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ग्रुप डी में भर्ती हुए कर्मचारियों पर लटकी तलवार ! कई विभागों में बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू

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Published : Sep 11, 2019, 9:28 PM IST

हरियाणा के कई विभागों में ग्रुप डी के कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. प्रदेश की पुरानी खेल पॉलिसी के तहत नौकरी पर लगे युवाओं को जल्द ही बर्खास्त किया जा सकता है.

ग्रुप डी में भर्ती हुए कर्मचारियों पर लटकी तलवार!

चंडीगढः बीजेपी सरकार द्वारा ग्रुप डी में 18 हजार 2 सौ 18 पदों की भर्ती में स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने अपग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को अब बर्खास्त किया जाएगा. बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है, अब वे सभी कर्मचारी (युवा) जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी लगे थे उन सब पर गाज गिरती नजर आ रही है.

जींद उपचुनाव में रोजगार बना मोहरा !
ग्रुप डी में बंपर भर्ती कर इस भर्ती में पारदर्शिता का दावा कर खूब वाह वाई लूटी गई थी, जिसका फायदा जींद उपचुनाव में बीजेपी को मिला भी था. अब जब इस भर्ती को 8 महीने हो चुके हैं तो कई कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है, जबकि इन युवाओं को सलेक्शन उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा प्रशंसा पत्र भी भेजे गए थे. बता दें कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से ठीक पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी.

दो विभाग कर चुके हैं कार्रवाई
प्रदेश सरकार का पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग अपने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुका है. अन्य महकमों में भी ऐसे युवाओं से अग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था जो निकल चुका है. इधर मामला हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है.

group d employees
विभाग द्वारा जारी पत्र

ये भी पढ़ेंः अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज का बयान, 'अच्छा हुआ अब अंबाला शहर से पीछा छूटा'

ये है मामला
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने पिछले साल 26 अगस्त को ग्रुप डी के लिए 18218 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. जिसमें 1 हजार 5 सौ 18 पद स्पोर्ट्स कोटे से खिलाड़ियों के लिए तय किए गए थे. विज्ञापन में अग्रेडेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बताया गया था, लेकिन दोनों यानी नई और पुरानी खेल पॉलिसी का जिक्र नहीं किया गया. ऐसे में जिन खिलाड़ियों ने पहले से अग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा रखे थे, उन्होंने भी आवेदन कर दिया. लिखित परीक्षा पास करने के बाद सभी दस्तावेज भी जमा करवाए. लेकिन किसी ने दस्तावेजों को पूरी तरह चेक तक नहीं किया. जब कुछ युवा पुरानी पॉलिसी के अपग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट चले गए तो चीफ सेक्रेटरी ने पत्र जारी कर सभी अग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दे दिए.

'BJP ने खिलाड़ियों को किया अपमानित'
कांग्रेस नेता और पलवल विधानसभा क्षेत्र से विधायक करण दलाल ने कहा कि बीजेपी ने जिस पारदर्शिता भ्रष्टाचार खत्म करने की बात की है, उसे ये खत्म नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बहुत ज्यादा उच्च शिक्षा को हासिल करने वाले बच्चे अच्छे पदों पर जाने का सपना देख कर आए थे. उनको इस सरकार ने डी क्लास की छोटे पदों पर नियुक्ति दी और जो हमारे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अपने खेल के बलबूते पर उपलब्धि के आधार पर सरकारी नौकरी लेनी चाहिए थी, वो भी उन्हें नहीं मिली. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 सालों में खिलाड़ियों को अपमानित करने का काम किया है.

ये भी पढ़ेंः देखें वीडियो: दिनदहाड़े दुकानदार पर लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से जानलेवा हमला

चंडीगढः बीजेपी सरकार द्वारा ग्रुप डी में 18 हजार 2 सौ 18 पदों की भर्ती में स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने अपग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को अब बर्खास्त किया जाएगा. बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है, अब वे सभी कर्मचारी (युवा) जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी लगे थे उन सब पर गाज गिरती नजर आ रही है.

जींद उपचुनाव में रोजगार बना मोहरा !
ग्रुप डी में बंपर भर्ती कर इस भर्ती में पारदर्शिता का दावा कर खूब वाह वाई लूटी गई थी, जिसका फायदा जींद उपचुनाव में बीजेपी को मिला भी था. अब जब इस भर्ती को 8 महीने हो चुके हैं तो कई कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है, जबकि इन युवाओं को सलेक्शन उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा प्रशंसा पत्र भी भेजे गए थे. बता दें कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से ठीक पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी.

