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चौटाला शासनकाल में भर्ती हुए जीआरपी के सिपाहियों को राहत, पढ़ें पूरी खबर

बुधवार को हाइकोर्ट में एक बेहद गंभीर मामले पर सुनवाई हुई. मामला चौटाला शासन काल में जीआरपी भर्ती में धांधली का है. इस मामले में अब जीआरपी में हुए भर्ती पुलिस वालों की नौकरी नहीं जाएगी.

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Published : May 23, 2019, 2:48 AM IST

पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: हरियाणा में चौटाला शासन काल में 2004 में जीआरपी भर्ती में धांधली मामले में बुधवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल मामले में पुलिस वालों के खिलाफ कोई एविडेन्स सामने नहीं आया है. इस कारण सरकार इनको नौकरी से नहीं हटा सकती. सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.

हाई कोर्ट की नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने बेंच से आग्रह किया था कि यह भर्ती पूर्ण रूप से फर्जी हुई है. इसलिए इसे रद्द किया जाए. इस बाबत सीबीआई की रिपोर्ट में भी साफ कहा गया है कि भर्ती में उच्च स्तर पर घपला हुआ है. बैंच ने इस पर कहा था कि जब सीबीआई जांच में साफ हो चुका है कि भर्ती में धांधली हुई है तो वो किस बात का इंतजार कर रही है.

इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने सभी चयनित सिपाहियों को नोटिस जारी कर पुछा भी था कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए. इस मामले में बैंच को पूर्व में बताया गया था कि वर्तमान में 293 चयनित सिपाही ही अलग अलग जिलों में कार्यरत हैं. सभी को सीबीआई जांच और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस जारी कहा है क्यों न इस भ्रष्ट तरीके से की गई इस भर्ती को रद्द कर दिया जाए.

लेकिन बुधवार को हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल ट्रायल में पुलिस वालों के खिलाफ कोई भी एक एविडेन्स नहीं मिला जिस कारण सरकार इनको नहीं हटा रही.

चंडीगढ़: हरियाणा में चौटाला शासन काल में 2004 में जीआरपी भर्ती में धांधली मामले में बुधवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल मामले में पुलिस वालों के खिलाफ कोई एविडेन्स सामने नहीं आया है. इस कारण सरकार इनको नौकरी से नहीं हटा सकती. सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.

हाई कोर्ट की नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने बेंच से आग्रह किया था कि यह भर्ती पूर्ण रूप से फर्जी हुई है. इसलिए इसे रद्द किया जाए. इस बाबत सीबीआई की रिपोर्ट में भी साफ कहा गया है कि भर्ती में उच्च स्तर पर घपला हुआ है. बैंच ने इस पर कहा था कि जब सीबीआई जांच में साफ हो चुका है कि भर्ती में धांधली हुई है तो वो किस बात का इंतजार कर रही है.

इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने सभी चयनित सिपाहियों को नोटिस जारी कर पुछा भी था कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए. इस मामले में बैंच को पूर्व में बताया गया था कि वर्तमान में 293 चयनित सिपाही ही अलग अलग जिलों में कार्यरत हैं. सभी को सीबीआई जांच और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस जारी कहा है क्यों न इस भ्रष्ट तरीके से की गई इस भर्ती को रद्द कर दिया जाए.

लेकिन बुधवार को हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि क्रिमिनल ट्रायल में पुलिस वालों के खिलाफ कोई भी एक एविडेन्स नहीं मिला जिस कारण सरकार इनको नहीं हटा रही.

Intro:चौटाला शासनकाल में भर्ती हुए जीआरपी के सिपाहियों को राहतBody:
हरियाणा में चौटाला शासन काल में 2004 में  जीआरपी भर्ती में  धांधली मामले में हाईकोर्ट  हाई कोर्ट में हुई सुनवाई सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि क्रिमिनल मामले में पुलिस वालों के खिलाफ कोई एविडेन्स सामने नहीं आया इस कारण सरकार इनको नौकरी से नहीं हटा सकती ।सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया

 हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने बेंच से आग्रह किया था  कि यह भर्ती पूर्ण से से फर्जी हुई है इस लिए इस रद्द किया जाए। इस बाबत सीबीआई की रिपोर्ट में भी साफ कहा गया है कि भर्ती में उच्च स्तर पर घपला हुआ है।   

बैंच ने इस पर कहा था कि जब सीबीआई जांच में साफ हो चुका है कि भर्ती में धांधली हुई है तो वो किस बात का इंतजार कर रही हैं। 
इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने सभी चयनित सिपाहियों को नोटिस जारी कर पुछा भी  था  कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। इस मामले में बैंच को पूर्व में बताया गया था कि  वर्तमान में 293  चयनित सिपाही ही अलग अलग जिलों में कार्यरत हैं। सभी को सीबीआई जांच व कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस जारी कहा है क्यों न इस भ्रष्ट तरीके से की गई इस भर्ती को रद्द कर दिया जाए। 
लेकिन बुधवार को हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि क्रिमिनल ट्रायल में पुलिस वालों के खिलाफ कोई भी एक एविडेन्स नहीं मिला जिस कारण सरकार इनको नहीं हटा रही।

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