चंडीगढ़: हरियाणा में चौटाला शासन काल में 2004 में जीआरपी भर्ती में धांधली मामले में बुधवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल मामले में पुलिस वालों के खिलाफ कोई एविडेन्स सामने नहीं आया है. इस कारण सरकार इनको नौकरी से नहीं हटा सकती. सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.
हाई कोर्ट की नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने बेंच से आग्रह किया था कि यह भर्ती पूर्ण रूप से फर्जी हुई है. इसलिए इसे रद्द किया जाए. इस बाबत सीबीआई की रिपोर्ट में भी साफ कहा गया है कि भर्ती में उच्च स्तर पर घपला हुआ है. बैंच ने इस पर कहा था कि जब सीबीआई जांच में साफ हो चुका है कि भर्ती में धांधली हुई है तो वो किस बात का इंतजार कर रही है.
इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने सभी चयनित सिपाहियों को नोटिस जारी कर पुछा भी था कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए. इस मामले में बैंच को पूर्व में बताया गया था कि वर्तमान में 293 चयनित सिपाही ही अलग अलग जिलों में कार्यरत हैं. सभी को सीबीआई जांच और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस जारी कहा है क्यों न इस भ्रष्ट तरीके से की गई इस भर्ती को रद्द कर दिया जाए.
लेकिन बुधवार को हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल ट्रायल में पुलिस वालों के खिलाफ कोई भी एक एविडेन्स नहीं मिला जिस कारण सरकार इनको नहीं हटा रही.