चंडीगढ़: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 वैक्सीन की पर्याप्त पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 15 मार्च, 2021 को बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर के अलावा सामाजिक न्याय और अधिकारिता, शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थानों के साथ समन्वय किया है, ताकि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और जिनकी आयु 45 वर्ष से 60 वर्ष के बीच है उनको वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जा सके.
इस बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि विभाग का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 वैक्सीन की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करना है. क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में इस पर काबू नहीं किया गया तो वायरस का प्रसार अधिक होगा. उन्होंने बताया कि विभाग के पास प्रत्येक 200 घरों पर एक आशा वर्कर और एक आंगनवाड़ी वर्कर है. ये आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर टीके की खुराक प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को घर-घर जाकर प्रेरित करेंगी.
इसके अलावा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं और पहले से ही इस संबंध में एक डेटाबेस है. इसी तरह, यूएलबी और पीआरआई के अधिकारियों को भी लाभार्थियों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया है.
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उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने ये सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं कि कोविड-19 वैक्सीन वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य भर के गांवों में रहने वाले लोगों तक पहुंचे. इसके अलावा, प्रदेशभर के स्वास्थ्य उप केंद्रों पर भी टीकाकरण किया जा रहा है, ताकि टीका प्रत्येक योग्य लाभार्थी को दिया जाए.
अरोड़ा ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लाभार्थियों को 5.20 लाख खुराक (पहली और दूसरी खुराक दोनों) दी गई हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह ने जानकारी दी कि 13 मार्च 2021 तक स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन की पहली खुराक 1.68 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स (एचसीडब्ल्यू) को दी है और 97,410 हेल्थ केयर वर्कर्स को दूसरी खुराक दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि 83,338 फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली खुराक दी गई है.
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कुल मिलाकर 2.51 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली खुराक दी गई है. वैक्सीन रोलआउट के तीसरे चरण का विवरण सांझा करते हुए सिंह ने बताया कि 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और जिनकी आयु 45 वर्ष से 60 वर्ष के बीच है उनके लिए अभियान शुरू किया गया था और 13 मार्च 2021 तक 1,56,299 लाभार्थियों को कवर किया गया है.