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छोटे उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने एमएसएमई निदेशालय कमेटी बनाई: दुष्यंत चौटाला

जींद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार ने उद्यमियों की सुविधा और उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां) निदेशालय बनाया है. सरकार ने एमएसएमई निदेशालय के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया है.

deputy cm dushyant chautala
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Published : May 21, 2020, 10:33 AM IST

जींद: कोरोना के कारण से लगे लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई पर खासा प्रभाव पड़ा है. एमएसएमई उद्योग को पटरी पर लाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक कमेटी का गठन करते हुए एमएसएमई निदेशालय बनाया है.

इस बात की जानकारी हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. दुष्यंत ने बताया कि एमएसएमई के लिए सरकार जल्द एक पोर्टल भी जारी करेगी. इस पोर्टल के जरिए सभी लघु उद्योग से जुड़े लोगों की सहायता की जाएगी. साथ ही केंद्र सरकार की ओर से जारी घोषणाओं का लाभ भी उनको पहुंचाया जाएगा.

बैंक से तालमेल कर दी जाएंगी सुविधाएं

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा एमएसएमई निदेशालय की कमेटी की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं एमएसएमई के निदेशक विकास गुप्ता को सौंपी गई है. वहीं मुख्य सचिव इसकी अध्यक्षता करेंगे.

इस कमेटी में एसीएस फाइनेंस, एसीएस उद्योग, बैंक प्रतिनिधि, दो एमएसएमई से जुड़े लोग भी शामिल हैं. ये कमेटी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करेगी. आगामी तीन दिनों में गठित कमेटी बैंको से तालमेल करके केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणाओं को उद्यमियों तक पहुंचाने के काम में जुट जाएंगी.

एमएसएमई निदेशालय जारी करेगा पोर्टल

उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि जल्द से जल्द तमाम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को वापस उभारते हुए प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने का है. जल्द छोटे उद्योगों की सहायता के लिए एमएसएमई निदेशालय की कमेटी की ओर से एक पोर्टल भी जारी कर दिया जाएगा. इसे ये कमेटी पूरी तरह से मॉनिटर करेगी. पोर्टल के जरिए तमाम लघु उद्योग चाहे जिनमें कृषि, ई-कॉमर्स या अन्य किसी क्षेत्र से जुड़े हों, उनको पोर्टल के माध्यम से सहायता पहुंचाई जाएगी और बैंकों से लोन दिलाने का काम किया जाएगा.

ये भी पढ़े:- गुरुग्राम दिल्ली बॉर्डर पर हंगामा, प्रवासी मजदूरों ने पुलिस पर किया पथराव

पोल्ट्री उद्योग से जुड़े एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सबसे पहले एकमात्र हरियाणा सरकार ने ही पोल्ट्री उद्योगों की सहायता करने के लिए कदम उठाया. हैफेड के गोदाम से 1500 रुपये प्रति क्विंटल बाजरा पोल्ट्री फार्म संचालकों को मनमर्जी की क्षमता के हिसाब से उपलब्ध करवाने का काम किया. इसके साथ ही अन्य राज्यों से मक्का आदि भी उपलब्ध करवाई.

जींद: कोरोना के कारण से लगे लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई पर खासा प्रभाव पड़ा है. एमएसएमई उद्योग को पटरी पर लाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक कमेटी का गठन करते हुए एमएसएमई निदेशालय बनाया है.

इस बात की जानकारी हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. दुष्यंत ने बताया कि एमएसएमई के लिए सरकार जल्द एक पोर्टल भी जारी करेगी. इस पोर्टल के जरिए सभी लघु उद्योग से जुड़े लोगों की सहायता की जाएगी. साथ ही केंद्र सरकार की ओर से जारी घोषणाओं का लाभ भी उनको पहुंचाया जाएगा.

बैंक से तालमेल कर दी जाएंगी सुविधाएं

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा एमएसएमई निदेशालय की कमेटी की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं एमएसएमई के निदेशक विकास गुप्ता को सौंपी गई है. वहीं मुख्य सचिव इसकी अध्यक्षता करेंगे.

इस कमेटी में एसीएस फाइनेंस, एसीएस उद्योग, बैंक प्रतिनिधि, दो एमएसएमई से जुड़े लोग भी शामिल हैं. ये कमेटी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करेगी. आगामी तीन दिनों में गठित कमेटी बैंको से तालमेल करके केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणाओं को उद्यमियों तक पहुंचाने के काम में जुट जाएंगी.

एमएसएमई निदेशालय जारी करेगा पोर्टल

उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि जल्द से जल्द तमाम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को वापस उभारते हुए प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने का है. जल्द छोटे उद्योगों की सहायता के लिए एमएसएमई निदेशालय की कमेटी की ओर से एक पोर्टल भी जारी कर दिया जाएगा. इसे ये कमेटी पूरी तरह से मॉनिटर करेगी. पोर्टल के जरिए तमाम लघु उद्योग चाहे जिनमें कृषि, ई-कॉमर्स या अन्य किसी क्षेत्र से जुड़े हों, उनको पोर्टल के माध्यम से सहायता पहुंचाई जाएगी और बैंकों से लोन दिलाने का काम किया जाएगा.

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पोल्ट्री उद्योग से जुड़े एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सबसे पहले एकमात्र हरियाणा सरकार ने ही पोल्ट्री उद्योगों की सहायता करने के लिए कदम उठाया. हैफेड के गोदाम से 1500 रुपये प्रति क्विंटल बाजरा पोल्ट्री फार्म संचालकों को मनमर्जी की क्षमता के हिसाब से उपलब्ध करवाने का काम किया. इसके साथ ही अन्य राज्यों से मक्का आदि भी उपलब्ध करवाई.

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