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साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना होगा साकार, सरकार उठा रही ये विशेष कदम - टीबी लाइलाज बीमारी नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है, कि साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है. इसी दिशा में हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ रही है. इसी विषय को लेकर टीबी रोगियों से शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संवाद किया और जागरूकता फैलाने का भी संदेश दिया है.

Manohar Lal on TB free country in Chandigarh latest news
साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना होगा साकार
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Published : Apr 22, 2023, 10:40 PM IST

चंडीगढ़: शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश को साल 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में हरियाणा सरकार भी लगातार काम कर रही है. टी.बी हारेगा और देश जीतेगा, इसी संकल्प के साथ हरियाणा सरकार सार्थक कदम उठा रही है और आगे बढ़ रही है. उन्होंने टी. बी. रोगियों से भी अपील की है कि सभी अपने स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध टी.बी. की मुफ्त जांच कर सकते हैं और उपचार भी करवा सकते हैं. अन्य लोगों को भी इस सुविधा के प्रति जागरूक करें.

मुफ्त टीबी इलाज: बता दें कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निक्षय योजना के तहत उपचाराधीन टीबी रोगियों से सीधा संवाद किया. उन्होंने टीबी रोगियों से अपील की है कि वे सभी डॉक्टर की सलाह ले और जांच करवाते रहें. जिनकी दवाई चल रही है वे इलाज को बीच में ना छोड़ें. इसी बीच रोगियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा टीबी के इलाज में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं और वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. इस दौरान लोगों ने कहा कि टीबी का इलाज काफी लंबे समय तक चलता है और आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है. सरकार द्वारा उनका पूरा इलाज करवाया जा रहा है जो कि सराहनीय है.

टीबी रोगियों के साथ सरकार: इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है. यदि सही से नियमित रूप से इलाज चलता रहे, तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है. लेकिन इसमें इलाज को किसी भी हालत में बीच छोड़ना नहीं चाहिए. इस दौरान रोगियों को पोषक आहार की जरूरत होती है. लेकिन जिन परिवारों में आर्थिक तंगी होती है, वहां पोषक आहार मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार हर कदम पर टीबी रोगियों के साथ है. समय-समय पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी मदद ली जाएगी.

टीबी के मरीजों को बेहतर सुविधाएं दे रही सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने टीबी की मुफ्त जांच के लिए 350 कफ जांच केंद्र, 80 मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाएं एवं 2 कल्चर प्रयोगशालाएं संचालित की हैं. मुफ्त इलाज के लिए हर ब्लॉक पर टी.बी. यूनिट का निर्माण किया गया है और प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी की दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. कोई भी व्यक्ति, जिसे दो सप्ताह तक खांसी हो, वह इन जांच केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर अपनी निःशुल्क जांच करवा सकता है. प्रदेश में वर्ष 2022 में 75,730 टी.बी. रोगियों की पहचान की गयी थी. जिसमें 40,276 रोगी अभी भी उपचाराधीन हैं.

निजी अस्पतालों में भी फ्री इलाज: उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टीबी रोगियों के इलाज में सहयोग देने के लिए आशा वर्कर्स और अन्य कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देते हैं. अब तक उन्हें लगभग 8 करोड़ रुपये दिये गये हैं. हमारा लक्ष्य है कि टीबी रोगियों को घर के बिल्कुल नजदीक टीबी का इलाज मिले. इसलिए हमने टीबी के रोगियों की देखभाल के लिए प्राइवेट डॉक्टरों एवं अस्पतालों को भी लगभग 4 करोड़ रुपये दिए हैं. उनके पास भी अपना इलाज मुफ्त करवा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 24 अप्रैल को करनाल दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, डीसी ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

टीबी मुक्त देश.. टारगेट साल 2025: वर्ष 2025 तक टीबी. के उन्मूलन के लिए जिले एवं ब्लॉक स्तर पर टीबी की सेवाओं के निरंतर मूल्यांकन एवं सुधार के लिए टीबी फोरम का निर्माण किया गया है. सामाजिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों को भी टीबी उन्मूलन गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है.

राष्ट्रपति का आभार: मनोहर लाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने टीबी के रोगियों के पोषण के लिए सितम्बर, 2022 में निक्षय योजना का शुभारम्भ किया था. उन्होंने विभिन्न संस्थाओं एवं कॉरपोरेट को टीबी रोगियों का पोषण करने के लिए उन्हें गोद लेने का आह्वान किया था. हरियाणा में भी इस योजना का शुभारम्भ 15 सितम्बर, 2022 को किया गया. इसके तहत राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री और गणमान्य नागरिकों द्वारा टीबी के रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट्स दी जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने भी इस योजना के तहत टीबी के पांच रोगियों को गोद लिया है.

