चंडीगढ़: सिंघु बार्डर पर किसानों से रास्ता खुलवाने के लिए हरियाणा सरकार की (haryana singhu border open meeting) बैठक हुई. ये बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई. बैठक में गृह मंत्री अनिल विज, हरियाणा के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव राजीव अरोड़ा समेत कई आला अधिकारी शामिल हुए. बैठक के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी (High power committee to open singhu border) का गठन किया गया है.
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह कमेटी संयुक्त किसान मोर्चा से बात करेगी. इस कमेटी में हरियाणा डीजीपी, गृह सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. अनिल विज ने कहा कि ये हाई पावर कमेटी पहले संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात करेगी, उसके बाद रास्ता खोलने को लेकर फैसला किया जाएगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि करीब 9 महीने के बाद बातचीत से हल निकल जाएगा और हरियाणा-दिल्ली हाई-वे जल्द ही खोल दिया जाएगा.
वहीं मंगलवार को किसान नेताओं और जिला प्रशासन की बैठक हुई थी. बैठक में एक तरफ का रास्ता खोलने को लेकर बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला था. किसानों का कहना है कि वो भी इस पूरे मसले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा करने वाले हैं. हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि हमने एक तरफ का रास्ता खोल रखा है, लेकिन बरसात के चलते वहां से रोड बिल्कुल टूट चुकी है.
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किसान आंदोलन को 9 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर दोनों तरफ का रास्ता बंद किया हुआ है. मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका (सिविल) नंबर-249/2021 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ मार्ग छुड़वाया जाए. जिसके बाद प्रशासन से किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस बात पर सकारात्मक विचार करेंगे. इसके लिए किसान संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके जल्द प्रशासन को सूचित करेंगे. कुछ किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि एक तरफ मार्ग छोड़ने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाई जाए.
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