चंडीगढ़: कोविड-19 के दौरान विभिन्न संगठनों पर पड़े व्यवसायिक प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज की शुरुआत की है. सरकार का दावा है कि समय-समय पर विभिन्न लाभ प्रदान करके उद्यमियों और युवाओं की सहायता के लिए एक गतिशील स्टार्टअप इको-सिस्टम को स्थापित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं.
तीन महीनों की होगी स्टार्टअप वर्कशॉप
राज्य सरकार के अनुसार वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज का उद्देश्य स्टार्टअप के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और विशेष रूप से वैश्विक संकट के मद्देनजर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में उनकी मदद करना है. ये 3 महीने का कार्यक्रम है जो शुरुआती चरण में स्टार्टअप के लिए उद्योग के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने, उनके ज्ञान और विशेषज्ञता से सीखने और अपने कारोबार में तेजी लाने के लिए रणनीति तैयार करने का एक अवसर प्रदान करता है.
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हरियाणा सरकार ने @startupindia के सहयोग से वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य संकट के समय में अपने-अपने स्थानों से मेंटर्स और स्टार्टअप को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक सुरक्षित सलाह मंच प्रदान करना है।
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">हरियाणा सरकार ने @startupindia के सहयोग से वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य संकट के समय में अपने-अपने स्थानों से मेंटर्स और स्टार्टअप को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक सुरक्षित सलाह मंच प्रदान करना है।
— CMO Haryana (@cmohry) June 4, 2020हरियाणा सरकार ने @startupindia के सहयोग से वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य संकट के समय में अपने-अपने स्थानों से मेंटर्स और स्टार्टअप को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक सुरक्षित सलाह मंच प्रदान करना है।
— CMO Haryana (@cmohry) June 4, 2020
इस वर्कशॉप से क्या होगा फायदा ?
इस कार्यक्रम में समूह सत्र और व्यक्तिगत सत्र शामिल हैं. समूह सत्र स्टार्टअप को मेंटर के ज्ञान और अनुभव से सीखने और अन्य स्टार्टअप के साथ बातचीत करके अवसर प्रदान करते हैं, जबकि व्यक्तिगत सत्र स्टार्टअप को उनके स्टार्टअप से जुड़े विशेष मुद्दों पर मेंटर्स के साथ बातचीत करने में मदद करते हैं.
स्टार्टअप के हर पहलू को किया जाएगा कवर
इस कार्यक्रम में व्यवसाय मॉडलिंग, सेवा का आवश्यकता विश्लेषण, कानून और वित्त पोषण की मूल बातों, डिजिटल विपणन, व्यापार निरंतरता जैसे विषयों पर सत्र शामिल हैं, जो शुरुआती दौर में स्टार्टअप के लिए उपयोगी होते हैं. वहीं जून और जुलाई महीनों के सत्र भी निर्धारित किए गए हैं जिनमें डिजिटल मार्केटिंग आवश्यकता, फंडिंग टिप्स, पिच डेक प्रिपरेशन, निवेशक संबंध प्रबंधन, कराधान / कानूनी रणनीतियां और अन्य प्रासंगिक विषयों को कवर किया जाएगा.