चंडीगढ़: हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग अब तूल पकड़ चुकी है. कर्मचारी ओपीएस से कम पर राजी होने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि 20 फरवरी को चंडीगढ़ में कर्मचारियों के साथ बैठक के बाद सरकार ने एक कमेटी गठित करने का फैसला भी किया. अब हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका भी ओपीएस की इस जंग में कूद पड़े हैं.
हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग करते हुए अशोक खेमका ने ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में खेमका ने लिखा है कि 'जीवन की संध्या में कर्मचारियों को बाजार के सहारे छोड़ना, क्या नैतिक है? पेंशन फंड को सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कर्मचारी को रिटायरमेंट पर पुरानी पेंशन योजना मुताबिक पेंशन मिले.
पश्चिम बंगाल में जन्मे अशोक खेमका 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं. भ्रष्टाचार समेत बड़े मुद्दों पर वो हमेशा खुलकर अपनी राय रखते हैं. यही नहीं अपने सेवाकाल के दौरान खेमका ऐसे इकलौते अधिकारी हैं जो सरकार तक से सवाल कर लेते हैं. यही वजह मानी जा रही है कि कोई सरकार उन्हें पसंद नहीं करती. अशोक खेमका का 31 साल की सर्विस में 56 बार ट्रांसफर हो चुका है. बीजेपी से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार में उनका कई बार तबादला हुआ. अशोक खेमका 2012 में उस वक्त सुर्खियों में आ गये जब हरियाणा में कांग्रेस और केंद्र में यूपीए की सरकार होते हुए उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा और रियल स्टेट कंपनी डीएलएफ की जमीन सौदे का म्यूटेशन रद्द कर दिया था.
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कर्मचारियों के अलावा हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का मामला अब चुनावी और राजनीतिक भी हो चुका है. हरियाणा की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार दोबारा आई तो पुरानी पेंशन योजना लागू की जायेगी. ओल्ड पेंशन स्कीम अब बीजेपी के लिए भी मुश्किल बन गई है.
20 फरवरी को पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर चंडीगढ़ में सरकार के अधिकारियों और कर्चारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई थी. इस बैठक में पुरानी पेंशन से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने और कर्मचारियों के बीच संवाद को लेकर एक कमेटी बनाई गई. इस कमेटी में हरियाणा के मुख्य सचिव, वित्त सचिव और सीएम के प्रधान सचिव (PACM) को सदस्य बनाया गया है. कमेटी के साथ कर्मचारियों की अगली बैठक 2 मार्च को होगी. इस बैठक के बाद सरकार का रुख देखकर कर्मचारी संगठन अगली रणनीति बनायेंगे.
कांग्रेस शासित सभी राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का ऐलान हो चुका है. हालिया चुनाव में इसी मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को अपनी सत्ता गंवानी पड़ गई. हरियाणा में भी पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी अब लड़ाई की तैयारी में हैं. 19 फरवरी को सीएम आवास का घेराव पहुंचे कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गये. इस लाठीचार्ज में करीब 30 कर्मचारी घायल बताये जा रहे हैं.