चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने आउटसोर्सिंग नीति के भाग-1 और भाग-2 के तहत सभी नई भर्ती/नियुक्ति को तुरंत प्रभाव से रोकने (haryana Outsourcing recruitment stopped) का निर्णय लिया है. मंगलवार को सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, अंबाला, हिसार, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद मंडलों के मंडल आयुक्तों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, उपायुक्तों, उप मंडल अधिकारियों (नागरिक) और रजिस्ट्रार, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ को पत्र लिखा गया है.
प्रवक्ता ने बताया कि अब तक जनहित से जुड़े मामलों में विभाग मुख्य सचिव और वित्त विभाग के अनुमोदन से आउटसोर्सिंग नीति भाग-2 के तहत रिक्त स्वीकृत पदों पर ग्रुप सी और डी के अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्त कर सकते थे. राज्य सरकार ने अब इस मामले पर पुनर्विचार किया है और आउटसोर्सिंग नीति के भाग-1 और भाग-2 के तहत सभी नई भर्ती/नियुक्ति को तुरंत प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया है.
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इसके लिए सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, अंबाला, हिसार, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद मंडलों के मंडल आयुक्तों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, उपायुक्तों, उप मंडल अधिकारियों (नागरिक) और रजिस्ट्रार, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ को पत्र लिखा गया है.