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भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ हरियाणा सरकार सख्त, लंबित 30 मामलों में विभागों ने दी अभियोजन की मंजूरी

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Published : Dec 21, 2022, 10:44 PM IST

हरियाणा में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश सरकार आवश्यक कार्रवाई कर रही है. इस सिलसिले में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. (employees involved in corruption in the haryana)

Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ एक अहम बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुछ लंबित मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी देने के संबंध में समीक्षा की. (Haryana government action against the officials) (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal)

संजीव कौशल ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर माह तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है. मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी विभागों से समय–समय पर ऐसे मामलों की प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट ली जाती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार को रोकना अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी भी है, इसलिए वे भी समय-समय पर अपने विभागों की समीक्षा करें. (employees involved in corruption) (Prevention of Corruption Act in haryana)

उन्होंने बताया कि राज्य सतर्कता ब्यूरो की ओर से विभागों को अभियोजन की मंजूरी देने के लिए जारी पत्र के 3 माह के अंदर-अंदर सक्षम प्राधिकारी को अभियोजन की मंजूरी देनी होती है. उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय में मंजूरी प्रदान की जाए, ताकि आगामी कार्रवाई को जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके. (Haryana State Vigilance Bureau) (haryana CM Manohar Lal Khattar)

पोर्टल होगा विकसित, विभाग अपलोड कर सकेंगे विजिलेंस मामलों से संबंधित सभी जानकारी: मुख्य सचिव ने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिस पर विभाग विजिलेंस मामलों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां जैसे, एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर), जांच रिपोर्ट, अभियोजन की मंजूरी इत्यादि अपलोड कर सकेंगे. इससे रियल टाईम डाटा उपलब्ध होगा कि किस विभाग में किस स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित है. इतना ही नहीं, इससे मासिक तौर पर हर विभाग की रिपोर्ट भी जनरेट हो सकेगी और प्रशासनिक सचिव भी आसानी से ऐसे मामलों की समीक्षा करने में सक्षम होंगे. (Corruption cases in Haryana) (employees involved in corruption in the haryana)

ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी की, एक साल के अंदर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की गारंटी

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ एक अहम बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुछ लंबित मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी देने के संबंध में समीक्षा की. (Haryana government action against the officials) (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal)

संजीव कौशल ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर माह तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है. मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी विभागों से समय–समय पर ऐसे मामलों की प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट ली जाती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार को रोकना अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी भी है, इसलिए वे भी समय-समय पर अपने विभागों की समीक्षा करें. (employees involved in corruption) (Prevention of Corruption Act in haryana)

उन्होंने बताया कि राज्य सतर्कता ब्यूरो की ओर से विभागों को अभियोजन की मंजूरी देने के लिए जारी पत्र के 3 माह के अंदर-अंदर सक्षम प्राधिकारी को अभियोजन की मंजूरी देनी होती है. उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय में मंजूरी प्रदान की जाए, ताकि आगामी कार्रवाई को जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके. (Haryana State Vigilance Bureau) (haryana CM Manohar Lal Khattar)

पोर्टल होगा विकसित, विभाग अपलोड कर सकेंगे विजिलेंस मामलों से संबंधित सभी जानकारी: मुख्य सचिव ने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिस पर विभाग विजिलेंस मामलों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां जैसे, एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर), जांच रिपोर्ट, अभियोजन की मंजूरी इत्यादि अपलोड कर सकेंगे. इससे रियल टाईम डाटा उपलब्ध होगा कि किस विभाग में किस स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित है. इतना ही नहीं, इससे मासिक तौर पर हर विभाग की रिपोर्ट भी जनरेट हो सकेगी और प्रशासनिक सचिव भी आसानी से ऐसे मामलों की समीक्षा करने में सक्षम होंगे. (Corruption cases in Haryana) (employees involved in corruption in the haryana)

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