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Haryana Asha Worker Strike: तीन दिन की हड़ताल पर गईं आशा वर्कर, बढ़ सकती है स्वास्थ्य विभाग की परेशानी, जानिए क्या हैं उनकी मांगें

हरियाणा में आशा वर्कर हड़ताल पर चली गई हैं. उनकी ये हड़ताल 8 अगस्त से 10 अगस्त तक जारी रहेगी. आशा वर्कर अपने मासिक वेतन बढ़ोतरी की मांग के अलावा अन्य मुख्य मांगों को लेकर सड़क पर उतरी हैं.

Asha worker strike in Panchkula Haryana
हरियाणा में हड़ताल पर आशा वर्कर्स
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Published : Aug 8, 2023, 6:08 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में लिपिकों की एक माह से भी अधिक समय से चल रही हड़ताल के बीच अब स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा वर्कर्स भी 3 दिन की हड़ताल पर चली गई हैं. मंगलवार 8 अगस्त से 10 अगस्त तक वर्कर्स अपने वेतन बढ़ोतरी की मांग के अलावा अन्य मांगों के साथ सड़क पर उतर गई हैं. बता दें कि सोमवार, 7 अगस्त को पंचकूला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए बुलाई गई बैठक में अधिकारियों के रवैये से नाराज होकर आशा वर्कर्स ने पूर्व नियोजित आंदोलन के तहत हड़ताल करने का फैसला किया.

ये भी पढ़ें: आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्कर ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

हड़ताल पर बैठीं आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार द्वारा आशा वर्करों को 2014 के मुकाबले 8 गुना काम देते हुए उन पर बेवजह का बोझ डाला जा रहा है. जबकि उन्हें जो भी वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. वह एक अकुशल कर्मचारियों के बराबर है. लेकिन एनएचएम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि वर्कर्स के काम के मुताबिक उन्हें ज्यादा वेतन दिया जा रहा है.

आशा वर्कर्स की सरकारी सुविधाएं: विभाग का कहना है कि साल 2018 में आशा वर्करों को औसत मासिक आय 4000 रुपये था जो 2022-23 में बढ़ाकर 9600 रुपये कर दिया गया. इसमें भी केंद्र सरकार द्वारा 2400 रुपये ही दिए जा रहे हैं. जबकि 7200 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेशभर से आशा वर्करों को इतनी आय नहीं दी जाती जितनी हरियाणा सरकार द्वारा दी जाती है.

हरियाणा में 20350 आशा वर्कर काम कर रही है. हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों के लिए 2023-24 में 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा मासिक आय के अलावा अर्जित मासिक राशि का 50% अतिरिक्त आय और कार्य पर आधारित 7 प्रमुख गतिविधियों के लिए 750 रुपए दिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: नूंह: मांगों को लेकर आशा वर्कर्स के तेवर सख्त, सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

आशा की मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर 3 लाख रुपए दिए जाते हैं. इसके साथ ही हरियाणा ने अपने राज्य की आशा वर्करों को स्मार्टफोन, 30 जीपी डाटा के साथ सिम भी उपलब्ध करवाया है. इसके साथ ही उन्हें अनलिमिटेड टॉक टाइम भी दिया जाता है. साथ ही आशा वर्करों को आशा ड्रेस भी बांटी गई है. राज्य व केंद्र सरकार की कई सरकारी योजनाओं में भी आशा वर्करों को मदद दी जा रही है.

आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें: आशा वर्कर्स की मांग है कि उनको पर्मानेंट किया जाए. वेतन 26 हजार प्रति माह किया जाये. साथ ही रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष हो. रिटायरमेंट से संबंधित सारे लाभ दिए जाएं. सभी तरह के ऑनलाइन कार्यों पर भी रोक लगाई जाए. गंभीर रूप से बीमार और दुर्घटना में घायल आशा वर्कर को सरकार के पैनल वाले अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए. इन्हीं सभी मांगों को लेकर प्रदेश में आशा वर्कर हड़ताल कर रही है. हड़ताल पर बैठी आशा वर्कर का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगी.

