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यमुनानगर के इस ब्रह्मा सरोवर पर भगवान शिव ब्रह्मा हत्या दोष से हुए थे मुक्त, कपाल मोचन मेले की जानें खासियत - SKULL REDEMPTION FAIR 2024

सिक्खों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश उत्सव के मौके पर कपाल मोचन मेले का आयोजन किया गया.

Yamuna Nagar Skull Redemption Fair 2024
Yamuna Nagar Skull Redemption Fair 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 15, 2024, 3:30 PM IST

Updated : Nov 15, 2024, 4:18 PM IST

यमुनानगर: उत्तर भारत में सबसे बड़ा कपाल मोचन मेले के चौथे दिन ठीक 12 बजते ही आकाश एकदम से रंग-बिरंगा हो गया. जमकर आतिशबाजी की गई. कई प्रदेशों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई. प्रशासन के मुताबिक इस बार 8 लाख से ज्यादा लोग कपाल मोचन तीर्थ पर पहुंचे. कपाल मोचन मेले में कार्तिक पूर्णिमा की रात स्नान किया जाता है. मान्यता है कि यहां कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. कपाल मोचन में सिर्फ एक सरोवर नहीं है. बल्कि 3 सरोवर है.

श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होने की मान्यता: श्रद्धालुओं ने सभी सरोवरों पर स्नान किया और मनोकामनाएं की. रात के 12 बजते ही सभी सरोवरों पर आतिशबाजी की गई. श्रद्धालु एकदम से आस्था की डुबकी लगाने लगे. श्रद्धालु ने बताया कि कपाल मोचन आने से हमारे हर दुख दूर हो जाते हैं. हम यहां जो मन्नत मांगते हैं, वह पूरी हो जाती है. ऐसा नहीं है कि हम पहली बार इस मेले में आए हैं. हम लंबे समय से इस मेले में आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे.

Yamuna Nagar Skull Redemption Fair 2024 (Etv Bharat)

ब्रह्मा हत्या दोष से मुक्त हुए शिव: मेला प्रशासक का कहना है कि इस मेले में करीब 10 लाख लोग पहुंचे. इस बार मेले को खास बनाने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए थे. उन्होंने बताया कि यहां कई प्रदेशों से लोग पहुंचते हैं. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं. बता दें कि यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित कपाल मोचन तीर्थ उत्तर भारत का बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है. मान्यता है कि यहां सभी 33 कोटी देवी-देवता आए थे. वहीं, सिखों के गुरु श्री गुरु नानक देव और श्री गुरु गोविंद सिंह भी यहां आए थे. भगवान शिव यहीं पर ब्रह्मा हत्या दोष से मुक्त हुए थे. महाभारत के युद्ध के बाद पांडव यहां ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने आए थे.

कपाल मोचन मेले में लगता है लंगर: कपाल मोचन जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा हजारा सिंह पिछले 18 साल से लगातार 20 रुपये वाला लंगर लगाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. जो भी श्रद्धालु पंजाब और हरियाणा से कपाल मोचन मेले में जाते हैं. उनके लिए बाबा हजारा सिंह लंगर लगाते हैं. आने-जाने वाले हजारों श्रद्धालु यहां लंगर खाकर जाते हैं. श्रद्धालुओं के लिए यहां पर हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लंगर में रोटी, चावल, दाल, सब्जी, कड़ी, खीर, जलेबी और फल होते हैं. कपाल मोचन में जाने वाले श्रद्धालुओं ने यहां के लंगर की खूब तारीफ की. वहीं, लंगर में सेवा करने वाले सेवादार भी सेवा करके बहुत खुश है. उन्हें सेवा करके बहुत सुकून मिलता है. बाबा हजारा सिंह ने कहा कि 20 रुपये वाला लंगर परमेश्वर खुद कर रहा है.

ये भी पढ़ें: विश्व विख्यात कपाल मोचन मेले का आगाज, मंडल आयुक्त गीता भारती ने रिबन काटकर किया उद्घाटन

ये भी पढ़ें: देसी-विदेशी लोगों की पसंदीदा जगह और सुहाने मौसम में बिताएं अपनी छुट्टियां, 15 नवंबर तक होंगे स्पेशल कार्यक्रम

यमुनानगर: उत्तर भारत में सबसे बड़ा कपाल मोचन मेले के चौथे दिन ठीक 12 बजते ही आकाश एकदम से रंग-बिरंगा हो गया. जमकर आतिशबाजी की गई. कई प्रदेशों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई. प्रशासन के मुताबिक इस बार 8 लाख से ज्यादा लोग कपाल मोचन तीर्थ पर पहुंचे. कपाल मोचन मेले में कार्तिक पूर्णिमा की रात स्नान किया जाता है. मान्यता है कि यहां कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. कपाल मोचन में सिर्फ एक सरोवर नहीं है. बल्कि 3 सरोवर है.

श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होने की मान्यता: श्रद्धालुओं ने सभी सरोवरों पर स्नान किया और मनोकामनाएं की. रात के 12 बजते ही सभी सरोवरों पर आतिशबाजी की गई. श्रद्धालु एकदम से आस्था की डुबकी लगाने लगे. श्रद्धालु ने बताया कि कपाल मोचन आने से हमारे हर दुख दूर हो जाते हैं. हम यहां जो मन्नत मांगते हैं, वह पूरी हो जाती है. ऐसा नहीं है कि हम पहली बार इस मेले में आए हैं. हम लंबे समय से इस मेले में आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे.

Yamuna Nagar Skull Redemption Fair 2024 (Etv Bharat)

ब्रह्मा हत्या दोष से मुक्त हुए शिव: मेला प्रशासक का कहना है कि इस मेले में करीब 10 लाख लोग पहुंचे. इस बार मेले को खास बनाने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए थे. उन्होंने बताया कि यहां कई प्रदेशों से लोग पहुंचते हैं. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं. बता दें कि यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित कपाल मोचन तीर्थ उत्तर भारत का बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है. मान्यता है कि यहां सभी 33 कोटी देवी-देवता आए थे. वहीं, सिखों के गुरु श्री गुरु नानक देव और श्री गुरु गोविंद सिंह भी यहां आए थे. भगवान शिव यहीं पर ब्रह्मा हत्या दोष से मुक्त हुए थे. महाभारत के युद्ध के बाद पांडव यहां ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने आए थे.

कपाल मोचन मेले में लगता है लंगर: कपाल मोचन जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा हजारा सिंह पिछले 18 साल से लगातार 20 रुपये वाला लंगर लगाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. जो भी श्रद्धालु पंजाब और हरियाणा से कपाल मोचन मेले में जाते हैं. उनके लिए बाबा हजारा सिंह लंगर लगाते हैं. आने-जाने वाले हजारों श्रद्धालु यहां लंगर खाकर जाते हैं. श्रद्धालुओं के लिए यहां पर हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लंगर में रोटी, चावल, दाल, सब्जी, कड़ी, खीर, जलेबी और फल होते हैं. कपाल मोचन में जाने वाले श्रद्धालुओं ने यहां के लंगर की खूब तारीफ की. वहीं, लंगर में सेवा करने वाले सेवादार भी सेवा करके बहुत खुश है. उन्हें सेवा करके बहुत सुकून मिलता है. बाबा हजारा सिंह ने कहा कि 20 रुपये वाला लंगर परमेश्वर खुद कर रहा है.

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Last Updated : Nov 15, 2024, 4:18 PM IST
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