चंडीगढ़: हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जल्द हो सकता है. जिला अध्यक्षों और बूथ प्रमुखों का चुनाव पहले ही हो चुका है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना अभी बाकी है. कोरोना महामारी की वजह से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी हुई है. हरियाणा बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष सुभाष बराला का दोबारा से अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है.
बता दें कि सुभाष बराला की ही अध्यक्षता में बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा और सरकार बनाई. इससे पहले हरियाणा में नगर निगम के चुनाव में भी बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की थी, जबकि जींद के उप चुनाव में भी सीट बीजेपी की झोली में आई. ऐसे में सुभाष बराला प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर बरोदा चुनाव का भी असर देखने को मिल सकता है. बरोदा जाट बहुल क्षेत्र है. ऐसे में जाट नेता को जिम्मेदारी देना तय माना जा रहा है. हालांकि इस रेस में पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु आगे दिख रहे हैं.
कोरोना महामारी के चलते हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति स्थगित हो गई थी. अब प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी अपने स्तर पर मंथन पूरा कर चुकी है. इसके लिए सांसदों के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है. हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे सुभाष बराला दिख रहे हैं. सुभाष बराला अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उससे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा का बचा हुआ कार्यकाल भी सुभाष बराला ने पूरा किया.
जाट नेताओं पर नजर
प्रदेश अध्यक्ष में जाट नेता के तौर पर सुभाष बराला का पलड़ा भारी है, क्योंकि बराला मुख्यमंत्री के करीबी हैं और मुख्यमंत्री के भरोसेमंद भी हैं. जाट नेता को अगर अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है तो सुभाष बराला का पलड़ा सबसे भारी होगा. हालांकि इस रेस में हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी बने हुए हैं. कैप्टन अभिमन्यु भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के दूसरे बड़े दावेदार हैं. बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करीबी होने का फायदा अभिमन्यु को मिल सकता है.
तीसरे जाट नेता के तौर पर ओपी धनखड़ भी अध्यक्ष हो सकते हैं जोकि सरकार में आने से पहले बीजेपी में काफी समय तक किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं और संगठन का अच्छा अनुभव रखते हैं. जानकार इन तीनों में से सुभाष बराला का नाम सबसे आगे मान रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर सुभाष बराला ने कहा कि नियुक्ति कब और किसकी की जानी है ये फैसला हाइकमान के हाथ में है.
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एक्सपर्ट भी मानते हैं कि सुभाष बराला का पलड़ा जाट उम्मीदवार के तौर पर सबसे भारी है, क्योंकि मुख्यमंत्री के करीबी होने और संगठन में करीब 5 साल से बतौर प्रदेश अध्यक्ष काम करने से उनकी पकड़ भी मजबूत है. हालांकि दूसरे नेता भी लॉबिंग में जुटे हैं. नॉन जाट नेताओं के तौर पर कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी जो कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं. उनका नाम भी दौड़ में आगे माना जा रहा है. जबकि फरीदाबाद से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर को भी संगठन पर अच्छी पकड़ होने का फायदा दिया जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अगर सांसद और केंद्रीय मंत्री को जिम्मेदारी नहीं दी जाती है तो प्रदेश के महामंत्री संदीप जोशी का नाम भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे ऊपर माना जा रहा है.
गौरतलब है कि जिला और मंडल के चुनाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ से फरवरी और मार्च तक कर दिया गया था. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव मार्च में ही होना था. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ये चुनाव स्थगित हो गया. अब पार्टी के शीर्ष नेताओं ने दोबारा चुनाव होने के संकेत दिए हैं.