाएगा. संशोधन के तहत कहा गया कि ईवन नंबर को महिलाओं के लिए रिजर्व रखा गया है. ऑड नंबर में ये प्रावधान किया गया है कि महिलाओं के अतिरिक्त ही यहां पर कोई चुनाव लड़ सकता है. यानी महिलाएं ऑड कैटेगरी में चुनाव नहीं लड़ सकती.
ऑड नंबर में महिलाओं के चुनाव ना लड़ने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिसमें कहा गया कि ऑड नंबर या ओपन कैटेगरी में महिलाओं को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता. इन 13 याचिकाओं पर बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने की हरी झंडी दे दी है.
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अधिकारियों को विकास कार्यों पर नजर रखने के निर्देश- पंचायत चुनावों में हो ही देरी को लेकर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली कहते हैं कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पूरी तरीके से तैयार है. कोर्ट का आदेश मिलते ही प्रदेश में चुनाव करा दिए जाएंगे. पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने भी मानते हैं कि चुनी हुई पंचायत ना होने के चलते पंचायतों का विकास कार्य उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है, जितना पंचायतों से होता है. वहीं वे यह भी कहते हैं कि उनका प्रयास है कि विकास की गति को बढ़ाया जाए और गुणवत्ता भी लाई जाए. उनका कहना है कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द फाइल को निपटाएं.