चंडीगढ़: साल 2019 का आगाज लोकसभा चुनाव की सुगबुआहट के साथ हुआ. लिहाजा सियासी गलियारों में राजनीतिक हलचल तेज रही. नेताओं की बयानबाजी, वार-पलटवार और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर रहा. कुछ नेताओं की जुबान फिसली, कुछ राजनीति से इतर नेताओं की निजी जिंदगियों में तांक-झांक वाले ऐसे बोल बोल गए, जो ना सिर्फ आपत्तिजनक थे, बल्कि उनपर हंगामा भी हुआ.
कश्मीरी बहू के बयान पर बवाल
शुरुआत करते हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से, जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हरियाणा में कश्मीरी बहू लाने की बात कही. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस बयान पर जमकर बवाल हुआ. विपक्ष ने उनके इस बयान को मुद्दा भी बनाया.
जब मुख्यमंत्री को मुहावरा बोलना महंगा पड़ा
ऐसा ही एक बयान उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया. सीएम ने सोनिया गांधी की तुलना मरी हुई चुहिया से कर दी. दरअसल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद खबरें आई कि किसी और को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा. अंत में सोनिया गांधी को ही कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया. इसी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया...वो भी मरी हुई.
ओपी चौटाला ने खराब पशुओं से की सीएम की तुलना
विधानसभा चुनाव के दौरान इनेलो सुप्रीमो ने भी सीएम से एक कदम आगे चलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तुलना खराब पशुओं से कर दी. ओपी चौटाला विधानसभा चुनाव के दौरान तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आए थे. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो पशु खराब हो जाते हैं चाहे वो दूधारू क्यों ना हो. उनको हम खट्टर कहते हैं.
चुनाव प्रचार में आपा खो बैठे सीएम
बयानबाजी के छौंक में तड़का तो तब लगा जब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सीएम आपा खो बैठे और साथी कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दे डाली. जिसके बाद विपक्ष ने इसे मुद्दे पर बीजेपी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जमकर घेरा.
नवीन जयहिंद ने दिया विवादित बयान
अब हाथ में फरसा लेकर सीएम जान लेने की बात कहेंगे तो विपक्ष भला कैसे चुप बैठेता. रही सही कसर विवादित बयान विशेषज्ञ नवीन जयहिंद ने पूरी कर दी. महोदय ब्राह्मणों को ही कोसने लगे.
विज ने हुड्डा की तुलना कसाई से की
माहौल चुनावी था. तो अनिल विज भी कहां पीछे रहने वाले थे. विवादित बयानों के यज्ञ में उन्होंने भी आहूति डाल दी, उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह की तुलना कसाई से कर दी.
'भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा रिजेक्टेड माल'
हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा और सैलजा को रिजेक्टेड माल बता डाला. इसका कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था. बता दें कि अनिल विज अक्सर इस तरह के बयानों से सुर्खियों में रहते हैं.
अनिल विज पागल मंत्री- तंवर
अब जब कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल ही दिया था, तो भला कांग्रेस भी पीछे क्यों रहती. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी अनिल विज को पागल बता दिया. उन्होंने कहा कि अनिल विज पालग मंत्री है. इसलिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग दिया गया है.
कांग्रेस के बागी नेता का विवादित बयान
इसके इतर कांग्रेस के बागी नेता निर्मल सिंह ने कुमारी सैलजा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनका मुंह काला करने की बात कही. बता दें कि विधानसभा चुनाव में निर्मल सिंह अंबाला कैंट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन हाइकमान ने उनका टिकट काट दिया. निर्मल सिंह ने इसका आरोप प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा पर लगाया और कहा कि सैलजा ने उनकी टिकट कटवाई है. इससे खफा होकर उन्होंने सैलजा का मुंह काला करने की बात कही.
सूरजपाल अम्मू का विवादित बयान
इस साल नागरिकता बिल का मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई. प्रदर्शन हुआ. बयानबाजी हुई. इसी पर बीजेपी नेता सूरजपाल अम्मू ने असदुद्दीन औवेसी पर विवादित बयान दिया. बीजेपी नेता ने कहा कि आजकल मेरे हाथ में बहुत खुजली हो रही है. अगर औवेसी मिल जाए तो उन्हें बताएंगे कि एनआरसी क्या है और सीएए क्या है.
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अपने प्रतिद्वंद्वी को नीचा दिखाने के मकसद से ये नेता मर्यादा और नैतिकता की रेखाएं पार करते नजर आते हैं. इस जमात में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लेकर सभी जमात के दिग्गज राजनेता शामिल हैं. राजनीति है...तो बयानबाजी तो जारी रहेगी ही.