चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के जन्मदिन पर बड़ा तोहफा मिला है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से हरियाणा विधानसभा को राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) परियोजना को सबसे कम समय में सिरे चढ़ाने के लिए प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. यह प्रमाण पत्र नई दिल्ली स्थित होटल अशोक में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने हरियाणा विधानसभा की नेवा टीम को दिया. इस टीम का नेतृत्व हरियाणा विधानसभा के सचिव राजेंद्र कुमार नांदल ने किया. शुक्रवार को विधानसभा की नेवा टीम ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को यह प्रमाण पत्र सौंपा.
दो दिवसीय इस कार्यशाला में देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 161 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया. इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी उपस्थित रहे. संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका ने पहले ही डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपना लिया है, विधानमंडलों को भी पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए, बल्कि बदलते समय के साथ कदम मिलाने के लिए इसे अपनाया जाना चाहिए. इस डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और लोकतंत्र सुदृढ़ होगा.
वहीं, इस दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव आईएएस गुडे श्रीनिवास ने कहा कि नेवा परियोजना के तहत अभी तक देश के 9 विधानमंडल डिजीटल हो चुके हैं. यहां संसदीय कामकाज पेपरलेस माध्यम से हो रहा है. इन राज्यों में हरियाणा ने सबसे कम समय में नेवा परियोजना को सिरे चढ़ाया है. श्रीनिवास ने बताया 21 विधानमंडलों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. 17 विधानमंडलों की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है और इन्हें फंड भी जारी कर दिए गए हैं. हरियाणा विधानसभा सचिव सचिव राजेंद्र कुमार नांदल ने बताया कि नेवा क्रियान्वयन के लिए 25 फरवरी 2021 को एमओयू साइन किया गया था. 8 अगस्त 2022 को शुरू हुए मानसून सत्र को पेपरलेस कर दिया गया था.
हरियाणा विधानसभा के संयुक्त सचिव नरेन दत्त ने बताया कि नेवा परियोजना के तहत विधानसभा सचिवालय सदन की कार्यवाही जिसमें कार्यसूची, नोटिस, बुलेटिन, विधेयक, तारांकित और अतारांकित प्रश्न और उनके जवाब, पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेज, विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट आदि सभी कार्य बिना कागज का प्रयोग किए प्रभावी ढंग से किए जा रहे हैं. विधायकों के लिए उपयोगी तथ्य और नियमावली समेत अनेक प्रकार की जानकारी डिजीटल माध्यम से प्राप्त हो रही हैं.
केंद्रीय इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और जानकारी दी कि नेवा केंद्र सरकार की एक दूरदर्शी परियोजना है. इससे सरकार की डिजिटल पहलों ने समाज को एक डिजिटल संरचना में रूपांतरित कर दिया है. आज डाटा सस्ता है, जिसके द्वारा भारत डिजिटल सोच पैदा कर रहा है और यह कृत्रिम आसूचना की तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है. भारत एआई के 27 देशों के एक समूह का अध्यक्ष है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में हरियाणा विधानसभा से सीनियर सिस्टम एनालिस्ट सुनील कुमार भी मौजूद रहे.
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