चंडीगढ़: हरियाणा सरकार एक तरफ जहां कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, वहीं इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि इस महामारी की चपेट में आए लोगों और उनके परिजनों को किस तरह से राहत देकर उनकी पीड़ा को कम किया जाए.
इसी कड़ी में सरकार ने निर्णय लिया है कि अगर कोरोना से जूझ रहे किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत उसके परिजनों को भी मुआवजा मिलेगा. इसके लिए सबसे पहले मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना के तहत पंजीकरण करवाना जरूरी है. इसकर तहत 2 लाख तक का मुआवजा सरकार देगी, वहीं अनाथ बच्चों के लिए हरिहर योजना की शुरुआत की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना
बीपीएल या 1.80 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार के 18 से 50 वर्ष तक के नागरिक इस योजना के लिए पात्र हैं. पंजीकरण करवाने वाले नागरिक के परिवार को कोरोना समेत किसी भी कारण से 31 मई के बाद प्राकृतिक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.
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बीपीएल परिवार के 18 से 50 वर्ष आयु के व्यक्तित की पहली मार्च से 31 मई, 2021 तक कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है तो उन्हें भी 2 लाख रुपए का एक्सग्रेशिया अनुदान दिया जाएगा. कोई भी बीपीएल या 1.80 लाख रूपए से कम वार्षिक आय वाला परिवार cmpsy.haryana.gov.in पर पंजीकरण करवा सकता है या फिर सीएससी से भी संपर्क किया जा सकता है.
इसके बाद प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए 25 मई तक बैंक में फार्म भरा जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को 330 रुपए की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाएगा.
अनाथ बच्चों के लिए हरिहर योजना
वहीं हरियाणा में अनाथ बच्चों को संरक्षण और आश्रय देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरिहर योजना की शुरुआत की है. अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक राज्य के अनाथालयों में आश्रय दिया जाएगा और उसके बाद राज्य सरकार उसकी आगे की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
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जिन अनाथ बच्चों ने स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है, वो 25 वर्ष की आयु तक एक्स-ग्रेसिया के आधार पर ग्रुप C और D की सरकारी नौकरी के लिए पात्र होंगे. यदि बच्चा स्नातक पूरा करता है तो उन्हें ईडब्ल्यूएस(EWS) श्रेणी के तहत ग्रुप A और B की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा.
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गौरतलब है कि सरकार की तरफ से मृत्यु पर 2 लाख रूपये की योजना केवल बीपीएल परिवारों के लिए ही सरकार की तरफ से लागू की गई है, वहीं हरिहर योजना अनाथ बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं उनके लिए लागू की गई है.