चंडीगढ़ः हरियाणा मंत्रीमंडल की बैठक (Haryana cabinet meeting) में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नियम-2016 में संशोधन को स्वीकृति (Amendment in Haryana Enterprises Promotion Rules 2016) दी गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल में ये फैसला लिया गया है. राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम-2016 और संबंधित नियमों को अधिनियमित किया है ताकि राज्य में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र सृजित किया जा सके जिससे कारोबार करने में सहुलियत हो. इसके अलावा व्यवसाय करने में होने वाली देरी के साथ-साथ लागत को कम करने के लिए श्रेष्ठ वैश्विक मानकों भी बेहतर हों.
हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड का गठन हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम-2016 (Haryana Enterprise Promotion Act-2016) की धारा 3 के तहत किया गया है. इस अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति का गठन किया गया है. अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष हैं. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक सचिव समिति के सदस्य सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
नगर एवं ग्राम आयोजन, पर्यावरण, वन, लोक निर्माण, वित्त, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, श्रम, एचएसआईआईडीसी के महानिदेशक या उद्योग एवं वाणिज्य विभागों के प्रशासनिक सचिव समिति के निदेशक सदस्य हैं. समिति की प्रमुख भूमिका सरकार की विभिन्न योजनाओं व नीतियों के तहत प्रोत्साहन और विशेष पैकेज के मामलों की जांच करना है. हरियाणा कैबिनेट के फैसले में (Haryana cabinet decision) हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड को इसकी सिफारिश करना भी है.
समिति आगे जीएसटी की प्रतिपूर्ति सहित विशेष पैकेज के लिए मामलों का अनुमोदन एवं सिफारिश करती है. हालांकि आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति के सदस्य नहीं हैं. आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव को अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन नियम-2016 के नियम 4 (1) में संशोधन की आवश्यकता थी.