चंडीगढ़: हरियाणा बजट 2023-24 आज पेश किया जा रहा है. बजट को लेकर कई बड़े ऐलान वित्त मंत्री व हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने किए हैं. कृषि से लेकर रोजगार, उद्यम हर पहुलओं को ध्यान में रखते हुए बजट को पेश किया जा रहा है. बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कई बड़ी बातें कहीं. बजट पेश करते हुए उन्होंने GSDP का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा के जीएसडीपी की क्षेत्रवार संरचना के रुझान यह दर्शाते हैं कि वर्ष 2022-23 में जीएसडीपी में प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा क्रमश 19.6 प्रतिशत, 29.7 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत रहने की संभावना है.
सीएम मनोहर की बजट से जुड़ी बड़ी बातें:
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 3.86 फीसदी हरियाणा का योगदान,
- वर्ष 2022-23 में जीएसडीपी विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
- वर्ष 2021-22 के बजट में मैने हरियाणा के विकास के लिए ‘वज्र मॉडल’ को स्पष्ट किया था,
- जिसमें विकास के पांच घटकों पर ध्यान केंद्रित किया गया
- कौटिल्य अर्थशास्त्र की यह नीति हरियाणा के विकास के मेरे विजन का मूलमंत्र है
- और वर्ष 2023-24 के इस बजट का आधार
- वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक हरियाणा की जीएसडीपी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर
- स्थिर मूल्यों पर 5.62% रही, जबकि इसी अवधि में राष्ट्र की जीडीपी वृद्धि दर 4.58% रही
- जीएसडीपी में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 3.52% से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.86 % हुई
- राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 में वर्तमान मूल्यों पर 86,647 रुपये थी
- जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,70,620 रुप ये होने की संभावना,
- जबकि हरियाणा के लिए यह वर्ष 2014-15 में 1,47,382 रुपये से बढ़कर
- वर्ष 2022-23 में 2,96,685 रुपये होने की संभावना
वहीं उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव, जोकि संशोधित अनुमान वर्ष 2022-23 के 1,64,808 करोड़ रुपये पर 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बजट में पूंजीगत परिसम्पत्ति के सृजन के लिए 57,879 करोड़ रुपये के परिव्यय और राजस्व परिव्यय के लिए 1,26,071 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पारित किया गया.
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मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हरियाणा को उन तीन राज्यों में से एक बताया जिनका पूंजीगत परिव्यय बजटीय लक्ष्यों की तुलना में अधिक था जबकि देश के सभी राज्यों का औसत लक्ष्य से 21.3 प्रतिशत कम था.
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाने का प्रस्ताव भी पारित किए जाने की बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कही.
वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजस्व के स्रोतों के बेहतर प्रबंधन और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाने की उम्मीद है. बजट अनुमान वर्ष 2023-24 के लिए 1,09,122 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का प्रस्ताव, जिसमें 75,716 रुपये का कर राजस्व और 12,651 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल है. कर राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी, वैट, आबकारी व स्टाम्प शुल्क राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं. केंद्रीय करों का हिस्सा 11,164 करोड़ रुपये और केंद्र से सहायता अनुदान 9,590 करोड़ रुपये, पूंजीगत प्राप्तियां 71,173 करोड़ रुपये अनुमानित बजट है.
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