ETV Bharat / state

हरियाणा में नहीं थम रहा कृषि कानूनों का विरोध, विपक्ष भी सरकार पर हमलावर

कृषि कानूनों को लेकर किसानों को धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है. उधर विपक्ष और सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीति हो रही है. वहीं किसानों ने भी साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक उनका विरोध ऐसे ही जारी रहेगा.

haryana and punjab farmers protest against new farm laws
haryana and punjab farmers protest against new farm laws
author img

By

Published : Oct 23, 2020, 7:56 PM IST

चंडीगढ़: देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानूनों को लेकर लगातार विरोध जारी है. भले ही सरकार आए दिन प्रेस कॉन्फेंस कर किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाने में लगी हो, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों का विरोध कम होने का नाम ही नहीं ले रहा. किसान संगठन सरकार की एक भी सुनने को तैयार नहीं हैं.

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आने वाली 29 अक्टूबर को अंबाला में महापंचायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फिर भी उनकी बात नहीं मानी तो 5 नवंबर को पूरे देश के हाईवे जाम किए जाएंगे. उन्होंने कहा किसान कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं.

नहीं थम रहा कृषि कानूनों का विरोध, विपक्ष और सरकार के बीच भी राजनीति तेज

किसान नेता योगेंद्र यादव भी कृषि कानूनों को लेकर आमने-सामने की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं. उनका कहना है कि ये सत्ता बनाम किसान का संघर्ष है और कृषि कानूनों को संसद में पास किया गया था, लेकिन सड़क पर रद्द किया जाएगा.

हरियाणा और पंजाब में सियासत तेज

हरियाणा और पंजाब में कृषि कानूनों का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है. पंजाब में तो कांग्रेस की सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में बिल तक पास कर दिया, जिस पर हरियाणा में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ का कहना है कि पंजाब ने अब नए कृषि बिलों से आढ़तियों के खिलाफ एफआईआर का प्रावधान खोल दिया है.

सीएम ने कांग्रेस पर उठाए सवाल

नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस बीजेपी सरकार पर शुरुआत से ही हमलावर रही है. कांग्रेस का ये कहना है कि बीजेपी सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों की फसल एमएमपी पर खरीदी जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल कांग्रेस की इस बात को बिल्कुल भी तव्वजो नहीं देते.. उन्होंने तो ये तक कह दिया कि कांग्रेस अपने राज्यों में फसल को एमएसपी पर खरीदे.

सरकार बनाम किसान!

कृषि कानूनों का चौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है. एक तरफ किसान हैं जो किसी भी शर्त पर सरकार के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, तो दूसरी ओर सरकार भी अपने फैसले को लेकर अडिग है. ऐसे में देखना ये होगा कि कृषि कानूनों को लेकर किसान आगे क्या रणनीति तैयार करते हैं और सरकार किसानों के सामने और क्या विकल्प रखती है.

ये भी पढे़ं- कृषि कानूनों पर फूटा किसानों का गुस्सा, बोले- बीजेपी के राज में जीरी गई ब्याज में

चंडीगढ़: देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानूनों को लेकर लगातार विरोध जारी है. भले ही सरकार आए दिन प्रेस कॉन्फेंस कर किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाने में लगी हो, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों का विरोध कम होने का नाम ही नहीं ले रहा. किसान संगठन सरकार की एक भी सुनने को तैयार नहीं हैं.

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आने वाली 29 अक्टूबर को अंबाला में महापंचायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फिर भी उनकी बात नहीं मानी तो 5 नवंबर को पूरे देश के हाईवे जाम किए जाएंगे. उन्होंने कहा किसान कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं.

नहीं थम रहा कृषि कानूनों का विरोध, विपक्ष और सरकार के बीच भी राजनीति तेज

किसान नेता योगेंद्र यादव भी कृषि कानूनों को लेकर आमने-सामने की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं. उनका कहना है कि ये सत्ता बनाम किसान का संघर्ष है और कृषि कानूनों को संसद में पास किया गया था, लेकिन सड़क पर रद्द किया जाएगा.

हरियाणा और पंजाब में सियासत तेज

हरियाणा और पंजाब में कृषि कानूनों का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है. पंजाब में तो कांग्रेस की सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में बिल तक पास कर दिया, जिस पर हरियाणा में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ का कहना है कि पंजाब ने अब नए कृषि बिलों से आढ़तियों के खिलाफ एफआईआर का प्रावधान खोल दिया है.

सीएम ने कांग्रेस पर उठाए सवाल

नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस बीजेपी सरकार पर शुरुआत से ही हमलावर रही है. कांग्रेस का ये कहना है कि बीजेपी सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों की फसल एमएमपी पर खरीदी जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल कांग्रेस की इस बात को बिल्कुल भी तव्वजो नहीं देते.. उन्होंने तो ये तक कह दिया कि कांग्रेस अपने राज्यों में फसल को एमएसपी पर खरीदे.

सरकार बनाम किसान!

कृषि कानूनों का चौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है. एक तरफ किसान हैं जो किसी भी शर्त पर सरकार के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, तो दूसरी ओर सरकार भी अपने फैसले को लेकर अडिग है. ऐसे में देखना ये होगा कि कृषि कानूनों को लेकर किसान आगे क्या रणनीति तैयार करते हैं और सरकार किसानों के सामने और क्या विकल्प रखती है.

ये भी पढे़ं- कृषि कानूनों पर फूटा किसानों का गुस्सा, बोले- बीजेपी के राज में जीरी गई ब्याज में

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.