चंडीगढ़: शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश को साल 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में हरियाणा सरकार भी लगातार काम कर रही है. टी.बी हारेगा और देश जीतेगा, इसी संकल्प के साथ हरियाणा सरकार सार्थक कदम उठा रही है और आगे बढ़ रही है. उन्होंने टी. बी. रोगियों से भी अपील की है कि सभी अपने स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध टी.बी. की मुफ्त जांच कर सकते हैं और उपचार भी करवा सकते हैं. अन्य लोगों को भी इस सुविधा के प्रति जागरूक करें.

मुफ्त टीबी इलाज: बता दें कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निक्षय योजना के तहत उपचाराधीन टीबी रोगियों से सीधा संवाद किया. उन्होंने टीबी रोगियों से अपील की है कि वे सभी डॉक्टर की सलाह ले और जांच करवाते रहें. जिनकी दवाई चल रही है वे इलाज को बीच में ना छोड़ें. इसी बीच रोगियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा टीबी के इलाज में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं और वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. इस दौरान लोगों ने कहा कि टीबी का इलाज काफी लंबे समय तक चलता है और आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है. सरकार द्वारा उनका पूरा इलाज करवाया जा रहा है जो कि सराहनीय है.

टीबी रोगियों के साथ सरकार: इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है. यदि सही से नियमित रूप से इलाज चलता रहे, तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है. लेकिन इसमें इलाज को किसी भी हालत में बीच छोड़ना नहीं चाहिए. इस दौरान रोगियों को पोषक आहार की जरूरत होती है. लेकिन जिन परिवारों में आर्थिक तंगी होती है, वहां पोषक आहार मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार हर कदम पर टीबी रोगियों के साथ है. समय-समय पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी मदद ली जाएगी.

टीबी के मरीजों को बेहतर सुविधाएं दे रही सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने टीबी की मुफ्त जांच के लिए 350 कफ जांच केंद्र, 80 मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाएं एवं 2 कल्चर प्रयोगशालाएं संचालित की हैं. मुफ्त इलाज के लिए हर ब्लॉक पर टी.बी. यूनिट का निर्माण किया गया है और प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी की दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. कोई भी व्यक्ति, जिसे दो सप्ताह तक खांसी हो, वह इन जांच केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर अपनी निःशुल्क जांच करवा सकता है. प्रदेश में वर्ष 2022 में 75,730 टी.बी. रोगियों की पहचान की गयी थी. जिसमें 40,276 रोगी अभी भी उपचाराधीन हैं.

निजी अस्पतालों में भी फ्री इलाज: उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टीबी रोगियों के इलाज में सहयोग देने के लिए आशा वर्कर्स और अन्य कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देते हैं. अब तक उन्हें लगभग 8 करोड़ रुपये दिये गये हैं. हमारा लक्ष्य है कि टीबी रोगियों को घर के बिल्कुल नजदीक टीबी का इलाज मिले. इसलिए हमने टीबी के रोगियों की देखभाल के लिए प्राइवेट डॉक्टरों एवं अस्पतालों को भी लगभग 4 करोड़ रुपये दिए हैं. उनके पास भी अपना इलाज मुफ्त करवा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 24 अप्रैल को करनाल दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, डीसी ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

टीबी मुक्त देश.. टारगेट साल 2025: वर्ष 2025 तक टीबी. के उन्मूलन के लिए जिले एवं ब्लॉक स्तर पर टीबी की सेवाओं के निरंतर मूल्यांकन एवं सुधार के लिए टीबी फोरम का निर्माण किया गया है. सामाजिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों को भी टीबी उन्मूलन गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है.

राष्ट्रपति का आभार: मनोहर लाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने टीबी के रोगियों के पोषण के लिए सितम्बर, 2022 में निक्षय योजना का शुभारम्भ किया था. उन्होंने विभिन्न संस्थाओं एवं कॉरपोरेट को टीबी रोगियों का पोषण करने के लिए उन्हें गोद लेने का आह्वान किया था. हरियाणा में भी इस योजना का शुभारम्भ 15 सितम्बर, 2022 को किया गया. इसके तहत राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री और गणमान्य नागरिकों द्वारा टीबी के रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट्स दी जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने भी इस योजना के तहत टीबी के पांच रोगियों को गोद लिया है.

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