चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब के किसान नेताओं में मतभेद (split in the farmers leader) सामने आने लगे हैं. बुधवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Chadhuni Farmers Leader) ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दिल्ली कूच (Gurnam Chaduni withdrawn Delhi march) के फैसले को वापस ले लिया. उन्होंने कुछ किसान नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वीडियो में गुरनाम चढूनी कह रहे हैं कि पंजाब के कुछ किसान नेता हम लोगों से चिढ़ रहे हैं. वो हमारे प्रोग्राम को खराब कर रहे हैं. चढूनी ने कहा कि हरियाणा स्तर पर नकली एसकेएम भी बनाई जा रही है.
किसान नेता ने कहा कि हम लोगों को पंजाब में भी पंचायत और किसान रैली के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन ये वहां के कुछ पंजाबी किसान नेताओं को बर्दाश्त नहीं हो रहा. इस दौरान गुरनाम चढूनी ने बड़ा एलान भी किया. चढूनी ने कहा कि हम लोगों ने 25 नवंबर को दिल्ली कूच का आह्वान किया था. जिसमें हम वापस ले रहे हैं. चढूनी ने कहा कि अब दिल्ली कूच के लिए संयुक्त रूप से बड़ी कॉल दी गई है. उसके मुताबिक ही हमारी जो जिम्मेदारी लगेगी उसे हम निभाएंगे.
गुरनाम चढूनी ने कहा कि आंदोलन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अगर हमें झुकना भी पड़ेगा तो हम तैयार हैं. इस पवित्र आंदोलन को बचाने के लिए हम अपना सिर झुका भी सकते हैं और कटवा भी सकते हैं.
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बता दें कि 9 नवंबर को संयुक्त मोर्चा (samyukt kisan morcha meeting) ने आंदोलन के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बैठक की थी. बैठक के दौरान किसान संगठनों में फूट भी देखने को मिली थी. इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी समेत देश के सभी बड़े किसान नेता पहुंचे. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के नेता 26 नवंबर को दिल्ली कूच पर अड़े थे. जबकि संयुक्त किसान मोर्चा 29 नवंबर को दिल्ली कूच करने की बात पर अड़ा था. इसी बात को लेकर बैठक के बाहर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के किसानों ने हूटिंग की.