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निगमों के राजस्व को बढ़ाने के लिए विधानसभा बनाएगी कानून - हरियाणा नगर निगम विज्ञापन मामला

विज्ञापन साइटें खाली रहने से नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं को हो रहे नुकसान को लेकर विधानसभा स्पीकर ने गुरुवार को बैठक ली. बैठक में तय हुआ कि निगमों के राजस्व को बढ़ाने के लिए विधानसभा कानून बनाएगी.

haryana nigams advertisement issue
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Published : Jan 28, 2021, 10:04 PM IST

चंडीगढ़: विज्ञापन साइटें खाली रहने से नगर निगमों को हो रहे नुकसान को लेकर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अहम बैठक ली. नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं के राजस्व में विज्ञापन की भागीदारी बढ़ाने के लिए हरियाणा विधानसभा आगामी बजट सत्र में कानून बनाएगी ये बैठक में कहा गया है.

विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बुलाई बैठक

इस कानून के बनने से शहरी निकायों को अपने स्तर पर ही विज्ञापन की दरें तय करने का अधिकार मिल जाएगा. कानून का प्रारूप शहरी निकाय विभाग तैयार करेगा. विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सिद्धी नाथ राय और निदेशक अशोक कुमार मीणा ने वीरवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के साथ हुई बैठक में ये आश्वासन दिया.

विधानसभा स्पीकर की तरफ से पंचकूला शहर में विज्ञापन ना मिलने से हो रहे नुकसान की समीक्षा और विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से बैठक बुलाई गई. बैठक में पंचकूला नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल और हरियाणा शहरी निकाय विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- अब परिवार पहचान पत्र होने पर ही मिलेगी पेंशन, फर्जी पेंशनधारकों पर लगेगी लगाम

‘शहरी सरकार’ माने जाने वाले शहरी निकायों की अर्थव्यवस्था में विज्ञापन की बड़ी भूमिका रहती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षाें में हरियाणा के अनेक शहरों में विज्ञापन से होने वाली आमदनी काफी कम रही है. बैठक में जानकारी दी गई कि अनेक शहरों में विज्ञापन की दरें गुरुग्राम के अनुसार तय की गई हैं. इस कारण से ये दरें काफी ऊंची हो गईं और स्थानीय विज्ञापन दाता इसमें रुचि नहीं लेते, जिसका खामियाजा नगर निगमों और नगर परिषदों को भुगतना पड़ता है.

कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण लोग अनेक स्थानों पर विज्ञापन तो लगा लेते हैं, लेकिन नगर निगमों को उनका हिस्सा नहीं देते. कार्रवाई करने पर ये लोग अदालतों में चले जाते हैं. इस कारण से स्थानीय निकायों के अधिकारी उन पर कार्रवाई करने से बचते हैं.

पंचकूला में ‘जगमग शहर’ योजना लागू होने पर हुई चर्चा

इसके साथ ही बैठक में पंचकूला में ‘जगमग शहर’ योजना लागू करने पर भी विस्तार से चर्चा हुई. इस योजना के तहत पंचकूला के प्रत्येक लाइट प्वाइंट पर एलईडी लाइट लगाई जाएंगी. इससे नगर निगम पर बिजली बिलों का बोझ कम होगा तथा पूरे शहर को जगमग किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: किसान आंदोलन का कवरेज करने पर पीजीटी अजय बल्हारा सस्पेंड

प्रत्येक लाइट प्वाइंट की इंटरनेट के माध्यम से सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग होगी. किसी भी सेक्टर या सड़क की एलईडी लाइट बंद होते ही इसकी जानकारी केंद्रीय मॉनटरिंग यूनिट को मिल जाएगी, जिससे इसे तुरंत ठीक किया जा सकेगा. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए हरियाणा को 4 जोन में बांटा गया है और पंचकूला पहले जोन में आता है.

