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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: 21 अक्टूबर को होगा मतदान, 24 को मतगणना - भारतीय निर्वाचन आयोग दिल्ली

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई. हरियाणा में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को होंगे चुनाव. जबकि मतगणना 24 अक्टूबर को होगी.

सुनील अरोड़ा
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Published : Sep 21, 2019, 12:26 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 2:04 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रम में की घोषणा कर दी है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे. बता दें कि हरियाणा में 38 हजार ईवीएम का इस्तेमाल होगा. हरियाणा में 1.82 करोड़ मतदाता हैं. हरियाणा की 90 सीटों पर होगा मतदान.

हरियाणा और महाराष्ट्र में दिवाली से पहले सारी चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. हरियाणा में कुल 90 सीटों पर चुनाव होगा. वहीं महाराष्ट्र में कुछ 288 सीटों पर चुनाव होगा.

हरियाणा और महाराष्ट्र में आचार संहिता लागू
दो राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग रहेगी. 27 सिंतबर को अधिसूचना जारी होगी. दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे और 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे.

उम्मीदवारों को 30 दिन के भीतर देना होगा हिसाब
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि चुनाव उम्मीदवारों को 30 दिन के भीतर अपने खर्च का ब्यौरा देना होगा. उन्होंने बताया कि बूथों का चयन रैंडम सिलेक्शन के आधार पर किया जाएगा.

प्रचार अभियान में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील
चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव खत्म होने के बाद सभी ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा. जहां मल्टीलेयर सुरक्षा होगी. उन्होंने प्रचार में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की.

चुनावी खर्चे पर पूरी निगरानी रखेगा चुनाव आयोग
कोई भी कॉलम छोड़ने पर नामांकन होगा रद्द, उम्मीदवार को अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की भी देनी होगी जानकारी. चुनावी खर्चे पर आयोग द्वारा रखी जाएगी पूरी निगरानी- मुख्य निर्वाचन आयुक्त

हरियाणा विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम

  • 21 अक्टूबर को होगा हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान
  • 24 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
  • 27 सितंबर को जारी होगी अधिसूचना
  • 4 अक्टूबर को पर्चा दाखिल करने का अंतिम दिन
  • 7 अक्टूबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख

2014 हरियाणा विधानसभा के नतीजे
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 2014 में 15 अक्टूबर को मतदान हुआ. 2014 में हरियाणा विधानसभा के लिए ऐतिहासिक 76 फीसदी मतदान हुआ था. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 'मोदी मैजिक' साफ तौर से देखने को मिला था.

बीजेपी ने हरियाणा में 33.20 फीसदी मतों के साथ 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सत्ता की कमान पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी. जबकि कांग्रेस 24.20 फीसदी वोट के साथ 17 सीट, इनेलो 24.10 फीसदी वोट के साथ 19 सीट, बसपा 4.40 फीसदी वोट के साथ एक सीट और अकाली दल ने 0.60 फीसदी वोट के साथ एक सीट जीती थी. वहीं, 10.60 फीसदी वोट के साथ पांच सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे थे.

बीजेपी के लिए होगी टिकट बंटवारे की चुनौती !
प्रदेश में बदलते राजनीति समीकरणों में आए दिन हो रहे बदलाव के बीच बीजेपी अभी भी 2 दर्जन से अधिक सीटों पर भारी दिखाई दे रही है, लेकिन बाकी सीटों पर उसकी स्थिति उम्मीदवारों के एलान के बाद ही साफ हो पाएगी. यानी टिकटों का बंटवारा कैसे होगा, बीजेपी के लिये काफी कुछ उस पर भी निर्भर होगा. बीजेपी ने अगर जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार मैदान में न उतारे और अगर उसमें कोई भी गड़बड़ हुई तो उसके 75 सीटों पर जीत का आंकलन गड़बड़ा भी सकता है.

हुड्डा के हाथ में कमान, बदल सकते हैं समीकरण!
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में कांग्रेस की चुनावी कमान आने के बाद उनके समर्थकों में जोश का आलम है. इसके बाद से कांग्रेस प्रदेश की 40 से अधिक सीटों पर बीजेपी को टक्कर देने में सक्षम नजर आ रही है. जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन टूटने के कारण भी कांग्रेस को फायदा हो रहा है क्योंकि जाट वोटर कांग्रेस की तरफ ज्यादा जाता हुआ नजर आ रहा है.

पांच पार्टी मैदान में
14वें विधानसभा के लिए चुनाव होना है और इस बार प्रदेश में पांच बड़ी पार्टी मैदान में है. (बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो, जेजेपी, और आप), लेकिन इनमें से 4 पार्टियां वो हैं , जिनका प्रदर्शन पिछले चुनावों में बिल्कुल रंगहीन रहा है.

बीजेपी के सामने ये कहीं नहीं टिक पाए हैं. फिर भी अगर कोई पार्टी इस समय प्रदेश बीजेपी को चुनौती दे सकती है तो वो है कांग्रेस. इस मौके पर प्रदेश नेतृत्व में कांग्रेस हाईकमान ने बदलाव किया है लेकिन फिर भी गुटबाजी की बात लगातार दिख ही रही है. लेकिन लोकसभा चुनाव रोहतक और सोनीपत गंवाने के बाद इस बार हुड्डा खुद को साबित करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रम में की घोषणा कर दी है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे. बता दें कि हरियाणा में 38 हजार ईवीएम का इस्तेमाल होगा. हरियाणा में 1.82 करोड़ मतदाता हैं. हरियाणा की 90 सीटों पर होगा मतदान.

