चंडीगढ़: गुरुग्राम में रिहायशी सोसाइटी के लिए मंजूर भूमि पर एंबिएंस मॉल बनाने की अनुमति देने के मामले में सीबीआई की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अंतरिम सील बन्द स्टेटस रिपोर्ट सौंपी गई है.
जस्टिस राजन गुप्ता, जस्टिस कर्मजीत सिंह ने सुनवाई के दौरान सरकार को कहा कि अभी सीबीआई जांच जारी है. पूर्ण जांच के लिए सीबीआई को जिन दस्तावेज की जरूरत पड़े सरकार उसे उपलब्ध करवाएं. इसी के साथ हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 मार्च तक स्थगित कर दी.
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है. याचिका दाखिल करते हुए गुरुग्राम निवासी अमिताभ सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया था कि जिस भूमि पर एमबीएस मॉल बना है, वो रेजिडेंशियल सोसायटी के लिए मंजूर की गई थी. यहां पर रिहायशी निर्माण करने की योजना थी, लेकिन अचानक इसे हरियाणा सरकार ने परिवर्तित करते हुए यहां पर कमर्शियल इमारत बनाने की मंजूरी दे दी.
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याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि याचिका लंबित रहते निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए और निर्मित की गई इमारत को गिराया जाए. 5 साल से लंबित इस याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्राइवेट बिल्डरों और स्टेट अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माण किया गया है, और इस तरह के कार्य होने पर हाईकोर्ट आंखें मूंदे नहीं बैठा रह सकता है.
हाईकोर्ट ने कहा कि आम आदमी के अधिकारों का हनन करते हुए किसी बिल्डर को अमीर बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. जिस प्रकार मनमाने तरीके से रेजिडेंशियल सोसायटी पर कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण किया गया है. उसे अनुमति देने की पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आकर खड़ी हो गई है.
हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार रिहाशी सोसाइटी की जमीन को मॉल के लिए दे देना अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है जिसकी जांच आवश्यक है.
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