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पंजाब में करवाएंगे अफीम की खेती, लेकिन नशा करेंगे समाप्त- गुरनाम चढूनी - अफीम की खेती

किसान आंदोलन के दौरान चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद अब किसान नेता गुरनाम चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है. गुरनाम चढूनी ने अपने राजनीतिक दल का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी (sanyukt sangharsh party) रखा है. शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की जानकारी दी.

gurnam charuni on opium
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Published : Dec 18, 2021, 3:22 PM IST

चंडीगढ़: किसान नेता गुरनाम चढूनी ने चंडीगढ़ में अपनी नई राजनीतिक पार्टी (Gurnam Charuni political party) का ऐलान किया. गुरनाम चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी (sanyukt sangharsh party) रखा है. इसके साथ ही गुरनाम चढूनी ने दावा किया कि वो पंजाब विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ये भी साफ किया कि हमारा किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं है. हम सभी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडे़ंगे.

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने ये जानकारी दी. इस दौरान चढूनी ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूलों और अफीम की खेती (gurnam charuni on opium) करवाने की भी बात कही. गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब किसान, मजूदर और व्यापारी को एकजुट होना पड़ेगा. पंजाब में आज नौजवान परेशान हैं. हमने जिन अंग्रेजों को निकाला था, आज हमारा युवा उन्हीं के पास जा रहा है. चढूनी ने कहा कि पंजाब के अंदर ना कारोबार है और रोजगार. हम हर संभव कोशिश करेंगे कि पंजाब में हर व्यक्ति को रोजगार मिल सके.

पंजाब में करवाएंगे अफीम की खेती, लेकिन नशा करेंगे समाप्त- गुरनाम चढूनी

ये भी पढ़ें- भारतीय किसान यूनियन पंजाब चुनाव में उतारेगी अपना प्रत्याशी: गुरनाम चढूनी

उन्होंने कहा कि आज कृषि में बड़े बदलाव की जरूरत है. जिससे खेती की विदेशों में डिमांड हो सकती है. ऐसी खेती की जाएगी जिसकी विदेशों में डिमांड हो. गुरनाम चढूनी ने कहा कि अफीम की खेती से पंजाब उन्नति कर सकता है. पंजाब में अफीम और फूलों की खेती शुरू करवाएंगे. उन्होंने कहा कि अफीम नशा नहीं है, कमाई भी है. इसे हंसी में ना लें. इसकी खेती करने से पंजाब के किसानों को बढ़ा फायदा होगा.

वहीं अपनी नई पार्टी को लेकर चढूनी ने कहा कि पार्टी के रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता जल्द पूरी हो जाएगी. जिसके बाद हम सिंबल के लिए आवेदन करेंगे. गुरनाम चढूनी ने कहा कि देश में बहुत राजनीतिक पार्टियां हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति को व्यापार बना लिया है. गरीब और गरीब होते जा रहे हैं. देश में भुखमरी बढ़ रही है. देश की हर समस्या की जड़ गलत राजनीति है. हमारा मकसद राजनीति को शुद्ध करना है. इसलिए हम नई पार्टी की घोषणा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का बड़ा बयान, 'हमने दुनिया के सबसे हठी प्रधानमंत्री को झुकाया'

बता दें कि गुरनाम चढ़ूनी एक साल तक चले किसान आंदोलन का अहम हिस्सा रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी. किसान आंदोलन के बीच राजनीतिक रास्तों के जरिए समाधान की बात करने वाले वो पहले नेता थे. इस दौरान चढूनी ने पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. जिसके बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.

कौन हैं गुरनाम चढूनी?

गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के अध्यक्ष हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता हैं जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं. सरकार से बातचीत के लिए हाल में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में भी गुरनाम चढूनी सदस्य थे.

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चंडीगढ़: किसान नेता गुरनाम चढूनी ने चंडीगढ़ में अपनी नई राजनीतिक पार्टी (Gurnam Charuni political party) का ऐलान किया. गुरनाम चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी (sanyukt sangharsh party) रखा है. इसके साथ ही गुरनाम चढूनी ने दावा किया कि वो पंजाब विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ये भी साफ किया कि हमारा किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं है. हम सभी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडे़ंगे.

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने ये जानकारी दी. इस दौरान चढूनी ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूलों और अफीम की खेती (gurnam charuni on opium) करवाने की भी बात कही. गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब किसान, मजूदर और व्यापारी को एकजुट होना पड़ेगा. पंजाब में आज नौजवान परेशान हैं. हमने जिन अंग्रेजों को निकाला था, आज हमारा युवा उन्हीं के पास जा रहा है. चढूनी ने कहा कि पंजाब के अंदर ना कारोबार है और रोजगार. हम हर संभव कोशिश करेंगे कि पंजाब में हर व्यक्ति को रोजगार मिल सके.

पंजाब में करवाएंगे अफीम की खेती, लेकिन नशा करेंगे समाप्त- गुरनाम चढूनी

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उन्होंने कहा कि आज कृषि में बड़े बदलाव की जरूरत है. जिससे खेती की विदेशों में डिमांड हो सकती है. ऐसी खेती की जाएगी जिसकी विदेशों में डिमांड हो. गुरनाम चढूनी ने कहा कि अफीम की खेती से पंजाब उन्नति कर सकता है. पंजाब में अफीम और फूलों की खेती शुरू करवाएंगे. उन्होंने कहा कि अफीम नशा नहीं है, कमाई भी है. इसे हंसी में ना लें. इसकी खेती करने से पंजाब के किसानों को बढ़ा फायदा होगा.

वहीं अपनी नई पार्टी को लेकर चढूनी ने कहा कि पार्टी के रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता जल्द पूरी हो जाएगी. जिसके बाद हम सिंबल के लिए आवेदन करेंगे. गुरनाम चढूनी ने कहा कि देश में बहुत राजनीतिक पार्टियां हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति को व्यापार बना लिया है. गरीब और गरीब होते जा रहे हैं. देश में भुखमरी बढ़ रही है. देश की हर समस्या की जड़ गलत राजनीति है. हमारा मकसद राजनीति को शुद्ध करना है. इसलिए हम नई पार्टी की घोषणा कर रहे हैं.

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बता दें कि गुरनाम चढ़ूनी एक साल तक चले किसान आंदोलन का अहम हिस्सा रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी. किसान आंदोलन के बीच राजनीतिक रास्तों के जरिए समाधान की बात करने वाले वो पहले नेता थे. इस दौरान चढूनी ने पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. जिसके बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.

कौन हैं गुरनाम चढूनी?

गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के अध्यक्ष हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता हैं जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं. सरकार से बातचीत के लिए हाल में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में भी गुरनाम चढूनी सदस्य थे.

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