हरियाणा और महाराष्ट्र में दिवाली से पहले सारी चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. हरियाणा में कुल 90 सीटों पर चुनाव होगा. वहीं महाराष्ट्र में कुछ 288 सीटों पर चुनाव होगा.

हरियाणा और महाराष्ट्र में आचार संहिता लागू
दो राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग रहेगी. 27 सिंतबर को अधिसूचना जारी होगी. दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे और 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे.

उम्मीदवारों को 30 दिन के भीतर देना होगा हिसाब
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि चुनाव उम्मीदवारों को 30 दिन के भीतर अपने खर्च का ब्यौरा देना होगा. उन्होंने बताया कि बूथों का चयन रैंडम सिलेक्शन के आधार पर किया जाएगा.

प्रचार अभियान में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील
चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव खत्म होने के बाद सभी ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा. जहां मल्टीलेयर सुरक्षा होगी. उन्होंने प्रचार में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की.

चुनावी खर्चे पर पूरी निगरानी रखेगा चुनाव आयोग
कोई भी कॉलम छोड़ने पर नामांकन होगा रद्द, उम्मीदवार को अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की भी देनी होगी जानकारी. चुनावी खर्चे पर आयोग द्वारा रखी जाएगी पूरी निगरानी- मुख्य निर्वाचन आयुक्त

हरियाणा विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम

  • 21 अक्टूबर को होगा हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान
  • 24 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
  • 27 सितंबर को जारी होगी अधिसूचना
  • 4 अक्टूबर को पर्चा दाखिल करने का अंतिम दिन
  • 7 अक्टूबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख

2014 हरियाणा विधानसभा के नतीजे
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 2014 में 15 अक्टूबर को मतदान हुआ. 2014 में हरियाणा विधानसभा के लिए ऐतिहासिक 76 फीसदी मतदान हुआ था. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 'मोदी मैजिक' साफ तौर से देखने को मिला था.

बीजेपी ने हरियाणा में 33.20 फीसदी मतों के साथ 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सत्ता की कमान पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी. जबकि कांग्रेस 24.20 फीसदी वोट के साथ 17 सीट, इनेलो 24.10 फीसदी वोट के साथ 19 सीट, बसपा 4.40 फीसदी वोट के साथ एक सीट और अकाली दल ने 0.60 फीसदी वोट के साथ एक सीट जीती थी. वहीं, 10.60 फीसदी वोट के साथ पांच सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे थे.

बीजेपी के लिए होगी टिकट बंटवारे की चुनौती !
प्रदेश में बदलते राजनीति समीकरणों में आए दिन हो रहे बदलाव के बीच बीजेपी अभी भी 2 दर्जन से अधिक सीटों पर भारी दिखाई दे रही है, लेकिन बाकी सीटों पर उसकी स्थिति उम्मीदवारों के एलान के बाद ही साफ हो पाएगी. यानी टिकटों का बंटवारा कैसे होगा, बीजेपी के लिये काफी कुछ उस पर भी निर्भर होगा. बीजेपी ने अगर जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार मैदान में न उतारे और अगर उसमें कोई भी गड़बड़ हुई तो उसके 75 सीटों पर जीत का आंकलन गड़बड़ा भी सकता है.

हुड्डा के हाथ में कमान, बदल सकते हैं समीकरण!
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में कांग्रेस की चुनावी कमान आने के बाद उनके समर्थकों में जोश का आलम है. इसके बाद से कांग्रेस प्रदेश की 40 से अधिक सीटों पर बीजेपी को टक्कर देने में सक्षम नजर आ रही है. जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन टूटने के कारण भी कांग्रेस को फायदा हो रहा है क्योंकि जाट वोटर कांग्रेस की तरफ ज्यादा जाता हुआ नजर आ रहा है.

पांच पार्टी मैदान में
14वें विधानसभा के लिए चुनाव होना है और इस बार प्रदेश में पांच बड़ी पार्टी मैदान में है. (बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो, जेजेपी, और आप), लेकिन इनमें से 4 पार्टियां वो हैं , जिनका प्रदर्शन पिछले चुनावों में बिल्कुल रंगहीन रहा है.

बीजेपी के सामने ये कहीं नहीं टिक पाए हैं. फिर भी अगर कोई पार्टी इस समय प्रदेश बीजेपी को चुनौती दे सकती है तो वो है कांग्रेस. इस मौके पर प्रदेश नेतृत्व में कांग्रेस हाईकमान ने बदलाव किया है लेकिन फिर भी गुटबाजी की बात लगातार दिख ही रही है. लेकिन लोकसभा चुनाव रोहतक और सोनीपत गंवाने के बाद इस बार हुड्डा खुद को साबित करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

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Last Updated : Sep 21, 2019, 2:04 PM IST
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