चंडीगढ़: हर साल किसानों के सामने एक ही समस्या बनी रहती है और वो है सही समय पर भुगतान ना होना. आढ़ती किसानों को समय पर भुगतान नहीं करते जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ता है. अब हरियाणा सरकार ने ऐसे आढ़तियों से ब्याज वसूलना शुरू कर दिया है जो किसानों को समय पर पेमेंट नहीं करते.
इस संबंध में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से खास बातचीत की. पीके दास ने बताया कि जो आढ़ती समय पर किसानों का भुगतान नहीं करते उनसे अब 15% ब्याज के हिसाब से पैसा वसूला जाएगा. अभी तक हरियाणा सरकार ने ऐसे आढ़तियों से 3 हजार करोड़ रुपये वसूलना है, जो किसानों को सीधा बैंक खातों में दिया जाएगा.
ई-खरीद प्रणाली को सफल और किसान हितेषी बताते हुए पीके दास ने कहा कि आगे भी ई-खरीद प्रणाली से ही फसलों की खरीद की जाएगी. इस बार जो थोड़ी बहुत समस्या खड़ी हुई है वो सिर्फ आढ़तियों की वजह से पेश आई है. आढ़ती इस प्रोसेस के साथ सहयोग नहीं करना चाहते थे तभी ये समस्या खड़ी हुई है, लेकिन अब आढ़तियों को भी समझ में आ गया है और सरकार ने भी अपना रुख साफ कर कह दिया है.
75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद
हरियाणा में गेहूं खरीद को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से खास बातचीत की. पीके दास ने बताया कि हरियाणा में 75 लाख टन मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है और सरसों की खरीद प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है.
पीके दास ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 75 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की फसल खरीदी जा चुकी है जिसका कुल मूल्य 12,900 करोड़ रुपये है. उसमें से 12,700 करोड़ रुपये आढ़तियों को दिए जा चुके हैं और उनके द्वारा किसानों को उनकी फसल का मूल्य आगे दिया जा रहा है.
पीके दास ने कहा कि सरसों की खरीद 8 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की हो चुकी है, लेकिन उसके बाद अब सरसों की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिस भी किसान के पास सरसों बची हुई है वो मार्केट में सरसों दे सकता है, क्योंकि इस समय मार्केट में जो रेट है वो एमएसपी के लगभग है.
नेशनल पोर्टेबिलिटी सुविधा पर क्या बोले पीके दास
पीके दास ने कहा कि भारत सरकार ने नेशनल पोर्टेबिलिटी की बात की है अगर एक राज्य में किसी के पास राशन कार्ड है तो वो दूसरे राज्य में राशन के डिपो से राशन प्राप्त कर सकता है. 1 जून से हरियाणा इसके लिए तैयार है. अगर दूसरे राज्य का कोई लेबर हरियाणा में काम कर रहा है और उस राज्य में डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो वो यहां राशन ले सकता है.