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सांझी खेवट की तकसीम के लिए नया कानून लाएगी सरकार, ई-फर्द प्रणाली से लोगों की परेशानी हुई कम: CM - मेरी फसल मेरा ब्यौरा

हरियाणा में लोगों को जमीनी झगड़ों से भी निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार एक नई प्रणाली की शुरुआत की है. डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली शुरू किया गया है. शनिवार को लाभार्थियों से संवाद के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए नया कानून लाने की तैयारी चल रही है.

Haryana CM Manohar Lal
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल
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Published : May 7, 2023, 12:32 PM IST

चंडीगढ़: ई-गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए हरियाणा सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं, बल्कि जमाबंदी पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए सरकार नया कानून ला रही है. सीएम ने कहा कि इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी.

हरियाणा में ई-फर्द प्रणाली: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ से ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ई-फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. सीएम ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है. इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी. लाभार्थियों ने सीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ई-फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है. क्योंकि पहले फर्द प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसम्बर, 2022 को www.jamabandi.nic.in पोर्टल शुरू किया था. खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में करीब 10,000 लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द ऑनलाइन डाउनलोड की है. उन्होंने कहा कि एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपए है और पहले खेवट के लिए 10 रुपए है. इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपए फीस है. उन्होंने कहा कि पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है और घर बैठे काम भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब हम सत्ता में आए, तो उस समय हमारा उद्देश्य यही था कि किस प्रकार आम जनता की समस्याओं को दूर कर उनके जीवन को सरल बनाया जाए. इसके लिए डिजिटल सिस्टम खड़े किए गए. उन्होंने कहा कि जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड सम्बन्धी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है. इस पोर्टल पर ही ई-फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खतौनी जमीन का नक्शा, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, खसरा, स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर समेत कई सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं .

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों-उप तहसीलों में वेब-हैलरिस प्रणाली (Haryana Land Records Information System) का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए थे. इस नई पहल के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन और सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है. इसके लिए 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन किया गया है. इससे आई.टी. डिपार्टमेंट का भी काम आसान हो गया है.

'पारदर्शिता लाने के लिए बड़े पैमाने पर आईटी का प्रयोग': सीएम ने कहा कि जमीन सम्बंधी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया है. रजिस्ट्री करवाने या तहसील के अन्य कार्यों के लिए लोगों को इंतजार न करना पड़े इसके लिए ई-पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत की गई है. इससे कोई भी व्यक्ति प्रदेश के एक जिले के किसी भी तहसील कार्यालय में जाकर अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकता है. अब सरकार एक कदम और आगे बढ़ते हुए ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जमीन की रजिस्ट्री किसी भी तहसील में करवा सकता है.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चली आ रही लाल डोरा प्रथा के तहत पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी. इसके चलते जमीन के कारण काफी झगड़े होते थे. इसे दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के अभियान की शुरुआत की. इस योजना के तहत सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त किया गया और लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया है.

उन्होंने कहा कि, लाल डोरा मुक्त होने से गांव की सम्पत्ति को विशेष पहचान मिलने के साथ-साथ भूमि मालिकों को मालिकाना हक मिला है. जमीन की खरीद फरोख्त व उस पर ऋण लेने का अधिकार मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है. उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा के माध्यम से किसान फसल आसानी से बेच सकते हैं. सीएम ने कहा कि फसलों को प्राकृतिक नुकसान होने की स्थिति में भी किसान स्वयं ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान की जानकारी दें.

'परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को मिल रहे सभी लाभ': सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को सभी प्रकार के लाभ दे रही है. हालांकि, विपक्ष के लोग इन सुविधाओं को देखकर परेशान हो रहे हैं, कि कैसे सरकार जन कल्याण के लिए कार्य कर रही है. विपक्ष के लोग कहते हैं कि वे इन पोर्टल को खत्म कर देंगे. जबकि वास्तविकता यह है कि लोगों को इन पोर्टल से काफी लाभ हो रहा है. उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता सब समझती है, लोगों को उनकी बातों से भ्रमित ना हों.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीएम मनोहर लाल को सौंपी आरक्षण संबंधी रिपोर्ट

चंडीगढ़: ई-गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए हरियाणा सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं, बल्कि जमाबंदी पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए सरकार नया कानून ला रही है. सीएम ने कहा कि इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी.

हरियाणा में ई-फर्द प्रणाली: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ से ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ई-फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. सीएम ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है. इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी. लाभार्थियों ने सीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ई-फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है. क्योंकि पहले फर्द प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसम्बर, 2022 को www.jamabandi.nic.in पोर्टल शुरू किया था. खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में करीब 10,000 लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द ऑनलाइन डाउनलोड की है. उन्होंने कहा कि एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपए है और पहले खेवट के लिए 10 रुपए है. इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपए फीस है. उन्होंने कहा कि पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है और घर बैठे काम भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब हम सत्ता में आए, तो उस समय हमारा उद्देश्य यही था कि किस प्रकार आम जनता की समस्याओं को दूर कर उनके जीवन को सरल बनाया जाए. इसके लिए डिजिटल सिस्टम खड़े किए गए. उन्होंने कहा कि जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड सम्बन्धी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है. इस पोर्टल पर ही ई-फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खतौनी जमीन का नक्शा, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, खसरा, स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर समेत कई सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं .

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों-उप तहसीलों में वेब-हैलरिस प्रणाली (Haryana Land Records Information System) का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए थे. इस नई पहल के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन और सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है. इसके लिए 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन किया गया है. इससे आई.टी. डिपार्टमेंट का भी काम आसान हो गया है.

'पारदर्शिता लाने के लिए बड़े पैमाने पर आईटी का प्रयोग': सीएम ने कहा कि जमीन सम्बंधी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया है. रजिस्ट्री करवाने या तहसील के अन्य कार्यों के लिए लोगों को इंतजार न करना पड़े इसके लिए ई-पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत की गई है. इससे कोई भी व्यक्ति प्रदेश के एक जिले के किसी भी तहसील कार्यालय में जाकर अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकता है. अब सरकार एक कदम और आगे बढ़ते हुए ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जमीन की रजिस्ट्री किसी भी तहसील में करवा सकता है.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चली आ रही लाल डोरा प्रथा के तहत पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी. इसके चलते जमीन के कारण काफी झगड़े होते थे. इसे दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के अभियान की शुरुआत की. इस योजना के तहत सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त किया गया और लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया है.

उन्होंने कहा कि, लाल डोरा मुक्त होने से गांव की सम्पत्ति को विशेष पहचान मिलने के साथ-साथ भूमि मालिकों को मालिकाना हक मिला है. जमीन की खरीद फरोख्त व उस पर ऋण लेने का अधिकार मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है. उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा के माध्यम से किसान फसल आसानी से बेच सकते हैं. सीएम ने कहा कि फसलों को प्राकृतिक नुकसान होने की स्थिति में भी किसान स्वयं ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान की जानकारी दें.

'परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को मिल रहे सभी लाभ': सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को सभी प्रकार के लाभ दे रही है. हालांकि, विपक्ष के लोग इन सुविधाओं को देखकर परेशान हो रहे हैं, कि कैसे सरकार जन कल्याण के लिए कार्य कर रही है. विपक्ष के लोग कहते हैं कि वे इन पोर्टल को खत्म कर देंगे. जबकि वास्तविकता यह है कि लोगों को इन पोर्टल से काफी लाभ हो रहा है. उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता सब समझती है, लोगों को उनकी बातों से भ्रमित ना हों.

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