चंडीगढ़: देश की राजधानी दिल्ली में किसानों के आंदोलन से पहले हरियाणा में किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के मामले पर हरियाणा सरकार ने जवाब देने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से एक बार फिर समय दिए जाने की मांग की है जिस पर हाईकोर्ट ने जवाब के लिए सरकार को समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है.
हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि किसानों को छोड़ देना काफी नहीं है देखना ये होगा कि क्या उन्हें हिरासत में लेना कानूनी तौर पर सही था, हरियाणा सरकार इस पर जवाब दे.
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हरियाणा में हुई किसानों की गिरफ्तारी को लेकर किसान यूनियन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में प्रस्तावित प्रदर्शन के लिए किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने एक रात पहले ही किसान नेताओं की धरपकड़ पर करनी शुरू कर दी थी.
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इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान नेताओं को आधी रात को ही राज्य के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर बिना कारण बताए गिरफ्तार कर लिया गया. याचिका में कहा गया कि किसानों के घरों पर आधी रात को दबिश देकर उनके साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करना असंवैधानिक है. हरियाणा सरकार के वकील ने कोर्ट को कहा था कि जिन किसानों को हिरासत में लिया गया था उनको छोड़ दिया गया है.