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कोरोना काल के बावजूद हरियाणा सरकार की हुई चांदी, खनन कार्यों से मिला 1 हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व

लॉकडाउन के बावजूद हरियाणा सरकार को इस बार खनन कार्यों से 1 हजार करोड़ रूपयों से ज्यादा का राजस्व मिला है. मंत्री मूलचंद शर्मा का मानना है कि प्रदेश में खनन माफियाओं के खिलाफ अपनाए गए कड़े रुख का ही नतीजा है.

haryana government mining sector revenue
खनन कार्यों से मिला 1 हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व: मूलचंद शर्मा
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Published : Apr 3, 2021, 11:25 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा प्रदेश में खनन माफिया के खिलाफ अख्तियार किए गए कड़े रुख और खनन गतिविधियों को सुचारू बनाने के मकसद से विभाग में किए गए सुधारों का असर दिखना शुरू हो गया है.

ये भी पढ़ें: पौधारोपण के दौरान अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी, प्रदेश में 3 करोड़ पौधों की होगी जियो टैगिंग

कोविड-19 के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार को खनन कार्यों से 1022.63 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत ज्यादा है. आज यहां जारी एक बयान में मूलचंद शर्मा ने कहा कि इस महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है और खनन गतिविधियों पर भी इसका असर पड़ना लाजमी रहा, लेकिन गत वर्ष लॉकडाउन के चलते 26 दिनों तक खनन कार्य पूरी तरह से बंद रहने के बावजूद 1022.63 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना अपने-आप में बहुत बड़ी बात है.

उन्होंने बताया कि विभाग के इतिहास में ये पहला मौका है, जब माइनिंग कार्यों से राजस्व ने 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है. वर्ष 2019-20 के दौरान खनन कार्यों से 702.25 करोड़ रुपये जबकि 2018-19 के दौरान 583.21 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था.

ये भी पढ़ें: पंचकूला में बैडमिंटन टूर्नामेंट का हुआ आगाज, ज्ञानचंद गुप्ता ने किया शुभारंभ

खान एवं भू-विज्ञान मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में आमजन के लिए उचित दामों पर निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी रोक लगाना है. सरकार ने अवैध खनन को शून्य स्तर पर लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं ताकि सरकारी खजाने को होने वाली राजस्व की हानि को रोका जा सके.

मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि विभाग में हरेक स्तर पर निगरानी और सर्वेलांस सिस्टम को बढ़ाया गया है. सरकार के स्तर पर लम्बित अपीलों के निपटान में तेजी लाई गई है. इसके अलावा, ठेकेदारों और पट्टाधारकों की तरफ बकाया राशि की वसूली पर फोकस किया गया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर हुए विज, वैक्सीनेशन को लेकर दिए ये बड़े निर्देश

मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए 55 पुलिस अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों को मिलाकर स्पेशल इंफोर्समेंट टीम (एस.ई.टी.)का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना प्रणाली अवैध खनन और ढुलाई पर अंकुश लगाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है.

चंडीगढ़: हरियाणा के खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा प्रदेश में खनन माफिया के खिलाफ अख्तियार किए गए कड़े रुख और खनन गतिविधियों को सुचारू बनाने के मकसद से विभाग में किए गए सुधारों का असर दिखना शुरू हो गया है.

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उन्होंने बताया कि विभाग के इतिहास में ये पहला मौका है, जब माइनिंग कार्यों से राजस्व ने 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है. वर्ष 2019-20 के दौरान खनन कार्यों से 702.25 करोड़ रुपये जबकि 2018-19 के दौरान 583.21 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था.

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खान एवं भू-विज्ञान मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में आमजन के लिए उचित दामों पर निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी रोक लगाना है. सरकार ने अवैध खनन को शून्य स्तर पर लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं ताकि सरकारी खजाने को होने वाली राजस्व की हानि को रोका जा सके.

मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि विभाग में हरेक स्तर पर निगरानी और सर्वेलांस सिस्टम को बढ़ाया गया है. सरकार के स्तर पर लम्बित अपीलों के निपटान में तेजी लाई गई है. इसके अलावा, ठेकेदारों और पट्टाधारकों की तरफ बकाया राशि की वसूली पर फोकस किया गया है.

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मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए 55 पुलिस अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों को मिलाकर स्पेशल इंफोर्समेंट टीम (एस.ई.टी.)का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना प्रणाली अवैध खनन और ढुलाई पर अंकुश लगाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है.

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