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हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार: नए मंत्रियों के पोर्टफोलियो पर फंसा पेंच, दिल्ली दरबार पहुंचा मामला! - haryana latest news

मंगलवार को हरियाणा कैबिनेट का विस्तार हुआ, लेकिन अभी नए मंत्रियों को उनका पोर्टफोलियो (portfolio of new ministers in haryana) नहीं दिया गया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी कोटे से मंत्री बनाए गए डॉ. कमल गुप्ता को हरियाणा के मौजूद गृह मंत्री से एक विभाग लेकर दिया जा जाएगा, जिससे अनिल विज नाराज हो गए हैं. खबर ये भी है कि अब ये मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है.

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नए मंत्रियों के पोर्टफोलियो पर फंसा पेंच, दिल्ली दरबार पहुंचा मामला!
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Published : Dec 29, 2021, 2:19 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मंगलवार को दूसरी बार हरियाणा मंत्रिमंडल में विस्तार (Haryana cabinet expansion) किया. इस मंत्रिमंडल में 2 नए चेहरों को शामिल किया गया. जिनमें बीजेपी के हिसार से विधायक कमल गुप्ता और बीजेपी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को कैबिनेट में शामिल किया गया, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी इन दोनों के अभी तक विभागों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.

शपथ ग्रहण समारोह में सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए, लेकिन एक अकेला मंत्री इस शपथ ग्रहण समारोह से नदारद रहा. वह चेहरा था, प्रदेश का गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का. अनिल विज शपथ ग्रहण समारोह में क्यों शामिल नहीं हुए? इसको लेकर चर्चाओं का बाजार लगातार गर्म है. जानकारों की मानें तो कैबिनेट विस्तार से पहले गृह मंत्री अनिल विज मुख्यमंत्री आवास भी गए थे, लेकिन वह राजभवन नहीं पहुंचे. ऐसे में खबर है कि अनिल विज सरकार के इस फैसले से नाराज (anil vij angry on Haryana cabinet expansion) हैं.

अनिल विज से वापस लिया जाएगा विभाग?

वहीं बीजेपी कोटे से कैबिनेट मंत्री बने कमल गुप्ता को अनिल विज से विभाग ले कर दिया जा सकता है. दरअसल अनिल विज के पास अभी गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अर्बन लोकल बॉडी जैसे अहम विभाग है, क्योंकि कमल गुप्ता बीजेपी कोटे से कैबिनेट मंत्री बने हैं तो इसलिए उनको जो विभाग दिया जाएगा वह बीजेपी को अपने कोटे से देना होगा. जबकि देवेंद्र बबली को जेजेपी अपने कोटे से विभाग देगी.

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शपथ ग्रहण करते हुए डॉ. कमल गुप्ता

जानकारों की मानें तो जेजेपी अपने कोटे से पंचायत विभाग देवेंद्र बबली को दे सकती है और इसके साथ ही हो सकता है उन्हें खाद्य आपूर्ति विभाग भी दिया जाए, लेकिन सबसे बड़ा पेच कमल गुप्ता को लेकर फंसता हुआ नजर आ रहा है. उनको जो विभाग दिए जाने की चर्चा है कि कमल गुप्ता को अर्बन लोकल बॉडी दिया जाएगा. ये विभाग भी अनिल विज के पास है.

ये पढे़ं- हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार: कमल गुप्ता और देवेंद्र बबली बने मंत्री, छोटा होगा अनिल विज का पोर्टफोलियो?

हालांकि यह भी चर्चा है कि हो सकता है मुख्यमंत्री खुद के पास से किसी एक विभाग को कमल गुप्ता को दें, लेकिन वह कोई बड़ा विभाग नहीं होगा. उनको जो बड़ा विभाग दिया जाएगा हो सकता है वह गृह मंत्री अनिल विज से ले लिया जाए यानी वह विभाग अर्बन लोकल बॉडी का भी हो सकता है और गृह विभाग भी हो सकता है.

गृह मंत्री-सीएम के बीच पहले भी सामने आ चुके हैं विवाद

माना जा रहा है कि इसको लेकर अनिल विज काफी खफा हैं क्योंकि उनका पहले भी मुख्यमंत्री के साथ 36 का आंकड़ा रहा है. वह चाहे फिर सीआईडी विवाद हो या फिर डीजीपी की नियुक्ति को लेकर विवाद रहा हो. वहीं अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अनिल विज के बीच विभाग देने को लेकर ठनती हुई नजर आ रही है. इस बार विवाद कहां तक जाएगा यह तो अभी कहना मुश्किल है, लेकिन दोनों नहीं बनी मंत्रियों को विभाग अभी तक ना दिए जाने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी विधायकों को लंच पर बुलाया

वहीं इस मामले को लेकर अभी तक कोई भी खुलकर बात नहीं कर रहा है. इधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल अभी दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरे के पीछे की वजह प्री बजट को लेकर होने वाली चर्चा को बताया जा रहा है, लेकिन सूत्रों की माने तो हो सकता है कि अनिल विज से जो भी भाग लिया जाना है, उसको लेकर भी पार्टी के आला नेताओं से बातचीत करें. पार्टी के अंदर अनिल विज का कद काफी बड़ा है और वे पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक भी हैं.