ये भी पढ़ें: सिरसा: 12 दिनों से लगातार धरने पर डटीं आशावर्कर्स, 21 अगस्त को सीएम को सौपेंगी ज्ञापन

पंचकूला में हड़ताल पर बैठीं आशा वर्कर्स का कहना है कि तीन साल से वो लगातार सरकार को पत्र लिखकर अपने अधिकार की मांग कर रही है लेकिन पिछले 5 सालों से सरकार ने उनकी आय नहीं बढ़ाई है. मंगलवार को आशा वर्कर्स द्वारा एमडी ऑफिस के बाहर धरना दिया गया. जबकि बुधवार को पंचकूला के डीसी दफ्तर के सामने धरना देने का ऐलान किया है.

चंडीगढ़: हरियाणा में लिपिकों की एक माह से भी अधिक समय से चल रही हड़ताल के बीच अब स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा वर्कर्स भी 3 दिन की हड़ताल पर चली गई हैं. मंगलवार 8 अगस्त से 10 अगस्त तक वर्कर्स अपने वेतन बढ़ोतरी की मांग के अलावा अन्य मांगों के साथ सड़क पर उतर गई हैं. बता दें कि सोमवार, 7 अगस्त को पंचकूला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए बुलाई गई बैठक में अधिकारियों के रवैये से नाराज होकर आशा वर्कर्स ने पूर्व नियोजित आंदोलन के तहत हड़ताल करने का फैसला किया.

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हड़ताल पर बैठीं आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार द्वारा आशा वर्करों को 2014 के मुकाबले 8 गुना काम देते हुए उन पर बेवजह का बोझ डाला जा रहा है. जबकि उन्हें जो भी वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. वह एक अकुशल कर्मचारियों के बराबर है. लेकिन एनएचएम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि वर्कर्स के काम के मुताबिक उन्हें ज्यादा वेतन दिया जा रहा है.

आशा वर्कर्स की सरकारी सुविधाएं: विभाग का कहना है कि साल 2018 में आशा वर्करों को औसत मासिक आय 4000 रुपये था जो 2022-23 में बढ़ाकर 9600 रुपये कर दिया गया. इसमें भी केंद्र सरकार द्वारा 2400 रुपये ही दिए जा रहे हैं. जबकि 7200 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेशभर से आशा वर्करों को इतनी आय नहीं दी जाती जितनी हरियाणा सरकार द्वारा दी जाती है.

हरियाणा में 20350 आशा वर्कर काम कर रही है. हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों के लिए 2023-24 में 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा मासिक आय के अलावा अर्जित मासिक राशि का 50% अतिरिक्त आय और कार्य पर आधारित 7 प्रमुख गतिविधियों के लिए 750 रुपए दिए जाते हैं.

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आशा की मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर 3 लाख रुपए दिए जाते हैं. इसके साथ ही हरियाणा ने अपने राज्य की आशा वर्करों को स्मार्टफोन, 30 जीपी डाटा के साथ सिम भी उपलब्ध करवाया है. इसके साथ ही उन्हें अनलिमिटेड टॉक टाइम भी दिया जाता है. साथ ही आशा वर्करों को आशा ड्रेस भी बांटी गई है. राज्य व केंद्र सरकार की कई सरकारी योजनाओं में भी आशा वर्करों को मदद दी जा रही है.

आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें: आशा वर्कर्स की मांग है कि उनको पर्मानेंट किया जाए. वेतन 26 हजार प्रति माह किया जाये. साथ ही रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष हो. रिटायरमेंट से संबंधित सारे लाभ दिए जाएं. सभी तरह के ऑनलाइन कार्यों पर भी रोक लगाई जाए. गंभीर रूप से बीमार और दुर्घटना में घायल आशा वर्कर को सरकार के पैनल वाले अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए. इन्हीं सभी मांगों को लेकर प्रदेश में आशा वर्कर हड़ताल कर रही है. हड़ताल पर बैठी आशा वर्कर का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगी.

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पंचकूला में हड़ताल पर बैठीं आशा वर्कर्स का कहना है कि तीन साल से वो लगातार सरकार को पत्र लिखकर अपने अधिकार की मांग कर रही है लेकिन पिछले 5 सालों से सरकार ने उनकी आय नहीं बढ़ाई है. मंगलवार को आशा वर्कर्स द्वारा एमडी ऑफिस के बाहर धरना दिया गया. जबकि बुधवार को पंचकूला के डीसी दफ्तर के सामने धरना देने का ऐलान किया है.

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