जगमग शहर योजना की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईआईएल को सौंपी गई है. इसके साथ ही अधिकारियों के जानकारी दी कि पंचकूला के गांव जुरिवाला में स्थापित किए जा रहे कचरा निस्तारण यूनिट पर तेजी से काम हो रहा है. इस यूनिट के शुरू होने से पंचकूला शहर का कचरा इकट्ठा करने और उसके निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- किसी भी कर्मचारी को बिना जांच के नौकरी से नहीं निकाला जा सकता: HC

चंडीगढ़: विज्ञापन साइटें खाली रहने से नगर निगमों को हो रहे नुकसान को लेकर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अहम बैठक ली. नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं के राजस्व में विज्ञापन की भागीदारी बढ़ाने के लिए हरियाणा विधानसभा आगामी बजट सत्र में कानून बनाएगी ये बैठक में कहा गया है.

विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बुलाई बैठक

इस कानून के बनने से शहरी निकायों को अपने स्तर पर ही विज्ञापन की दरें तय करने का अधिकार मिल जाएगा. कानून का प्रारूप शहरी निकाय विभाग तैयार करेगा. विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सिद्धी नाथ राय और निदेशक अशोक कुमार मीणा ने वीरवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के साथ हुई बैठक में ये आश्वासन दिया.

विधानसभा स्पीकर की तरफ से पंचकूला शहर में विज्ञापन ना मिलने से हो रहे नुकसान की समीक्षा और विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से बैठक बुलाई गई. बैठक में पंचकूला नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल और हरियाणा शहरी निकाय विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.

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‘शहरी सरकार’ माने जाने वाले शहरी निकायों की अर्थव्यवस्था में विज्ञापन की बड़ी भूमिका रहती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षाें में हरियाणा के अनेक शहरों में विज्ञापन से होने वाली आमदनी काफी कम रही है. बैठक में जानकारी दी गई कि अनेक शहरों में विज्ञापन की दरें गुरुग्राम के अनुसार तय की गई हैं. इस कारण से ये दरें काफी ऊंची हो गईं और स्थानीय विज्ञापन दाता इसमें रुचि नहीं लेते, जिसका खामियाजा नगर निगमों और नगर परिषदों को भुगतना पड़ता है.

कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण लोग अनेक स्थानों पर विज्ञापन तो लगा लेते हैं, लेकिन नगर निगमों को उनका हिस्सा नहीं देते. कार्रवाई करने पर ये लोग अदालतों में चले जाते हैं. इस कारण से स्थानीय निकायों के अधिकारी उन पर कार्रवाई करने से बचते हैं.

पंचकूला में ‘जगमग शहर’ योजना लागू होने पर हुई चर्चा

इसके साथ ही बैठक में पंचकूला में ‘जगमग शहर’ योजना लागू करने पर भी विस्तार से चर्चा हुई. इस योजना के तहत पंचकूला के प्रत्येक लाइट प्वाइंट पर एलईडी लाइट लगाई जाएंगी. इससे नगर निगम पर बिजली बिलों का बोझ कम होगा तथा पूरे शहर को जगमग किया जा सकेगा.

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प्रत्येक लाइट प्वाइंट की इंटरनेट के माध्यम से सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग होगी. किसी भी सेक्टर या सड़क की एलईडी लाइट बंद होते ही इसकी जानकारी केंद्रीय मॉनटरिंग यूनिट को मिल जाएगी, जिससे इसे तुरंत ठीक किया जा सकेगा. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए हरियाणा को 4 जोन में बांटा गया है और पंचकूला पहले जोन में आता है.

जगमग शहर योजना की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईआईएल को सौंपी गई है. इसके साथ ही अधिकारियों के जानकारी दी कि पंचकूला के गांव जुरिवाला में स्थापित किए जा रहे कचरा निस्तारण यूनिट पर तेजी से काम हो रहा है. इस यूनिट के शुरू होने से पंचकूला शहर का कचरा इकट्ठा करने और उसके निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा.

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