चंडीगढ़: पहाड़ों पर इस बार मानसून की बारिश भारी तबाही मचाई है तो वहीं मैदानी इलाके में इससे अछूते नहीं हैं. पहाड़ों में हुई बारिश की वजह से मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं और जिससे जलभराव की स्थिति मैदानी इलाकों में बनी हुई है. हरियाणा में भी यमुना, घग्गर, टांगरी और मार्कंडेय नदी की वजह से कई गांव प्रभावित हुए हैं. हरियाणा में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और बाढ़ की वजह से अभी तक कई क्षेत्रों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बाढ़ की वजह से 1467 गांव प्रभावित हुए हैं. वहीं, बरसात के मौसम में अब तक प्रदेश में 40 लोगों की जान चली गई है. जबकि, 2 लाख 6 हजार 990 हेक्टेयर कृषि भूमि जलभराव की वजह से प्रभावित हुई है. इसके साथ ही 233 घर बारिश और बाढ़ की वजह से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 3950 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है.
आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 58 राहत कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनमें 1289 लोग रह रहे हैं. इसके साथ ही 7868 लोगों को इवैकुएट किया गया है. इसके साथ ही बाढ़ की वजह से पशुधन की भी बड़े स्तर पर हानि हुई है. राहत और बचाव के कार्य फतेहाबाद और सिरसा में एनडीआरएफ को तैनात किया गया है. इसके साथ ही फतेहाबाद में सेना की भी मदद ली जा रही है.
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बता दें कि, पिछले दिनों हुई बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में अभी भी बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है. इसी बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर से भारी बारिश को लेकर हरियाणा में 29 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम विभाग की ओर से लोगों से सचेत रहने और सावधानी बरतने की अपील की गई है.