गुरुग्राम/फरीदाबाद/करनाल: हरियाणा में मानसून का इंतजार हर किसी को था, लेकिन जैसे ही मानसून की पहली बारिश (haryana first rain monsoon) हुई लोगों की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई. बारिश की फुहार ने गर्मी से राहत तो दिलाई लेकिन घरों और सड़कों पर हुए जलभराव ने उनके इस मौसम में भी पसीने निकाल दिए. इसलिए ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि साल भले ही बदल गया हो, लेकिन मानसून की पहली बारिश के बाद हरियाणा का हाल वही है.
चलिए सबसे पहले बात करते हैं 'साइबर सिटी' गुरुग्राम (water logging gurugram) की. जहां हर बार मानसून की पहली बारिश प्रशासन के दावों की पोल खोल देती है. बीते साल भी मानसून की बारिश के बाद गुरुग्राम की सड़कों का हाल यही था, जो इस साल हुआ है. याद कीजिए पिछले साल सोहना रोड की एक पॉश सोसायटी में इतना जलभराव हो गया था कि अंतरराष्ट्रीय गोल्फर ज्योति रंधावा बोट से अपने घर पहुंचे.
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अब बात करते हैं इस साल की, इस साल भी मानसून की पहली बारिश के बाद गुरुग्राम की सड़कों का हाल वही नजर आया. जलभराव इस कदर था कि लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे किए जाते हैं. दावा किया जाता है कि इस बार जलभराव नहीं होने दिया जाएगा लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर नजर आती है.
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अब बात हरियाणा की 'औद्योगिक नगरी' फरीदाबाद (water logging faridabad)की. कहने को तो फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है, लेकिन हर साल मानसून की पहली बारिश के बाद 'औद्योगिक नगरी' की पोल खुल जाती है. बारिश होने के बाद नेशनल हाईवे हो या फिर कॉलोनियां हर जगह जलभराव की समस्या देखने को मिलती है.
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फरीदाबाद का कुछ ऐसा ही हाल इस बार भी देखने को मिला. मुख्य चौराहे जैसे बाटा चौक, सीही चौक और बीके चौक पर गाड़ियां तैरती नजर आई. ऐसे में लोगों के लिए पैदल निकल पाना भी बेहद मुश्किल हो गया. नेशनल हाईवे पर पानी की निकासी ना होने के कारण पानी रोड पर जमा हो गया है, जिस वजह से जाम भी लग गया.
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चलिए अब बात करते हैं सीएम सिटी करनाल (water logging karnal) की. करनाल का नाम भी हरियाणा की स्मार्ट शहरों की लिस्ट में शुमार है, लेकिन मानसून की पहली बारिश ने करनाल को भी पानी-पानी कर दिया. पूरा शहर मानों मानसून की पहली बारिश में डूब गया. फिर चाहे वो घंटा घर, लिबर्टी चौक, अंबेडकर चौक या फिर मटका चौक ही क्यों ना हो.
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दूसरी तरफ यमुनानगर में भी मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी. यमुनानगर के बॉम्बे पुर, चांदपुर और नग्गल पट्टी गांव में हुई बारिश की वजह से ड्रेन टूटने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इसके साथ ही पांवटा साहिब नेशनल हाईवे पर लगते यमुनानगर के 3 गांव के कई घरों में पानी घुस गया तो वहीं नेशनल हाईवे पर भी करीब 3-3 फीट तक पानी भर गया.