दो विभाग कर चुके हैं कार्रवाई
प्रदेश सरकार का पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग अपने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुका है. अन्य महकमों में भी ऐसे युवाओं से अग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था जो निकल चुका है. इधर मामला हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है.

group d employees
विभाग द्वारा जारी पत्र

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ये है मामला
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने पिछले साल 26 अगस्त को ग्रुप डी के लिए 18218 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. जिसमें 1 हजार 5 सौ 18 पद स्पोर्ट्स कोटे से खिलाड़ियों के लिए तय किए गए थे. विज्ञापन में अग्रेडेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बताया गया था, लेकिन दोनों यानी नई और पुरानी खेल पॉलिसी का जिक्र नहीं किया गया. ऐसे में जिन खिलाड़ियों ने पहले से अग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा रखे थे, उन्होंने भी आवेदन कर दिया. लिखित परीक्षा पास करने के बाद सभी दस्तावेज भी जमा करवाए. लेकिन किसी ने दस्तावेजों को पूरी तरह चेक तक नहीं किया. जब कुछ युवा पुरानी पॉलिसी के अपग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट चले गए तो चीफ सेक्रेटरी ने पत्र जारी कर सभी अग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दे दिए.

'BJP ने खिलाड़ियों को किया अपमानित'
कांग्रेस नेता और पलवल विधानसभा क्षेत्र से विधायक करण दलाल ने कहा कि बीजेपी ने जिस पारदर्शिता भ्रष्टाचार खत्म करने की बात की है, उसे ये खत्म नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बहुत ज्यादा उच्च शिक्षा को हासिल करने वाले बच्चे अच्छे पदों पर जाने का सपना देख कर आए थे. उनको इस सरकार ने डी क्लास की छोटे पदों पर नियुक्ति दी और जो हमारे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अपने खेल के बलबूते पर उपलब्धि के आधार पर सरकारी नौकरी लेनी चाहिए थी, वो भी उन्हें नहीं मिली. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 सालों में खिलाड़ियों को अपमानित करने का काम किया है.

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Intro:चंडीगढ, ग्रुप डी में बंपर भर्ती कर इस भर्ती में पारदर्शिता का दावा कर खूब वाह वाई लूटी थी, जिस का फायदा जींद उपचुनाव में भाजपा को मिला भी था । अब जब इस भर्ती को 8 महीने हो चुके हैं तो कई कर्मचारियों को नोकरी से बर्खास्त किया जा रहा है । जबकि इन युवाओं को सलेक्शन उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा प्रशंशा पत्र भी भेजे गए थे ।

भाजपा सरकार द्वारा ग्रुप डी में 18218 पदों की भर्ती में स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को अब बर्खास्त किया जाएगा बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है , अब वे सभी कर्मचारी ( युवा ) जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी लगे थे

दो विभाग कर चुका है बर्खास्त ।।

प्रदेश सरकार का पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग अपने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुका है अन्य महकमों में भी ऐसे युवाओं से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था जो निकल चुका है, इधर मामला हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है । बता दे हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से ठीक पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी

यह है मामला

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने पिछले साल 26 अगस्त को ग्रुप डी के लिए 18218 पदों के लिए आवेदन मांगे थे 1518 पद स्पोर्ट्स कोटे से खिलाड़ियों के लिए तय किए गए विज्ञापन में ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बताया गया था लेकिन नई पुरानी पॉलिसी का जिक्र नहीं किया गया ऐसे में जिन खिलाड़ियों ने पहले से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा रखे थे उन्होंने भी आवेदन कर दिया लिखित परीक्षा पास करने के बाद सभी दस्तावेज भी जमा करवाए लेकिन किसी ने दस्तावेजों को पूरी तरह तक ही नहीं जब कुछ युवा पुरानी पॉलिसी के गणेशन सर्टिफिकेट पर जैकसन जताते हुए हाईकोर्ट चले गए तो चीफ सेक्टरी ने पत्र जारी कर सभी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दे दिए


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क्या कहा विपक्ष ने

जब इस विषय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मौजूदा विधायक करण दलाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि देश के अंदर ऐसे ही भाजपा का नकारात्मक कार्यक्रम रहा है जो उन्होंने पारदर्शिता भ्रष्टाचार खत्म करने की बात की है उससे यह खत्म नहीं कर सके उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बहुत ज्यादा उच्च शिक्षा को हासिल करने वाले बच्चे अच्छे पदों पर जाने का सपना देख कर आए थे उनको इस सरकार ने डी क्लास की छोटे पदों पर नियुक्ति दी और जो हमारे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने खेल के बलबूते पर व उपलब्धि के आधार पर सरकारी नौकरी लेनी चाहि थी वह उन्हें नहीं मिली वह भाजपा सरकार पिछले 5 वर्ष में खिलाड़ियों को अपमानित करने का काम करती रही है ।

दलाल ने कहा यह पहले कदम आगे बढ़ाते हैं और फिर पीछे हटा लेते हैं क्योंकि भाजपा सरकार की नीयत ठीक नहीं है यह केवल हरियाणा के अंदर लोगों में तकरार की स्थिति लाना चाहते हैं चाहे वह खिलाड़ी हो चाहे वह अन्य नौजवान हो चाहे इनमें ज्यादा पढ़े लिखे हो चाहे कम पढ़े लिखे हो इनका एक ही टारगेट है ।


Conclusion:
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