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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मंगलवार को दूसरी बार हरियाणा मंत्रिमंडल में विस्तार (Haryana cabinet expansion) किया. इस मंत्रिमंडल में 2 नए चेहरों को शामिल किया गया. जिनमें बीजेपी के हिसार से विधायक कमल गुप्ता और बीजेपी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को कैबिनेट में शामिल किया गया, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी इन दोनों के अभी तक विभागों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.

शपथ ग्रहण समारोह में सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए, लेकिन एक अकेला मंत्री इस शपथ ग्रहण समारोह से नदारद रहा. वह चेहरा था, प्रदेश का गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का. अनिल विज शपथ ग्रहण समारोह में क्यों शामिल नहीं हुए? इसको लेकर चर्चाओं का बाजार लगातार गर्म है. जानकारों की मानें तो कैबिनेट विस्तार से पहले गृह मंत्री अनिल विज मुख्यमंत्री आवास भी गए थे, लेकिन वह राजभवन नहीं पहुंचे. ऐसे में खबर है कि अनिल विज सरकार के इस फैसले से नाराज (anil vij angry on Haryana cabinet expansion) हैं.

अनिल विज से वापस लिया जाएगा विभाग?

वहीं बीजेपी कोटे से कैबिनेट मंत्री बने कमल गुप्ता को अनिल विज से विभाग ले कर दिया जा सकता है. दरअसल अनिल विज के पास अभी गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अर्बन लोकल बॉडी जैसे अहम विभाग है, क्योंकि कमल गुप्ता बीजेपी कोटे से कैबिनेट मंत्री बने हैं तो इसलिए उनको जो विभाग दिया जाएगा वह बीजेपी को अपने कोटे से देना होगा. जबकि देवेंद्र बबली को जेजेपी अपने कोटे से विभाग देगी.

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शपथ ग्रहण करते हुए डॉ. कमल गुप्ता

जानकारों की मानें तो जेजेपी अपने कोटे से पंचायत विभाग देवेंद्र बबली को दे सकती है और इसके साथ ही हो सकता है उन्हें खाद्य आपूर्ति विभाग भी दिया जाए, लेकिन सबसे बड़ा पेच कमल गुप्ता को लेकर फंसता हुआ नजर आ रहा है. उनको जो विभाग दिए जाने की चर्चा है कि कमल गुप्ता को अर्बन लोकल बॉडी दिया जाएगा. ये विभाग भी अनिल विज के पास है.

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हालांकि यह भी चर्चा है कि हो सकता है मुख्यमंत्री खुद के पास से किसी एक विभाग को कमल गुप्ता को दें, लेकिन वह कोई बड़ा विभाग नहीं होगा. उनको जो बड़ा विभाग दिया जाएगा हो सकता है वह गृह मंत्री अनिल विज से ले लिया जाए यानी वह विभाग अर्बन लोकल बॉडी का भी हो सकता है और गृह विभाग भी हो सकता है.

गृह मंत्री-सीएम के बीच पहले भी सामने आ चुके हैं विवाद

माना जा रहा है कि इसको लेकर अनिल विज काफी खफा हैं क्योंकि उनका पहले भी मुख्यमंत्री के साथ 36 का आंकड़ा रहा है. वह चाहे फिर सीआईडी विवाद हो या फिर डीजीपी की नियुक्ति को लेकर विवाद रहा हो. वहीं अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अनिल विज के बीच विभाग देने को लेकर ठनती हुई नजर आ रही है. इस बार विवाद कहां तक जाएगा यह तो अभी कहना मुश्किल है, लेकिन दोनों नहीं बनी मंत्रियों को विभाग अभी तक ना दिए जाने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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वहीं इस मामले को लेकर अभी तक कोई भी खुलकर बात नहीं कर रहा है. इधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल अभी दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरे के पीछे की वजह प्री बजट को लेकर होने वाली चर्चा को बताया जा रहा है, लेकिन सूत्रों की माने तो हो सकता है कि अनिल विज से जो भी भाग लिया जाना है, उसको लेकर भी पार्टी के आला नेताओं से बातचीत करें. पार्टी के अंदर अनिल विज का कद काफी बड़ा है और वे पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक भी हैं.

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